आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में भारत के पहुंचने के बाद टेलीविजन पर विज्ञापन दरें आसमान छूने लगी हैं। रविवार को होने वाले इस फाइनल मैच के लिए विज्ञापन दरें कम से कम 40 प्रतिशत तक उछल गई हैं। भारत सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में पहुंची है। इसके बाद टेलीविजन, कनेक्टेड टीवी (सीटीवी) और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन दरों में भारी इजाफा देखा जा रहा है।
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। जेनिथ इंडिया में मैनेजिंग पार्टनर त्रिशूल भूमकर के अनुसार भारत जब भी किसी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचता है तो विज्ञापनों की मांग और कीमतें दोनों तेजी से बढ़ने लगती हैं। जेनिथ इंडिया पब्लिसिस मीडिया इंडिया का हिस्सा है। एफसीबी काइनेक्ट ऐंड एफसीबी/सिक्स इंडिया में मुख्य कारोबारी अधिकारी अंकित बंगा कहते हैं, ‘आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचने के बाद दूसरे मैचों की तुलना में टेलीविजन पर 10 सेकंड के स्लॉट के लिए विज्ञापन दरों में लगभग 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।‘ एफसीबी काइनेक्ट ऐंड एफसीबी/सिक्स इंडिया एक डिजिटल मार्केटिंग कंपनी है जो एचडीएफसी बैंक, एशियन पेंट्स, फ्लिपकार्ट, लेनोवो और टीवीएस मोटर्स जैसे ब्रांडों का कारोबार संभालती है। रविवार के फाइनल मुकाबले के लिए सीटीवी दरें भी 50 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं।
इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि भारत-न्यूजीलैंड के बीच होने वाले मुकाबले के लिए सीटीवी पर 10 सेकंड तक विज्ञापन दिखाने के लिए 20 लाख रुपये देने होंगे। मौजूदा चैंपियंस ट्रॉफी में ही भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच में यह दर 17 से 18 लाख रुपये रही थी। यानी साफ है कि फाइनल मैच का जलवा सिर चढ़ कर बोल रहा है।
जहां तक डिजिटल माध्यम की बात है तो प्रत्येक 1,000 इम्प्रेशन (सीपीएम) के लिए विज्ञापन दर 400 से 600 रुपये है। मौजूदा टूर्नामेंट में दूसरी टीमों के मैचों के लिए यह दर 100 -200 रुपये प्रति माइल (सीपीएम) थी।
ब्रांड फाइनैंस के अनुसार अमूमन जिन मैचों में भारत नहीं खेलता है उनके लिए विज्ञापन दरें उन मुकाबलों की तुलना में कम रहा करती हैं जिनमें भारत खेल रहा होता है। एक दूसरे सूत्र ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि जिस मैच में भारतीय टीम मैदान पर होती है उसमें प्रीमियम स्पॉट के लिए विज्ञापन दरें दूसरे मैचों की तुलना में 40-60 प्रतिशत तक अधिक होती हैं। ब्रांड फाइनैंस के प्रबंध निदेशक एजिमॉन फ्रांसिस ने कहा, ‘अगर किसी टूर्नामेंट के सेमी-फाइनल या फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम पहुंचती है तो विज्ञापन दरें 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं।‘
विज्ञापन तकनीक कंपनी फ्रोदोह के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी रस्साभ ठक्कर कहते हैं, ‘सीटीवी पर 10 सेकंड तक दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के लिए दरें काफी चढ़ चुकी हैं। यानी साफ है कि फाइनल मुकाबले में भारत के पहुंचने के बाद रोमांच काफी बढ़ गया है इसलिए विज्ञापन दरें भी आसमान पर पहुंच चुकी हैं।‘ भूमकर ठक्कर की बात से सहमत हैं। भूमकर ने कहा कि संभावित दर्शकों की संख्या बढ़ने के साथ ही फाइनल मैच का दबदबा किसी कंपनी की विज्ञापन योजना में काफी बढ़ जाता है।
डिजिटल इन्वेंट्री की मांग भी खासकर सीटीवी पर काफी अधिक रह सकती है। उन्होंने कहा, ‘फैंटसी स्पोर्ट्स, प्रीमियम होम फिक्सचर, अल्कोहल युक्त पेय और दूरसंचार कंपनियों ने प्राइम स्लॉट बुक कर लिए हैं जिससे विज्ञापन दरें हवा से बातें कर रही हैं। आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में अक्सर ऐसा ही होता है। बड़े ब्रांड ऐसे मौकों पर अपने विज्ञापन दिखाने के लिए मुंह मांगी कीमत देने के लिए तैयार रहते हैं।‘