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अर्थव्यवस्था

फिक्की ने लगाया 9.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

उद्योग मंडल फिक्की ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 9.1 प्रतिशत की दर से बढऩे की उम्मीद है। फिक्की ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के बाद अब आर्थिक सुधार अपनी पकड़ मजबूत करता दिखाई दे रहा है।  फिक्की के आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण में […]

लेख

वृद्धि के इंजन में ठहराव

क्या निजी खपत पर आधारित मांग, खासतौर पर आम परिवारों से उत्पन्न मांग महामारी के बाद भारत की वृद्धि को बहाल करने में मददगार हो सकती है? इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है। सकल घरेलू उत्पाद के ताजा आंकड़ों (अप्रैल-जून 2021 तिमाही) के मुताबिक निजी खपत का व्यय स्थिर रहा है। यह वृद्धि के […]

अर्थव्यवस्था

नोमुरा ने बढ़ाया 2022 के जीडीपी वृद्धि का अनुमान

कोविड के संक्रमण की दूसरी लहर के कारण ज्यादातर शहरों में आर्थिक गतिविधियां ठहर जाने के बावजूद नोमुरा ने 2022 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि का अनुमान 0.7 प्रतिशत बढ़ाकर 7.7 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा शोध एवं ब्रोकरेज हाउस ने उपभोक्ता मूल्य पर आधारित महंगाई दर (सीपीआई)  और चालू खाते […]

लेख

खुदरा के दम पर तेजी

सन 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 7.3 फीसदी घटने, कोविड महामारी की तबाही मचाती दूसरी लहर, लगातार मौतों और बेरोजगारी बढऩे की खबरों के बीच भी शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला बरकरार है। निफ्टी के मार्च 2020 के अंतिम दिनों में पहला लॉकडाउन लगाए जाने के बाद के निचले स्तर से 107 […]

अर्थव्यवस्था

संशोधित अनुमान से कम रहा राजकोषीय घाटा

वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 प्रतिशत रहा। यह वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान 9.5 प्रतिशत से कम है। उम्मीद से बेहतर राजस्व प्राप्तियों और खर्च व्यापक तौर पर संशोधित अनुमान के लक्षित स्तर पर रहने की वजह से ऐसा हुआ है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के […]

अर्थव्यवस्था

जीडीपी का 9 फीसदी रह सकता है राजकोषीय घाटा

मार्च 2021 में समाप्त वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2021) में सरकार का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के करीब 9 फीसदी रह सकता है जबकि संशोधित अनुमान 9.5 फीसदी का था। विशेषज्ञ कहते हैं कि हालांकि, चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का अंतर 6.8 फीसदी के बजट अनुमान से अधिक रह सकता है। […]

अर्थव्यवस्था

जीडीपी और जीवीए क्यों दे रहे आर्थिक रिकवरी के अलग संकेत?

वित्त वर्ष 21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) के आंकड़े आर्थिक रिकवरी के विरोधाभासी संकेत दे रहे हैं। दरअसल इन दोनों आंकड़ों की परिभाषा में अंतर की वजह से ऐसा हो रहा है। उदाहरण के लिए दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 8 प्रतिशत गिरावट का अनुमान […]

लेख

सुधार की राह

भारतीय अर्थव्यवस्था में कोविड-19 महामारी के कारण जो गिरावट आई थी, वह चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में समाप्त हो गई। ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सालाना आधार पर 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सकल मूल्यवद्र्घन जिसे आर्थिक गतिविधियों का बेहतर पैमाना माना […]

अर्थव्यवस्था

गिरावट से उबरी अर्थव्यवस्था

कोरोनावायरस महामारी के बीच भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष में लगातार दो तिमाही में गिरावट के बाद तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 0.4 फीसदी की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। हालांकि पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी में […]

अर्थव्यवस्था

वृद्धि में मामूली संकुचन या सुधार की आस

चालू वित्त वर्ष की दो तिमाहियों में लगातार अर्थव्यवस्था में संकुचन के बाद अब सबकी नजर तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर है। अर्थशास्त्री इस बात को लेकर बंटे हुए हैं कि तीसरी तिमाही में मंदी बनी हुई है, या अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर्ज होगी। अक्टूबर-दिसंबर 2020-21 तिमाही के बारे में […]