वित्त कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों को वित्त वर्ष 2023 में अपनी वृद्धि का लक्ष्य हासिल करने के लिए 1.8-2.2 लाख करोड़ रुपये की जरूरत महसूस हो सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह बात कही है। इस रेटिंग एजेंसी के अनुसार इस क्षेत्र के लिए नकदी की उपलब्धता पर्याप्त रही है और इकाइयां अगले तीन महीनों के भुगतान के लिए रकम का प्रावधान कर चल रही हैं। चालू वित्त वर्ष में प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) में वृद्धि कम रहने से पूर्व के अनुमान की तुलना में कुछ अतिरिक्त रकम का बंदोबस्त करने की जरूरत आन पड़ी है। रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस क्षेत्र की कंपनियों ने रकम जुटाने के स्रोत भी बढ़ाए लिए हैं। इक्रा ने कहा कि उन्हें इसके लिए थोड़ी अधिक कीमत भी चुकानी पड़ रही है। बाह्य वााणिज्यिक उधारी (ईसीबी) सहित फिक्स्ड डिपॉजिट और अन्य स्रोतों से प्राप्त रकम की हिस्सेदारी बढ़ी है। हालांकि इनके लिए बैंक अब भी पूंजी के लिए एक बड़े स्रोत हैं। एनबीएफसी और एचएफसी का कारोबार वित्त वर्ष 2022 में 5-8 प्रतिशत दर से बढ़ सकता है और वित्त वर्ष 2023 में यह 8-10 प्रतिशत के बीच रह सकती है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में सुस्त प्रदर्शन और वाहन आपूर्ति और आवास खंड में समय पूर्व भुगतान से वित्त वर्ष 2022 में वृद्धि दर पर असर हो सकता है। आय की संभावनाओं पर इक्रा ने कहा कि ऋण पर लागत कम होने से चालू एवं अगले वित्त वर्ष में इन कंपनियों की कमाई अच्छी रह सकती है।
