भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने बुधवार को कहा कि बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने वाली किसी भी संस्था को बैंकों के लिए बने नियमों का पालन करना होगा।
उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड के BFSI Insight Summit में कहा कि नियामक के दायरे से बाहर गैर-बैंकिंग संस्थाओं को बैंकिंग प्रणाली को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
रबी शंकर ने कहा, “बैंकिंग आधारित किसी भी कंपनी को फिनटेक संस्थाओं के सह-अस्तित्व के अनुकूल होना आवश्यक है जो समान नियामक आवश्यकताओं के तहत नहीं आते हैं।”
उन्होंने कहा, “मूलभूत बात यह है कि बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने वाली कोई भी कंपनी बैंक के समान नियमों के अधीन है। बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रही गैर-बैंकिंग कंपनियों को बैंकों की तरह लाइसेंस और रेगुलेट करने की आवश्यकता है। लाइसेंस के बिना इस तरह की कंपनियों को बैंकिंग गतिविधियों को करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।”
रबी शंकर ने दरअसल जून में RBI के स्पष्टीकरण के संदर्भ में यह कहा है। तब केंद्रीय बैंक ने प्रीपेड कार्ड जारी करने वाली गैर-बैंकिंग कंपनियों से अपने वॉलेट और कार्ड में पैसा….ऋण-सुविधा या पूर्व-निर्धारित उधारी सीमा के जरिये नहीं डालने के लिए कहा था।
केंद्रीय बैंक के इस बयान के बाद फिनटेक क्षेत्र में उथल-पुथल हो गयी थी। इस कदम से फिनटेक क्षेत्र की कंपनियों के कारोबारी मॉडल पर असर पड़ा था।