मंगलवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में घरेलू शेयर बाजार में गिरावट आई। कमजोर रुपये और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लगातार बिकवाली के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में नुकसान बढ़ा। भारत-अमेरिका संभावित व्यापार करार को लेकर बनी अनिश्चितता का भी बाजार धारणा पर असर पड़ा। हालांकि बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता का घरेलू आर्थिक विकास पर अभी तक खास असर नहीं पड़ा है।
इस सप्ताह अमेरिका के आर्थिक आंकड़े जारी होने से पहले सतर्क वैश्विक जोखिम माहौल ने भी इक्विटी में निवेशकों की दिलचस्पी को और कम कर दिया। सेंसेक्स 534 अंक या 0.6 प्रतिशत गिरकर 84,680 पर बंद हुआ। निफ्टी 167 अंक या 0.6 प्रतिशत गिरकर 25,860 पर बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 में 0.83 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.92 प्रतिशत की गिरावट आई।
विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के बीच कारोबारी सत्र के दौरान रुपया मनोवैज्ञानिक रूप से महत्त्वपूर्ण 91 रुपये प्रति डॉलर के निशान को पार कर गया और 91.08 के नए निचले स्तर पर पहुंचने के बाद 91.03 पर बंद हुआ। विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में अब तक 17,242 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं, जिससे सालाना आधार पर शुद्ध निकासी लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘एफपीआई की लगातार बिकवाली और कमजोर वैश्विक धारणा के कारण रुपये में निरंतर कमजोरी बनी रही जिससे घरेलू बाजार नकारात्मक दायरे में चले गए। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर लार्जकैप से पीछे रहे। आईटी, मेटल्स, बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जबकि खपत से जुड़े शेयरों ने सीमित सहारा दिया। मुद्रा में उतार-चढ़ाव और विदेशी निवेश को लेकर अनिश्चितता के बीच अस्थिरता अधिक रहने की उम्मीद है। अमेरिका-भारत ट्रेड डील पर प्रगति और रुपये का स्थिर होना महत्तवपूर्ण है। साथ ही, कमोडिटी की कीमतों में नरमी और कमाई में सुधार से मध्यम अवधि में सकारात्मक माहौल बन रहा है।’
मंगलवार को बाजार का रुख नकारात्मक रहा। बीएसई पर 2,578 शेयरों में गिरावट आई और 1,600 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में ऐक्सिस बैंक ने गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान दिया। एक ब्रोकरेज रिपोर्ट के बाद इस शेयर में 5 प्रतिशत की गिरावट आई। इस रिपोर्ट में दिसंबर तिमाही में बैंक के शुद्ध ब्याज मार्जिन पर लगातार दबाव की बात कही गई थी।