भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि अगला वित्तीय संकट प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की वजह से आएगा।
बिजनेस स्टैंडर्ड के BFSI Insight Summit में दास ने बुधवार कहा कि इन प्राइवेट वर्चुअल करेंसी पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है।
दास ने कहा, “क्रिप्टोकरेंसी’ स्पेक्युलेटिव गतिविधियों को पेश करने का एक ‘फैशनेबल तरीका’ है जो सौ फीसदी सट्टे से ज्यादा कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा कि इन करेंसियों का ‘कोई आधार नहीं है’ और यह मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता के लिए खतरा है।
RBI प्रमुख ने कहा, “मेरे शब्दों को लिख लें…..अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टो करेंसी की वजह से आएगा। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज FTX के दिवालिया होने के बाद हमें नहीं लगता कि क्रिप्टो पर कुछ और कहने की आवश्यकता है।”
दास ने आगे कहा कि निजी क्रिप्टोकरेंसी को सिस्टम को बायपास करने के लिए बनाया गया था और वे रेगुलेटेड फाइनेंशियल वर्ल्ड में विश्वास नहीं करते हैं।”
उन्होंने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को लेकर कहा कि यह बैंक से ऑटोमेटिक रूप से ‘स्वीप इन, स्वीप आउट’ करने की सुविधा प्रदान करता है। आप चौबीसों घंटे CBDC को निकाल सकते हैं और यदि आपके पास अतिरिक्त CBDC है, तो आप इसे बैंक में जमा कर सकते हैं।”
RBI गवर्नर ने कहा, “दुनिया अधिक से अधिक डिजिटल होती जा रही है… आने वाले दिनों में बहुत सारे केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा को अपनाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि RBI के मॉनेटरी पॉलिसी निर्णय घरेलू कारणों के आधार पर तय होते है न कि केवल यूएस फेडरल रिजर्व की फैसलों से।”
दास ने सितंबर तिमाही के 6.3 फीसदी के GDP ग्रोथ अनुमान और नवंबर के लिए मुद्रास्फीति की सटीक संभावना को लेकर कहा कि केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रास्फीति और ग्रोथ तंत्र को रिफाइन कर रहा है।