एथनॉल मिश्रण लक्ष्य के करीब | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली February 27, 2022 | | | | |
तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) और चीनी मिलों द्वारा अब तक पेश किए गए और तय किए गए मात्रा को कोई संकेत मानें तो भारत आपूर्ति वर्ष 2021-22 में देश भर में न्यूनतम औसतन 10 फीसदी एथनॉल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने जा रहा है। व्यापार और उद्योग के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
यदि सभी प्रस्तावित निवेश समय पर होते हैं तो एथनॉल मिश्रण 10 फीसदी से अधिक हो सकता है और जब नई इकाइयां एथनॉल की आपूर्ति आरंभ कर देंगी तो यह करीब 11 फीसदी पर पहुंच सकता है। 2020-21 आपूर्ति वर्ष में भारत ने 8.1 फीसदी एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया था जो कि उस समय का सर्वाधिक स्तर था। एथनॉल आपूर्ति वर्ष दिसंबर से आरंभ होकर जनवरी तक होता है।
व्यापार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 2021-22 में 10 फीसदी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 4.37 अरब लीटर एथनॉल की आवश्यकता है जिसमें से 4.20 अरब लीटर पहले ही निविदाओं के माध्यम से पेश किए जा चुके हैं और तेल विपणन कंपनियों द्वारा खरीदे जाने के लिए निर्धारित किए जा चुके हैं। उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह मौजूदा परिस्थिति है। इस वर्ष जनवरी और नवंबर के बीच करीब 72 नए आसवक आ जाएंगे जो एथनॉल आपूर्ति की मात्रा को बढ़ाएंगे। इसलिए हमें काफी उम्मीद है कि साल के अंत तक हम 11 फीसदी सालाना औसत मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।'
अब तक पहले ही एथनॉल की उपलब्ध मात्रा से 8.93 फीसदी मिश्रण के लक्ष्य को हासिल किया जा चुका है और इसलिए 10 फीसदी के लक्ष्य तक पहुंचना वास्तविकता नजर आ रही है। आंकड़ों से पता चलता है कि 16 फरवरी तक तेल विपणन कंपनियों ने 2021-22 में 3.76 अरब लीटर एथनॉल के लिए समझौता किया है जिसमें से 0.74 अरब लीटर की आपूर्ति पहले ही की जा चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक 2025 तक 20 फीसदी मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश में 10-11 अरब लीटर एथनॉल की आवश्यकता पड़ेगी जिसमें से 6-6.5 अरब लीटर गन्ने से तैयार किया जाएगा और बाकी मक्का तथा अनाज आधारित स्रोतों से प्राप्त होगा।
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