कर्नाटक में बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने जा रहा है। मगर भारत की IT कैपिटल कहलाने वाले बेंगलूरु में चिंता की एक बात नजर आ रही है। शहर में 20 से 29 साल उम्र के मतदाताओं की संख्या पिछले चुनाव के मुकाबले 22 फीसदी घट गई है।
हर दस साल बाद होने वाली जनगणना के आंकड़े नहीं हैं, इसलिए विशेषज्ञ मान रहे हैं कि युवाओं का कम होना राज्य में मंदी का संकेत है। उनके मुताबिक इससे यह भी पता चलता है कि राज्य पर्याप्त रोजगार सृजित करने और कर्मचारियों को बरकरार रखने में असमर्थ रहा हे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह चुनाव के लिहाज से ही नहीं बल्कि आगे के लिए भी चिंता की बात है।
कर्नाटक में 33 जिलों में मतदान होना है और सभी में इस आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या घटी है मगर 13 जिलों में गिरावट दो अंकों में है। कुल मिलाकर 2018 के बाद इस आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या में 10.5 फीसदी गिरावट आई है। पिछले चुनाव में उनकी संख्या 1.11 करोड़ थी, इस बार घटकर 99 लाख रह गई है।
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिले आंकड़ों के अनुसार 20 से 29 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या में सबसे अधिक 27 फीसदी कमी बृहत् बेंगलूरु महानगर पालिके (BBMP) दक्षिण जिले में रही। उसके बाद BBMP मध्य में 23.4 फीसदी और BBMP उत्तर में 22.7 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। बेंगलूरु में इस आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या में कुल 21.8 फीसदी गिरावट आई है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने कर्नाटक को 34 जिलों में विभाजित किया है और राज्य में 31 प्रशासनिक जिले हैं। मौजूदा आंकड़ों की तुलना 2018 के आंकड़ों से करने के उद्देश्य से निर्वाचन जिलों की संख्या पिछले चुनाव की तरह 33 ही रखी गई है। इसमें बेंगलूरु सिटी के चार निर्वाचन जिले भी शामिल हैं। इसके अलावा 2021 में विजयनगर के अलग होने के बावजूद बेल्लारी जिले को एक ही माना गया है।
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इस आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या में दो अंकों की गिरावट वाले जिलों में कर्नाटक क्षेत्र के कित्तूर में गडक (15.9 फीसदी) और धारवाड़ (10.39 फीसदी), कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में रायचूर (17.1 फीसदी), यदगीर (15.5 फीसदी), कलबुर्गी (12.7 फीसदी) और बीदर (10.8 फीसदी), मध्य कर्नाटक क्षेत्र में दावणगेरे (10 फीसदी), ओल्ड मैसूर क्षेत्र में चामराजनगर (13.7 फीसदी) और रामनगर (10.6 फीसदी) शामिल हैं। सबसे कम 3.8 फीसदी गिरावट कोडगु जिले में आई, जहां दो निर्वाचन क्षेत्र हैं।
सभी जिलों में इस आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या में शुद्ध गिरावट दर्ज की गई है। राज्य के 23 जिलों में 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग में गिरावट दर्ज की गई। 8 जिलों में 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग और 3 जिलों में 40 से 49 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या कम हुई है। मगर 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या सभी 33 जिलों में बढ़ी है। सबसे अधिक 81.3 फीसदी वृद्धि BBMP उत्तर जिले में 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या में दिखी।
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में विशेष आयुक्त (आईटी एवं मीडिया) एवी सूर्य सेन ने कहा कि प्रवासन के कारण इस आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या कम हुई है, लेकिन दो अलग-अलग बातें दिख रही हैं। उन्होंने कहा, ‘बेंगलूरु के अलावा दूसर जिलों से लोग बेंगलूरु आए हैं मगर बेंगलूरु से बड़े पैमाने पर नाम हटाए गए हैं क्योंकि मतदाता राज्य से बाहर चले गए हैं।’
कर्नाटक की 2022-23 की आर्थिक समीक्षा के अनुसार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में बेंगलूरु शहर जिले का योगदान मौजूदा मूल्य पर करीब 35.6 फीसदी है। उसके बाद दक्षिण कन्नड़ जिले का 5.7 फीसदी और बेलगावी का 4.2 फीसदी योगदान है।
नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, बेंगलूरु (National Institute of Advanced Studies) के डीन और अर्थशास्त्री एवं राजनीतिक विश्लेषक नरेंद्र पणि ने कहा कि आंकड़े चिंताजनक रुझान दिखाते हैं। वृद्धि के लिए बेंगलूरु पर राज्य की अत्यधिक निर्भरता को देखते हुए यह ज्यादा चिंता की बात है।