आंतरिक सुरक्षा की जरूरतों को देखते हुए और ड्रोन के बढ़ते उपयोग के चलते उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसके लिए अलग से नीति बनाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था, आपदा राहत कार्यों में ड्रोन के बढ़ते उपयोग को लेकर ड्रोन नियमावली बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की जरू रतों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में ड्रोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अलग से नीति की आवश्यकता है। इसी के साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ड्रोन निर्माण इकाई के स्थापना के लिए कार्ययोजना बनाने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों की टीम 9 के साथ बैठक में कहा कि प्रदेश में ड्रोन का उत्पादन जल्द से जल्द शुरूहो, इसके लिए तेजी से काम करना होगा।
उत्तर प्रदेश में बन रहे रक्षा गलियारे में ड्रोन के निर्माण के लिए जरूरी कारवाई पहले ही शुरू की जा चुकी है। देश-विदेश की दो नामी ड्रोन निर्माता कंपनियों ने रक्षा गलियारे में जमीन ली है और 581 करोड़ रुपये का निवेश कर अपनी इकाई लगा रही हैं। रक्षा गलियारे में निवेश के संबंध में औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों कंपनियों को अलीगढ़ नोड में ड्रोन की फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है। रक्षा गलियारे में हुए इस निवेश से सेना को भी अत्याधुनिक ड्रोन मिलेंगे। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने एंकोर रिसर्च लैब एलएलपी कंपनी को 10 हेक्टेयर और एलन ऐंड अल्वन प्राइवेट लिमिटेड को अलीगढ़ नोड में भूमि आवंटित की है। जल्दी ही यह दोनों कंपनियां ड्रोन बनाने की फैक्ट्री का निर्माण कार्य शुरू करेंगी। उनके बनाए ड्रोन का उपयोग सेना और पुलिस करेंगी। एंकोर रिसर्च लैब एलएलपी ने 550 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है।
