राजकोषीय सुदृढ़ीकरण अब है केंद्र की बारी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण महज कुछ सप्ताह में अपना लगातार चौथा बजट पेश करेंगी। स्वतंत्र भारत में अब तक 23 वित्त मंत्री (तीन प्रधानमंत्रियों को छोड़कर) हुए हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में कम से कम एक बजट पेश किया है। परंतु इनमें से केवल आठ को लगातार चार बजट पेश करने का गौरव प्राप्त […]
प्रणव मुखर्जी के संस्मरण असलियत से किनारा?
दिवंगत प्रणव मुखर्जी के संस्मरणों के तीन खंड पढऩे के बाद यदि आप चौथा खंड द प्रेसिडेंशियल इयर्स (2012-17) पढ़ेंगे तो आपका ध्यान इस बात पर जाएगा कि उनका मिजाज बदल गया है और वह सच कहने से बच रहे हैं। मैं यह नहीं कह रहा कि उन्होंने झूठ लिखा है। वह केवल सच बयान […]
प्रणव मुखर्जी का वित्तमंत्री के तौर पर योगदान
भारत के केवल पांच वित्त मंत्रियों को ही अलग-अलग समय पर यह महत्त्वपूर्ण मंत्रालय दो बार संभालने का मौका मिला है। प्रणव मुखर्जी उन लोगों में से एक थे लेकिन बाकियों से एक बड़ा फर्क भी था। बाकी चारों ऐसे वित्तमंत्रियों- टी टी कृष्णमचारी, मोरारजी देसाई, यशवंत सिन्हा और पी चिदंबरम के दोनों कार्यकाल के […]
वैश्विक मंदी के दौर में अर्थव्यवस्था के केवट
विनम्र स्वभाव वाले प्रणव मुखर्जी को बचपन में घर पर सब पोल्टू कहकर बुलाते थे। 11 दिसंबर,1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में उनका जन्म हुआ था। उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी तथा माता राजलक्ष्मी मुखर्जी, दोनों ही स्वतंत्रता सेनानी थे। इंदिरा गांधी ने मुखर्जी की राजनीतिक प्रतिभा को पहचाना और […]
सियासी समझदारी के साथ देश को दिशा देने वाले राजनेता
वह 22 मई, 2004 की गर्म शाम थी। एक दिन बाद ही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का शपथ ग्रहण होने वाला था। गठबंधन सरकार बनाने और चलाने का कांग्रेस का यह पहला बड़ा दांव था। उस समय तमाम समाचार चैनल अगली सरकार के खाके और संभावित मंत्रियों के नामों पर अटकलबाजी में लगे थे। […]