तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने गुरुवार को कहा कि उनके सांसद रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
तेदेपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का हिस्सा थी मगर 2018 में वह इससे बाहर हो गई थी। इस बीच, नए संसद भवन के उद्घाटन के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP ) और कांग्रेस के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी में अपने स्वागत के लिए पालम हवाई अड्डे पर जमा हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सिडनी में भारतीय मूल के लोगों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंटनी अल्बानीज सहित वहां की सत्ताधारी पार्टी के कई दूसरे लोग भी मौजूद थे।
मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के एक पूर्व प्रधानमंत्री सहित विपक्षी दलों के लोग उपस्थित रहे। मोदी ने कहा, ‘लोकतंत्र का ऐसा माहौल था कि भारतीय समुदाय के लोगों के कार्यक्रम में सभी लोगों ने हिस्सा लिया।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी लोगों ने भारत के प्रतिनिधियों का सम्मान किया। मोदी ने कहा कि यह केवल मोदी का सम्मान नहीं था बल्कि भारत की ताकत को ऑस्ट्रेलिया के लोगों का सलाम था।
प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी विपक्षी दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार की घोषणा के संदर्भ में की थी। मोदी रविवार को संसद की नई इमारत का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इस कार्यक्रम का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया।
दूसरी तरफ, संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस पार्टी के आदिवासी प्रकोष्ठ ने मोदी सरकार पर आदिवासियों का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार देश की आदिवासी राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करा कर पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है। पार्टी के आदिवासी प्रकोष्ठ ने मोदी सरकार के इस कदम के खिलाफ पूरे देश में 26 मई को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
देश के 19 राजनीतिक दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने की घोषणा की है। सूत्रों ने कहा कि इनके अलावा के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति भी इस कार्यक्रम से दूर रहेगी। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि अगर लोकसभा अध्यक्ष नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करेंगे तो उनकी पार्टी इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगी।
चेन्नई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी दलों से अपने निर्णय की समीक्षा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु से 20 ‘आदिनाम’ कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए हैं जहां ‘सेंगोल’ की स्थापना की जाएगी।
सीतारमण ने तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि की उपस्थिति में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। तमिलनाडु में सत्ताधारी द्रमुक भी नए संसद भवन का उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले 19 राजनीतिक दलों में शामिल है। द्रमुक ने सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताया और जोर दिया कि इसका लोकतंत्र से कोई लेना देना नहीं है।
सीतारमण ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन की आधारशिला वहां के राज्यपाल के बजाय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रखी थी।
उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस एवं विपक्षी दलों के आरोप से हैरान हूं। जब इन दलों ने देखा कि आदिवासी समुदाय से एक महिला राष्ट्रपति बनने जा रही हैं तो उन्होंने उनका विरोध शुरू कर दिया और आक्रामक राजनीतिक अभियान चलाया। विपक्ष के नेताओं ने उनके खिलाफ उल्टे-सीधे बयान दिए। विपक्षी दलों ने कहा कि वह एक सक्रिय राष्ट्रपति की भूमिका नहीं निभा पाएंगी।’