BS Manthan 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार (27 फरवरी) को बिजनेस स्टैण्डर्ड के बीएस मंथन समिट में कहा कि ग्लोबल ट्रेड पूरी तरह से बदलने जा रहा है और हमें भारत के हित को आगे रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ”हर देश चाहता है कि उसके साथ विशेष व्यवहार किया जाए और वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह व्यवहार हर किसी को न मिले। इस तरह से व्यापार को नया रूप दिया जा रहा है। हमें मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) स्थिति और बायलेटरल ट्रेड पर फिर से विचार करने की जरूरत है।”
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने बिजनेस स्टैण्डर्ड के 50 साल पूरे होने पर बधाई भी दी। वित्त मंत्री सीतारमण ने बीएस मंथन ‘द ग्रेट रिसेट: इंडिया इन ए न्यू वर्ल्ड ऑर्डर’ विषय पर अपनी बात रखी।
बता दें कि बिजनेस स्टैंडर्ड ने 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर बीएसई मंथन सम्मेलन का आयोजन किया है। यह सम्मेलन 27 और 28 फरवरी दो दिन चलेगा। इसमें सरकार, नीति और उद्योग जगत की कुछ सबसे प्रभावशाली लोग अपनी बात रखेंगे।
वित्त मंत्री ने बिजनेस स्टैण्डर्ड मंथन में मल्टीलेटरल इंस्टीट्यूशंस (Multilateral Institutions) पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मल्टीलेटरल इंस्टीट्यूशंस का प्रभाव अब फीका हो रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा, ”मल्टीलेट्रल इंस्टीट्यूशंस ने पिछले 80-90 वर्षों में वर्ल्ड आर्डर को कुछ प्रकार की स्थिरता प्रदान की है। हालांकि, इन संस्थानों को फिर से सक्रिय करने का प्रयास बड़े पैमाने पर प्रभाव पैदा नहीं कर रहा है। डिफ़ॉल्ट रूप से या डिज़ाइन के अनुसार, द्विपक्षीयवाद (bilateralism) हावी हो रहा है।”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीएस मंथन शिखर सम्मेलन में कहा कि न्यू वर्ल्ड ऑर्डर (New World Order) डेवेलप्ड देशों द्वारा तय नहीं किया जाएगा। ट्रेड और टेक्नोलॉजी नए वर्ल्ड ऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और भारत को इसमें भाग लेने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने अपने भाषण में कहा, ”ग्लोबल आर्डर डेवेलप्ड देशों द्वारा तय नहीं किया जाएगा। उन्होंने जोर देते कहा कि विकसित देशों को भी टेक्नोलॉजी और प्रतिभा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “विकसित देशों के पास निवेश करने के लिए पैसा है, लेकिन सिर्फ यह उनके लिए पर्याप्त नहीं होगा।”
भारत, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, कई अवसरों और चुनौतियों का सामना कर रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध, संरक्षणवादी नीतियां, और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर अनिश्चितता देश की आर्थिक और भू-राजनीतिक स्थिति को और जटिल बना रही हैं। राजधानी नई दिल्ली के ताज पैलेस में गुरुवार 27 फरवरी से शुरू हुए बिजनेस स्टैंडर्ड के वार्षिक सम्मेलन ‘मंथन’ में अगले दो दिन इन्हीं अहम मुद्दों पर गहन चर्चा होगी।