हजीरा (गुजरात), 19 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सूरत के हजीरा में लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) के आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स (एएससी) का उद्घाटन किया। भारत की यह पहली निजी निर्माण इकाई होगी जहां स्व-चालित के9 वज्र होवित्जर तोपों का निर्माण किया जाएगा।
‘एल एंड टी’ ने 2017 में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय सेना को के9 वज्र-टी 155 मिलिमीटर ‘ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड’ तोप प्रणालियों की 100 इकाइयों की आपूर्ति करने के लिए 4,500 करोड़ रुपये का अनुबंध हासिल किया था।
मोदी ने ट्वीट किया, “मैं अत्याधुनिक के9 वज्र स्वचालित होवित्जर के निर्माण के लिए लार्सन एंड टुब्रो की समूची टीम को बधाई देता हूं। यह भारत के रक्षा क्षेत्र एवं देश की सुरक्षा के दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान है।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया, “रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने का हमारा प्रयास है। मैं खुश हूं कि निजी क्षेत्र भी इस प्रयास के लिए मदद और अहम योगदान दे रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने एक टैंक में खड़े होकर अपने ट्विटर हैंडल पर एक छोटा सा वीडियो भी साझा किया।
उन्होंने ट्वीट किया, “हजीरा में एल एंड टी के आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स में टैंकों का मुआयना करते हुए।”
कंपनी ने इन तोपों के निर्माण के लिए सूरत से करीब 30 किलोमीटर दूर अपने हजीरा स्थित केंद्र में आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स स्थापित किया है, जहां स्व-चालित होवित्जर तोपें, भविष्य के इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल, भविष्य के लिए तैयार लड़ाकू वाहनों और भविष्य के मुख्य युद्धक टैंकों जैसे उन्नत बख्तरबंद वाहनों का निर्माण किया जाएगा।
एल एंड टी 775 एकड़ के हजीरा निर्माण परिसर के भीतर 40 एकड़ में फैला एएससी के-9 वज्र तोपों के उत्पादन कार्यक्रम का निष्पादन कर रहा है।
‘के9 वज्र’ अनुबंध के तहत 42 महीनों के अंदर 100 ऐसी प्रणालियों की आपूर्ति शामिल है। यह रक्षा मंत्रालय द्वारा किसी निजी कंपनी को दिया गया सबसे बड़ा अनुबंध है।
एल एंड टी ने इन तोपों के लिए दक्षिण कोरियाई कंपनी हानवाह कॉर्पोरेशन के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, कोरिया गणतंत्र के रक्षा अधिग्रहण मंत्री वांग जुंग होंग और एल एंड टी समूह के प्रमुख ए एम नाइक भी शनिवार को इस उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे।
एल एंड टी डिफेंस के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष जे डी पाटिल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस केंद्र को भारत में पूर्ण विकसित युद्धक टैंक के निर्माण को संभव बनाने के लिए विकसित किया गया है।
पाटिल ने कहा, “400 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को शामिल करने और 13,000 पुर्जों को स्वदेश में विकसित कर कंपनी बिना किसी बाहरी मदद पर निर्भर हो एक पूर्ण स्वदेशी युद्धक टैंक विकसित करने की दिशा में बढ़ रही है।”
भाषा