मूडीज ने घटाई भारत की रेटिंग | |
पुनीत वाधवा / नई दिल्ली 06 01, 2020 | | | | |
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (मूडीज) ने भारत की विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा में दीर्घावधि की रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया है। इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने इसके परिदृश्य को नकारात्मक बनाए रखा है। रेटिंग एजेंसी ने भारत की स्थानीय मुद्रा की दीर्घावधि रेटिंग भी बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दी है। इसके साथ ही अल्पावधि में स्थानीय मुद्रा की रेटिंग पी-2 से कम कर पी-3 कर दी है। एजेेंसी ने इसके परिदृश्य को नकारात्मक बनाए रखा है।
मूडीज ने देर शाम विज्ञप्ति जारी कर कहा, 'भारत की रेटिंग घटाने का निर्णय इसलिए किया गया है क्योंकि मूडीज का मानना है कि देश के नीति-निर्माता संस्थान नीतियों को प्रभावी तरीके से लागू करने में चुनौतियों का सामना करेंगे। इससे कम वृद्धि का जोखिम थोड़े समय तक बना रह सकता है और सरकार की राजकोषीय स्थिति पर भी दबाव बढ़ेगा। मूडीज ने अपने बयान में कहा कि भारत लंबे समय से अपनी क्षमता की तुलना में अपेक्षाकृत कम वृद्धि हासिल कर रहा है, वहीं इसका कर्ज बोझ बढ़ रहा है जिससे किफायती कर्ज हासिल करने की क्षमता कम होगी और वित्तीय प्रणाली पर दबाव बना हुआ है। हालांकि बीएए3 रेटिंग निवेश ग्रेड की रेटिंग मानी जाती है और भारत निवेश ग्रेड वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। मूडीज ने प्रभावी सुधारों की उम्मीद में भारत की रेटिंग को नवंबर 2017 में बढ़ाकर बीएए2 किया था। रेटिंग एजेंसी का मानना था कि इससे सॉवरिन क्रेडिट प्रोफाइल सुदृढ़ होगा। लेकिन इन सुधारों का क्रियान्वयन प्रभावी तरीके से नहीं किया गया और इससे अपेक्षाकृत सुधार नहीं हुआ जो सीमित नीतिगत प्रभाविता को इंगति करता है।
मूडीज ने कहा, 'ताजा कदम कोरोनावायरस महामारी के संदर्भ में उठाया गया है, लेकिन यह महामारी के प्रभाव से प्रेरित नहीं है। रेटिंग एजेंसी ने स्थितियों का आकलन कर नकारात्मक परिदृश्य पिछले साल ही दिया था।'
जीडीपी वृद्धि
अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने इस कदम को लेकर पहले चेताया था और राजकोषीय स्थिति को देखते हुए सरकार ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान भी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा प्रोत्साहन नहीं दिया। हालांकि रेटिंग एजेंसी ने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2020 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तेजी से संकुचन होगा लेकिन आने वाले वर्षों में इसमें अच्छी-खासी वृद्धि की भी उम्मीद जताई गई है। रेटिंग एजेंसी ने एक नोट में कहा है, 'मूडीज का अनुमान है कि कोरोनावायरस के प्रभाव और लॉकडाउन की वजह से भारत की वास्तविक जीडीपी वित्त वर्ष 2020 में 4 फीसदी तक घट सकती है। लेकिन वित्त वर्ष 2021 में यह 8.7 फीसदी और उसके बाद के साल में 6 फीसदी के करीब रह सकती है।'
कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार नेे 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया लेकिन मूडीज का मानना है कि ये कदम अपर्याप्त हैं और निकट भविष्य में ये उपाय वृद्धि दर में तेजी लाने में सक्षम नहीं होंगे।
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