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बैंक

आरबीआई ने टाली एमपीसी की बैठक

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को अपने एक अप्रत्याशित बयान में कहा कि वह अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 29, 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को होने वाली बैठकें स्थगित कर रहा है। आरबीआई ने कहा कि वह संशोधित तारीखों की अधिसूचना बाद में जारी करेगा। आरबीआई ने अपने बयान में कहा, ‘मौद्रिक […]

अर्थव्यवस्था

एसऐंडपी ने रेटिंग रखी बरकरार

भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट के बीच रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एसऐंडपी) ने भारत की दीर्घ अवधि की सॉवरिन रेटिंग ‘बीबीबी-‘ बरकरार रखी है। ‘बीबीबी-‘ रेटिंग का मतलब है कि देश की दीर्घ अवधि की आर्थिक वृद्धि औसत से ऊपर है और दुनिया में इसकी साख मजबूत बनी हुई है। रेटिंग एजेंसी ने मौद्रिक […]

बाजार

अमेरिकी चुनाव से शेयर बाजार कुछ हफ्ते रह सकते हैं अस्थिर

पिछले कुछ दिनों से बाजारों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और यह ऊंचें स्तरों पर नहीं रुक सकता। यदि विश्लेषकों पर भरोसा किया जाए तो संकेत मिलता है कि बाजार अगले कुछ सप्ताहों तक अस्थिर बने रहेंगे। वैश्विक स्तर पर, आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, प्रमुख केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियों और लगभग सभी शहरों में […]

लेख

रिजर्व बैंक की बढ़ती जा रहीं चुनौतियां

महामारी के भयावह रूप धारण कर लेने से पिछले कुछ महीने मुश्किल भरे रहे हैं। मगर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इन मुश्किलों से बड़ी सहजता से पार पाने में सफल रहा है। केंद्रीय बैंक ने दर में कटौती, तरलता डालने और नकदी आपूर्ति में बढ़ोतरी समेत हरसंभव तरीके से अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है। आरबीआई […]

अर्थव्यवस्था

जीडीपी में 23.9 प्रतिशत गिरावट और लोगों की नौकरियां जाना अर्थव्यवस्था में मंदी?

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 23.9 फीसदी का संकुचन आने से ऐसा लगता है कि अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति जनित मंदी की चपेट में आ गई है। अर्थव्यवस्था में इतना अधिक संकुचन आने से लोगों की नौकरियां जा रही हैं और उपभोक्ता मूल्य महंगाई (सीपीआई) लगातार चौथे महीने भारतीय रिजर्व बैंक […]

कंपनियां

महामारी बढ़ी या टीके में विलंब हुआ तो बाजार गिरेगा

बीएस बातचीत एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी धीरज रेली का कहना है कि दुनियाभर के बाजार कोविड के बाद वृद्घि के पटरी पर लौटने का इंतजार कर रहे हैं और मौजूदा तथा संभावित नकारात्मक घटनाक्रम को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने ऐश्ली कुटिन्हो के साथ बातचीत में कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर […]

लेख

देश में आर्थिक सुधार के सफर पर एक नजर

मीडिया आर्थिक सुधारों से संबंधित अहम पलों को सनसनीखेज तरीके से पेश करता है। मसलन, मुद्र्रास्फीति लक्ष्य निर्धारण की व्यवस्था लागू करने वाली 20 फरवरी, 2015 या ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) विधेयक पारित होने की 11 मई, 2016 की तारीख। प्रतीकात्मक मील के पत्थरों की तरह ये तारीखें भले ही अहम हैं लेकिन […]

लेख

वृहद-आर्थिक स्थायित्व की चुनौतियां

कोविड-19 संकट ने भारतीय अर्थव्यवस्था के नीतिगत परिवेश को बेहद जटिल बना दिया है। अगली कुछ तिमाहियों में मौद्रिक नीति, वित्तीय क्षेत्र नियमन और राजकोषीय नीति से संबंधित निर्णयों का अर्थव्यवस्था पर स्थायी प्रभाव देखने को मिलेगा। जहां तक मौद्रिक नीति का सवाल है तो कुल मुद्रास्फीति कई महीनों से निर्धारित लक्ष्य के ऊपरी दायरे […]

लेख

महामारी के दौर में मौद्रिक नीति

मौद्रिक नीति की दिशा को लेकर काफी चिंताएं हैं। पिछले आठ में से सात महीनों में कुल मुद्रास्फीति 2 से 6 फीसदी सीपीआई मुद्रास्फीति के जरूरी दायरे से बाहर रही है। हालांकि मुद्रास्फीति आंकड़ा अप्रैल 2020 में कीमतों में तेजी दिखाता है जब लॉकडाउन ने आपूर्ति को बाधित कर दिया था। आपूर्ति बाधाओं के कमजोर […]

लेख

पुरानी नीतियों की वापसी

आर्थिक परिस्थितियां कठिन होती जा रही हैं। राजकोषीय नीति से जुड़े आंकड़े चेतावनी दे रहे हैं। जून तिमाही में व्यय, राजस्व का 5.4 गुना था! मौद्रिक नीति में भी कोई गुंजाइश नहीं है। गुरुवार को यह देखने को भी मिला। दरअसल मुद्रास्फीतिक समायोजन के बाद वास्तविक नीतिगत दरें पहले ही ऋणात्मक हैं। एक ओर जहां […]