आईपीओ निवेशकों के लिए मिलाजुला साल | सुंदर सेतुरामन / मुंबई April 01, 2022 | | | | |
आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के निवेशकों के लिए वित्त वर्ष 2021-22 मिले-जुले रिटर्न वाला साल रहा। साल के दौरान सूचीबद्ध होने वाली 52 कंपनियों में से आधी ही निफ्टी को मात देने वाला रिटर्न सृजित करने में कामयाब रही। कुल 52 सूचीबद्ध कंपनियों में से 19 के शेयर अभी अपने-अपने आईपीओ भाव से नीचे कारोबार कर रहे हैं और चार की ट्रेडिंग 50 फीसदी से भी ज्यादा नीचे पर हो रही है।
वित्त वर्ष 22 में बेंचमार्क निफ्टी 19 फीसदी चढ़ा, हालांकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 70 फीसदी चढ़ा था। बाजार में ठीक-ठाक बढ़ोतरी ने आईपीओ से लिए बेहतर जमीन मुहैया करा दी और इसके जरिए रिकॉर्ड 1.2 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। पांच शेयरों सिगाची इंडस्ट्रीज, पारस डिफेंस ऐंड स्पेस टेक्नोलॉजी, लेटेंट व्यू एनालिटिक्स, तत्व चिंतन फार्मा और जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स का शेयर सूचीबद्धता के दिन ही अपने इश्श्यू प्राइस के मुकाबले दोगुना हो गया।
आईपीओ शेयरों का मिला-जुला प्रदर्शन द्वितीयक बाजार में उतारचढ़ाव ज्यादा होने की पृष्ठभूमि मेंं देखने को मिला, खास तौर से साल के दूसरे हिस्से में। फेडरल रिजर्व के कदम, वैश्विक तकनीकी शेयरों मेंं बिकवाली और रूस व यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे घटनाक्रम का देसी आईपीओ बाजार पर असर पड़ा। पहले दिन जिन 15 शेयरोंं ने नुकसान के साथ कारोबार की समाप्ति की उनमें वन97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) और रेटगेन ट्रैवल टेक्नोलॉजिज का प्रदर्शन सबसे खराब रहा और उनमें क्रमश: 27 फीसदी व 15 फीसदी का नुकसान दर्ज हुआ।
साल का मुख्य घटनाक्रम नई पीढ़ी की कंपनियों मसलन जोमैटो, पीबी फिनटेक, नायिका और पेटीएम की सूचीबद्धता रहा। उनमेंं से ज्यादातर का प्रदर्शन हालांकि बेहतर हा, लेकिन इस साल उत्साह ठंडा पड़ गया क्योंंकि अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में इजाफे ने नुकसान वाली कंपनियों को लेकर निवेशकों को चिंतित कर दिया।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, नई पीढ़ी की कंपनियों को लेकर काफी ज्यादा प्रचार हुआ था, लेकिन उनमें से ज्यादातर या तो सूचीबद्धता के दिन या उसके बाद तेजी से टूटे। इन आईपीओ को लेकर लोगों की राय अलग-अलग थी। नई पीढ़ी इन शेयरों को लेकर तेजी का नजरिया अपनाए हुए थी। लेकिन प्रदर्शन के लिहाज से ये कंपनियां कमजोर पड़ गईं। खुदरा निवेशकों के लिए सबक यह रहा कि जब द्वितीयक बाजार में निवेश की बात आती है तो सकारात्मक नकदी प्रवाह होना चाहिए या फिर भविष्य में नकदी प्रवाह को लेकर स्पष्टता होनी चाहिए।
विश्लेषकों ने कहा कि ऐसे आईपीओ को लेकर सही लाभार्थी प्राइवेट इक्विटी व वेंचर कैपिटल फंड रहे, जो अपनी हिस्सेदारी को आकर्षक मूल्यांकन पर बेचने मेंं कामयाब रहे।
सैमको सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख वाई शाह ने कहा, तेजी के बाजार को देखते हुए उल्लास के माहौल ने प्राथमिक बाजार को अपनी गिरफ्त में ले लिया और प्रवर्तकों व पीई-वीसी निवेशकों को कंपनियों से बेहतर मूल्यांकन की मांग का मौका दे दिया। तेजी से कमाई के चक्कर में सभी निवेशक इस ओर दौड़ पड़े और यह भी नहींं देखा कि कीमत सही है या नहीं। निवेशक यह जानने में नाकाम रहे कि जब स्थितियां पलटेंगी तो ये कंपनियां काफी तेजी से कमजोर प्रदर्शन करेंगी।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि आईपीओ की रफ्तार वित्त वर्ष 23 में बनी रहेगी और बड़ी कंपनियां मसलन एलआईसी, एसबीआई म्युचुअल फंड, डेल्हिवरी और फार्मईजी की सार्वजनिक निर्गम लाने की योजना है।
हालांकि पिछले वित्त वर्ष जैसी अधिकता शायद इस साल नहीं रह सकती है।
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