Hockey Asian Champions Trophy: टूर्नामेंट में अजेय रही भारतीय हॉकी टीम ने मंगलवार को मेजबान चीन को कड़े मुकाबले में 1.0 से हराकर पांचवीं बार एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब जीता। पहले तीन क्वार्टर तक कोई टीम गोल नहीं कर सकी। आखिर में डिफेंडर जुगराज सिंह ने फील्ड गोल करके टीम को जीत दिलाई।
हरमनप्रीत सिंह की टीम के लिये यह मुकाबला कतई आसान नहीं था। पहले तीन क्वार्टर में चीनी डिफेंडरों ने भारत को गोल करने का कोई मौका नहीं दिया । पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के लिये 51वें मिनट में जुगराज ने गोल किया। चीन दूसरी बार ही किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का फाइनल खेल रहा था।
इससे पहले उसने एशियाई खेल 2006 फाइनल खेला था जिसमें उसने कोरिया ने 3.1 से हराया था। इससे पहले पाकिस्तान ने कोरिया को 5 . 2 से हराकर छह टीमों के टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया।
खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में उतरी भारतीय टीम ने पहले लीग मैच में चीन को 3.0 से हराया था लेकिन फाइनल मुकाबला काफी कठिन रहा। पहले दो क्वार्टर में भारत ने गोल करने के कई मौके बनाये लेकिन चीन भी जवाबी हमले में पीछे नहीं था।
राजकुमार पाल ने पहला हमला बोला जिसे चीन के गोलकीपर वांग वेइहाओ ने बचा लिया। राजकुमार ने दसवें मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन हरमनप्रीत सिंह गोल नहीं कर सके। दो मिनट बाद नीलाकांता शर्मा का शॉट वांग ने बचाया और अगले मिनट सुखजीत सिंह को गोल नहीं करने दिया। पहले क्वार्टर से कुछ सेकंड पहले भारत ने पेनल्टी कॉर्नर गंवाया लेकिन कृशन बहादुर पाठक गोल के सामने मुस्तैद थे।
दूसरे क्वार्टर में भी कहानी यही रही जब गेंद पर नियंत्रण में भारत ने बाजी मारी लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी । भारत को 27वें मिनट में सुखजीत ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन हरमनप्रीत का शॉट गोलपोस्ट से टकरा गया।
दूसरे हाफ में चीनी फारवर्ड पंक्ति ने लगातार हमले बोले और 38वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन भारतीय डिफेंस चौकस था। चीन को 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिन पर भारतीय गोलकीपर पाठक ने गोल नहीं होने दिया।
भारत के गोल के सूत्रधार हरमनप्रीत रहे जो जबर्दस्त स्टिक वर्क दिखाते हुए चीनी सर्कल में घुसे और जुगराज को गेंद सौंपी जिसने गोल करने में कोई चूक नहीं की। हूटर से चार मिनट पहले चीन ने अपने गोलकीपर को हटाकर अतिरिक्त खिलाड़ी को उतारा लेकिन बराबरी का गोल नहीं कर सका।
एशियन पुरुष हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का इतिहास
एशियन पुरुष हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी का पहला संस्करण 2011 में खेला गया था। इसमें भारत, पाकिस्तान, मलेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन ने हिस्सा लिया। भारत ने राजपाल सिंह की कप्तानी में इस टूर्नामेंट का पहला खिताब जीता। 2011 के फाइनल में भारत ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में हराया था। 2012 में पाकिस्तान ने अगले संस्करण में भारत को हराकर खिताब जीता। इसके बाद कुछ वर्षों तक पुरुषों का खिताब भारत और पाकिस्तान के बीच बारी-बारी से जाता रहा, लेकिन 2021 में दक्षिण कोरिया ने इस सिलसिले को तोड़ा और खिताब अपने नाम किया।
हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी में विजेताओं और उपविजेताओं की पूरी लिस्ट |
साल | विजेता | उप-विजेता |
2024 | भारत | चीन |
2023 | भारत | मलेशिया |
2021 | दक्षिण कोरिया | जापान |
2018 | भारत और पाकिस्तान (संयुक्त विजेता) | – |
2016 | भारत | पाकिस्तान |
2013 | पाकिस्तान | जापान |
2012 | पाकिस्तान | भारत |
2011 | भारत | पाकिस्तान |