पिछले दस महीनों में पहली बार अप्रैल मेें मोटरसाइकिल और स्कूटरों के डिस्पैच में सालाना आधार पर वृद्धि दर्ज की गई है। वाहन विनिर्माताओं की ओर से जारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है। वाहन उद्योग के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि शादी-ब्याह एवं त्योहारी सीजन की अटकी हुई मांग और फसल की जल्द कटाई होने से दोपहिया वाहनों को रफ्तार मिली। पिछले साल के कम आधार ने कंपनियों के प्रदर्शन को कहीं अधिक आकर्षक बना दिया।
दोपहिया वाहन बनाने वाली शीर्ष छह कंपनियों- हीरो मोटोकॉर्प, होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर इंडिया, टीवीएस मोटर, बजाज ऑटो, सुजूकी मोटरसाइकिल, रॉयल एनफील्ड और सुजूकी मोटरसाइकिल इंडिया- का एकीकृत डिस्पैच इस साल अप्रैल में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 19.8 फीसदी बढ़कर 11,19,299 वाहन हो गया। एक साल पहले अप्रैल में यह आंकड़ा 9,34,221 वाहन रहा था। भारत में वाहन कंपनियांडीलरों को हुए डिस्पैच को बिक्री मानती हैं।
हालांकि दोपहिया वाहनों की बिक्री रफ्तार में तेजी अधिक समय तक बरकरार रहने के आसार कम ही दिख रहे हैं। कच्चे माल की ऊंची कीमतों के कारण मांग प्रभावित होने की आशंका है। कच्चे माल की लागत बढऩे से वाहन कंपनियों पर मूल्य वृद्धि का दबाव बढ़ेगा जिससे मांग प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा सेमीकंडक्टर की किल्लत जारी रहने से आपूर्ति को झटका लगेगा। साथ ही, आय अर्जित करने वालों को वैश्विक महामारी के आर्थिक प्रभाव से उबरना अभी बाकी है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के अनुसंधान प्रमुख मितुल शाह ने कहा, ‘बिक्री पर दबाव बरकरार रह सकता है क्योंकि विनिर्माताओं द्वारा संभावित मूल्य वृद्धि सहित मांग एवं आपूर्ति पक्ष की समस्याओं से खरीदारों को झटका लगेगा।’ उन्होंने आशंका जताई कि दोपहिया कंपनियों के मार्जिन में गिरावट दिख सकती है क्योंकि जिंस कीमतों में तेजी के कारण विनिर्माताओं पर लागत का दबाव बढ़ रहा है और लागत संबंधी बोझ को आगे सरकारने के लिए उनके पास अधिक गुंजाइश नहीं होगी।
क्रिसिल के निदेशक हेमल ठक्कर ने भी इससे सहमति जताते हुए कहा, ‘यह रफ्तार कुछ ही महीनों तक बरकरार रहने की संभावना है।’ एजेंसी ने उम्मीद जताई कि इस श्रेणी के लिए वित्त वर्ष का अंत लगभग स्थिर रहेगा। ठक्कर ने कहा कि यदि मॉनसून सामान्य नहीं रहा तो दबाव कहीं अधिक होगा।
दोपहिया बाजार की अग्रणी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प बिक्री में तेजी के मोर्चे पर भी आगे रही। कंपनी के मासिक डिस्पैच में सालाना आधार पर 12.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी का कहना है कि अर्थव्यवस्था के खुलने और सरकार के समर्थन से वृद्धि को रफ्तार मिली।
अप्रैल में टीवीएस मोटर के डिस्पैच में सालाना आधार पर 37 फीसदी की दमदार वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी ने एक बयान में कहा कि सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कमी आने से प्रीमियम दोपहिया वाहनों का उत्पादन और बिक्री प्रभावित हुई। कंपनी ने कहा, ‘हमारे नए उत्पादों को ग्राहकों ने खूब पसंद किया है और हमें उम्मीद है कि सेमीकंडक्टर की आूपर्ति में सुधार होते ही मात्रात्मक बिक्री बढ़ेगी।’
सेमीकंडक्टर की किल्लत के कारण बजाज ऑटो को भी झटका लगा है। अप्रैल में कंपनी की बिक्री में सालाना आधार पर 26 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने पिछले सप्ताह कहा था कि सेमीकंडक्टर की उपलब्धता के लिहाज से अप्रैल बजाज ऑटो के लिए सबसे खराब महीना रहा। बजाज ने घरेलू मात्रात्मक बिक्री पर 15 से 20 फीसदी प्रभाव पडऩे की आशंका जताई है।
सुजूकी मोटरसाइकिल की बिक्री में सालाना आधार पर 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। सुजूकी मोटरसाइकिल इंडिया के प्रबंध निदेशक सतोशी उचिदा ने कहा कि उद्योग इस वैश्विक महामारी और सेमीकंडक्टर किल्लत के कारण पैदा हुई चुनौतियों से लगातार उबर रहा है।
