facebookmetapixel
Gratuity Calculator: ₹50,000 सैलरी और 10 साल की जॉब, जानें कितना होगा आपका ग्रैच्युटी का अमाउंटट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने BRICS गठबंधन पर साधा निशाना, कहा- यह पिशाचों की तरह हमारा खून चूस रहा हैGold, Silver price today: सोने का वायदा भाव ₹1,09,000 के आल टाइम हाई पर, चांदी भी चमकीUPITS-2025: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 का उद्घाटन, रूस बना पार्टनर कंट्रीGST कट के बाद ₹9,000 तक जा सकता है भाव, मोतीलाल ओसवाल ने इन दो शेयरों पर दी BUY रेटिंग₹21,000 करोड़ टेंडर से इस Railway Stock पर ब्रोकरेज बुलिशStock Market Opening: Sensex 300 अंक की तेजी के साथ 81,000 पार, Nifty 24,850 पर स्थिर; Infosys 3% चढ़ानेपाल में Gen-Z आंदोलन हुआ खत्म, सरकार ने सोशल मीडिया पर से हटाया बैनLIC की इस एक पॉलिसी में पूरे परिवार की हेल्थ और फाइनेंशियल सुरक्षा, जानिए कैसेStocks To Watch Today: Infosys, Vedanta, IRB Infra समेत इन स्टॉक्स पर आज करें फोकस

टीकाकरण आज से शुरू, जानें खास बातें

Last Updated- December 12, 2022 | 9:42 AM IST

देश में कोरोना के दो टीके, कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन लगाने का काम शनिवार को शुरू हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इनसे संबंधित सावधानी बरतने को लेकर कार्यक्रम प्रबंधकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें किसी व्यक्ति द्वारा टीका लगाए जाने के बाद संभावित दुष्प्रभाव के बारे में भी जानकारी देनी है।
मुख्य जांच बिंदु क्या हैं?
आपातकालीन उपयोग अधिकार (ईयूए) के तहत, टीका केवल 18 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए है। अगर आवश्यक है, तो कोरोना का टीका तथा दूसरा कोई टीकाकरण कम से कम 14 दिन के अंतराल पर किया जाए। टीके की पहली तथा दूसरी खुराक, दोनों एक ही टीके की होनी चाहिए।
किसे टीका नहीं दिया जाना चाहिए?
जिन्हें कोविड टीके की पिछली खुराक में एनाफिलेक्टिक या एलर्जी हो। इसके अलावा, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अभी टीका नहीं लगाना चाहिए क्योंकि फिलहाल ऐसा समूह चिकित्सकीय परीक्षण का हिस्सा नहीं रहा है।
किन्हें कोरोना का टीका लगाने में देरी की जा सकती है?
ऐसे मरीज जिन्हें फिलहाल कोरोना संक्रमण है या जिन्हें प्लाज्मा थेरेपी एवं ऐंटीबॉडी दी जा चुकी है और जो लोग किसी बीमारी के कारण गंभीर रूप से बीमार हैं तथा अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें ठीक होने के चार-छह सप्ताह बाद टीका दिया जा सकता है।  रक्तस्राव या खून का थक्का जमने के विकार के इतिहास वाले व्यक्तियों को लेकर विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए।
टीकाकरण के बाद किस तरह की विपरीत प्रतिक्रियाओं पर नजर रखनी होगी?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक तथ्य-पत्रक तैयार किया है जो उन प्रतिकूल घटनाओं को सूचीबद्ध करता है जो व्यक्तिगत रूप से दोनों टीकों को लेने पर हो सकती हैं। भारत के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई कोविशील्ड के लिए उल्लिखित सामान्य एवं हल्की प्रतिकूल घटनाओं में इंजेक्शन लगाने वाली जगह पर दर्द, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में दर्द, अस्वस्थता (बेचैनी की भावना), पेलेक्सिया (बुखार), ठंड लगना और मतली आना शामिल है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के मामले में भी पेट दर्द, कंपकंपी, पसीना, बदनदर्द, चक्कर आना आदि घटनाओं को सूचीबद्ध किया गया है। सरकार ने कोविशील्ड के लिए दुर्लभ प्रतिकूल घटनाओं को सूचीबद्ध किया है, लेकिन कोवैक्सीन के लिए इस तरह के प्रभावों की सूचना नहीं है। सूची में कहा गया है कि ‘कोविशील्ड का उपयोग करने के बाद बहुत ही दुर्लभ मामलों में तंत्रिका ऊतक क्षति संबधी विकार को देखा गया है।’ सीरम के परीक्षण में प्रतिकूल घटना की विस्तृत जांच में बीमारी एवं उम्मीदवार के बीच कोई अंतर्संबंध नहीं पाया गया। सीरम इंस्टीट्यूट-एस्ट्राजेनेका टीका परीक्षण में चेन्नई के रहने वाले एक 40 वर्षीय व्यक्ति में एक गंभीर प्रतिकूल घटना सामने आई थी, जिसके मद्देनजर, दवा नियामक ने आश्वस्त किया था कि चिकित्सकीय परीक्षणों के बाद सभी प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा था।
नियामक भविष्य की किसी भी प्रतिकूल घटनाओं की समीक्षा कैसे करेगा?
टीका निर्माताओं को किसी प्रतिकूल घटना के मामले में सरकार से क्षतिपूर्ति मिलने की संभावना नहीं है। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) यह जांच करेगा कि क्या संबंधित प्रतिकूल घटना एवं टीके के बीच कोई अंतर्संबंध है अथवा नहीं। टीके का अनुमोदन नए दवा एवं चिकित्सकीय परीक्षण नियम 2019 के प्रावधानों के तहत किया गया है, जो दवा एवं प्रसाधन कानून 1940 के तहत आते हैं। इस कानून में किसी गंभीर प्रतिकूल घटना, जो दवाई से जुड़ी हो, को लेकर मुआवजे का प्रावधान किया गया है।  सीरम इंस्टीट्यूट को भारत के संदर्भ में अलग से एक जोखिम प्रबंधन योजना प्रस्तुत करनी होगी और पहले दो महीनों के दौरान प्रत्येक 15 दिनों में नियामक के पास उचित विश्लेषण के साथ प्रतिकूल घटनाओं पर सुरक्षा डेटा उपलब्ध कराना होगा। इसके बाद, मासिक आधार पर प्रतिकूल घटना संबंधी जानकारी साझा करनी होगी।  भारत की स्थिति अमेरिका जैसे देशों से अलग है जहां सार्वजनिक तैयारी एवं आपातकालीन तैयारी कानून के तहत टीका बनाने या वितरित करने वाली कंपनियों को कानूनी संरक्षण दिया गया है, जब तक कि कंपनी द्वारा ‘जानबूझकर कदाचार’ न किया गया हो। 

First Published - January 15, 2021 | 10:49 PM IST

संबंधित पोस्ट