एक बड़े सीमापार कानूनी विवाद में संकटग्रस्त एडटेक कंपनी Byjus के संस्थापक बैजू रवींद्रन अमेरिका की अदालतों के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इससे यह साबित होगा कि ग्लास ट्रस्ट और समाधान पेशेवरों ने डेलावेयर, भारत और अन्य अदालतों के साथ-साथ आमलोगों को भी बार-बार गुमराह किया कि बैजूस के संस्थापकों द्वारा 53.3 करोड़ डॉलर (अल्फा फंड्स) का गबन किया गया था।
गुरुवार को मीडिया के साथ साझा किए गए ये साक्ष्य डेलावेयर दिवाला अदालत के 20 नवंबर, 2025 के पूरे आदेश के खिलाफ एक पूर्ण अपील के हिस्से के रूप में और संबंधित पक्षों के खिलाफ पूर्व में घोषित 2.5 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के दावे के हिस्से के रूप में प्रस्तुत
किए जाएंगे।
इसके अलावा, विभिन्न संकटों से घिरी एडटेक फर्म बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (टीएलपीएल) के संस्थापक रवींद्रन ने डेलावेयर दिवाला अदालत में अलग से भी एक याचिका दायर की है। इस बारे में उनकी टीम ने कहा है कि यह अदालत के समय से पहले दिए गए हर्जाने के फैसले को सही करने के लिए है। रवींद्रन की कानूनी टीम ने कहा कि यह याचिका यह स्थापित करती है कि हर्जाने का फैसला समय से पहले दिया गया था और मूल्य पर किसी भी बहस के बिना जारी किया गया था और ग्लास ट्रस्ट ने सार्वजनिक सुनवाई से पहले सितंबर के अंत में हर्जाने के निर्धारण के अपने अनुरोध को वापस ले लिया था। याचिका की एक प्रति बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी देखी है।
रवींद्रन की कानूनी टीम ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अदालत ने अपने डिफॉल्ट फैसले में रवींद्रन को दंडित करने का निर्णय लेते समय अनजाने में हर्जाने का एक पंचाट शामिल कर दिया, जिसे केवल त्वरित आधार पर दस्तावेज और जानकारी प्रदान करने में विफल रहने के लिए एक दंड के रूप में दिया गया था। अदालत ने ग्लास ट्रस्ट के किसी भी दावे के गुण-दोष के आधार पर कोई दायित्व निर्धारित नहीं किया और रवींद्रन ने उन दावों के खिलाफ कोई बचाव नहीं किया।
रवींद्रन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पिछले दो साल से ग्लास ट्रस्ट मेरी और कंपनी के अन्य संस्थापकों की छवि धूमिल करने में लगा है। वह जानबूझकर एक ऐसी कहानी को बार-बार गढ़ रहा है जो झूठी है। आज, उनके अपने दस्तावेज सच्चाई उजागर कर रहे हैं। इस धनराशि का इस्तेमाल टीएलपीएल और हमारे प्रभावशाली विस्तार के लाभ के लिए किया गया था। यह बेहद अपमानजनक है कि मुझ पर इस तरह से हमला किया गया है और उससे भी जरूरी बात यह है कि बैजूस के ग्राहक और कर्मचारी इन ऋणदाताओं और ग्लास ट्रस्ट के विशुद्ध लालच पर आधारित इस हमले से प्रभावित हुए हैं।’
रवींद्रन ने आगे कहा, ‘इन पक्षों को अब अदालतों के सामने लाया जाएगा और उन्हें कुछ बेहद कठिन सवालों के जवाब देने होंगे। काश मैं और कुछ कह पाता, लेकिन मुझे सलाह दी गई है कि मैं अपनी टिप्पणियों को सीमित रखूं क्योंकि मैं और अन्य संस्थापक निकट भविष्य में इन पक्षों के खिलाफ मुकदमा दायर करेंगे।’
बताया जा रहा है कि आने वाले हफ्तों में रवींद्रन यही साक्ष्य भारतीय अदालतों के साथ साझा करेंगे। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर जानकारी लेने के लिए ग्लास ट्रस्ट को एक ईमेल भेजा गया है।