उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में ज्यादा डेटा केंद्र खोलने के लिए नई नीति लेकर आएगी। उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित डेटा केंद्री नीति में निवेशक को सहूलियतों, मदद और आसान नियमों से रिझाने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक आईटी क्षेत्र में डेटा केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसिलए इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए अलग से नीति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि डेटा केंद्र की स्थापना और इसमें निवेश के लिए प्रस्तावित नीति को निवेशकों के अनुकूल बनाया जाए। मुख्यमंत्री का कहना है कि सभी हितधारकों से विचार-विमर्श करते हुए नीति को अंतिम रूप दिया जाए, ताकि इसके क्रियान्वयन में कोई कठिनाई न आए।
डेटा केंद्र नीति के मसौदे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत निवेशकों को दिए जाने वाले लाभ समय से दिए जाएं और सुनिश्चित किया जाए कि डेटा केंद्र के लिए प्रस्ताव देने वाले निवेशक अपनी परियोजना समय से पूरा करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेटा केंद्र की स्थापना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे।
उत्तर प्रदेश की प्रस्तावित डेटा केंद्र नीति को अगली मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वीकृति के लिए रखा जा सकता है। इसी वित्तीय वर्ष से प्रदेश में डाटा केंद्र खोलने वाले निवेशकों को इसका लाभ मिलने लगेगा।
बीते महीने ही मुंबई के हीरानंदानी समूह ने ग्रेटर नोयडा में उत्तर प्रदेश का पहला डेटा केंद्र स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश में अदाणी समूह सहित कई बड़ी कंपनियों ने डेटा केंद्र क्षेत्र में 10,000 करोड़ रुपये तक के निवेश की इच्छा जताई है। बड़े पैमाने पर निवेशकों की रुचि को देखते हुए अब योगी सरकार अलग से डेटा केंद्र नीति ला रही है।
