उत्तर प्रदेश में अगले वित्त वर्ष के दौरान 33,000 लघु उद्योगों की स्थापना होगी जिनसे करीब 1.3 लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
फिलहाल राज्य में तकरीबन 3.5 लाख सूक्ष्म, लघु और मझोली उद्योग इकाइयां हैं जिनसे लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। इनमें ज्यादातर चमड़ा, कागज, चिकन, हस्तशिल्प, मशीनरी, ऑटो पुर्जे, प्लास्टिक, कपड़ा, फूड प्रोसेसिंग, कालीन, दवा और रसायन उद्योग की इकाइयां हैं।
बीते शुक्रवार को राज्य सरकार ने इन इकाइयों के गठन के लिए बजटीय प्रावधान की घोषणा की थी। इस प्रस्ताव के अनुसार सरकार क्लस्टर विकास योजना के तहत 78 समूहों का गठन करेगी। क्लस्टर कार्यक्रम के तहत सरकार उद्योग इकाइयों के लिए रियायतों के अलावा प्रशिक्षण और विपणन के लिए अनुदान भी देगी।
इस कार्यक्रम के तहत एक जैसे उद्योगों का समूह तैयार किया जाता है ताकि उन्हें कुछ सुविधाएं प्रदान की जा सकें। सरकार ने हस्तकरघा के जरिए 62 करोड़ मीटर लंबे कपड़े को तैयार कर 30,000 बुनकरों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव रखा है।
उत्तर प्रदेश में बुनकर क्षेत्र के लिए आधुनिकीकरण और संयोजित विकास योजना को पेश करने का भी प्रस्ताव रखा गया है जिसके लिए 2009-10 के बजट में 5 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
