बैंकों से कार्यशील पूंजी नहीं ले रही पेटीएम | दीपशेखर चौधरी / बेंंगलूरु March 27, 2022 | | | | |
पर्याप्त नकदी के कारण पेटीएम बैंकों की अल्पावधि वाली कार्यशील पूंजी की सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। इसके परिणामस्वरूप मूल कंपनी व उसकी सहायकों की मौजूदा परिसंपत्तियों पर प्रभार पिछले हफ्ते हटा दिया गया।
कंपनी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
तीसरी तिमाही के नतीजे में कंपनी ने कहा था कि उसके पास शुद्ध नकदी, नकदी समकक्ष और निवेश योग्य शेष 10,215 करोड़ रुपये की है। फरवरी में नियामकीय सूचना में यह भी कहा गया था कि कंपनी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम मेंं जुटाई गई रकम 8,113 करोड़ रुपये में से महज 141 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया है।
बेंंगलूरु की एक फिनटेक स्टार्टअप के मुख्य वित्तीय अधिकारी ने कहा, कंपनियां कभी-कभी अल्पावधि वाले कार्यशील पूंजी के कर्ज का भुगतान कर देती है जब उसके पास बैंक में बड़ी पूंजी जमा होती है। इससे उन्हें अपना कोलेटरल वापस लेने में मदद मिलती है, जो महज कंपनी का हिस्सा हो सकता है, जो तकनीकी कंपनियों के मामले में इक्विटी में तब्दील करने योग्य होता है। उनके मुताबिक, टेक कंपनियां बौद्धिक संपदा मसलन पेटेंट व सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी कोलेटरल की तरह कर सकती है लेकिन भारत में वित्तीय संस्थान सामान्य तौर पर ऐसी व्यवस्था पर सहमति नहीं जताते।
पेटीएम का शेयर शुक्रवार को बीएसई पर 546.20 रुपये पर बंद हुआ, जो आईपीओ कीमत 2,150 रुपये से 75 फीसदी नीचे है। बुधवार को पेटीएम का शेयर अब तक के निचले स्तर 520 रुपये को छू लिया था।
कंपनी का शेयर ऐसे समय में काफी ज्यादा टूटता रहा है जब तकनीकी कंपनियों के शेयर की कीमत दुनिया भर में दुनिया भर में पिटाई हुई है। हालांकि पेटीएम ने विश्लेषकों के गुस्से का भी सामना किया है जिन्होंने कर्ज वितरण व कम स्प्रेड वाले कारोबारी मॉडल से आय पर सवाल उठाया है।
दिसंबर तिमाही में पेटीएम का राजस्व सालाना आधार पर 89 फीसदी बढ़कर 1,456 करोड़ रुपये रहा था, वहीं शुद्ध नुकसान 778 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।
|