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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि सरकार कॉमन सर्विसेज सेंटर (सीएससी) के ग्रामीण स्तर के 5.5 लाख उद्यमियों को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का मुफ्त प्रशिक्षण दिलाएगी। इन उद्यमियों को इंडियाएआई मिशन के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार इस मिशन के तहत करीब 10 लाख लोगों को एआई से जुड़े हुनर सिखाना चाहती है।
सीएससी को काम करते हुए 10 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में वैष्णव ने ग्रामीण स्तर के उद्यमियों से भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में भी अपना पंजीकरण कराने की अपील की ताकि वे रेल टिकटों की बुकिंग भी शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि सरकार आधार का काम दोबारा देने के इन उद्यमियों के अनुरोध पर भी विचार करेगी।
कॉमन सर्विसेज सेंटर भारत सरकार के खास मकसद से तैयार किए केंद्र हैं, जो ग्रामीण और सुदूर इलाकों में रहने वालों को ई-गवर्नेंस और कारोबार से जुड़ी तमाम सेवाएं मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाती हैं।
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देश में अभी ग्रामीण स्तर के 5.5 लाख उद्यमी इन केंद्रों को चला और संभाल रहे हैं। सरकार ने 2015 में इस कार्यक्रम का नाम बदलकर सीएससी 2.0 कर दिया था, जिसके पीछे उसका उद्देश्य इन नेटवर्क को 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और सभी 6 लाख गांवों तक पहुंचाना था।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि पिछले 10 साल में सीएससी जन केंद्रित शासन के सरकार के लक्ष्य की सबसे अहम कड़ियों में शामिल हो गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘2014 में केवल 83,000 सीएससी थे मगर आज 5.75 लाख से ज्यादा केंद्र देश के दूर-दराज के कोनों में काम कर रहे हैं। इन केंद्रों के जरिये मुहैया कराई जा रही डिजिटल सेवाओं में आगे जाकर विस्तार होना चाहिए। हर किसी की डिजिटल जिंदगी में अहम पहलू बन गई साइबर सुरक्षा भी सीएससी में ध्यान दिया जाना चाहिए।’