सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) नेपाल में पनबिजली परियोजना हासिल करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय कारोबार की शुरूआत की है। अरुण-3 नाम की इस परियोजना के लिए जीएमआर एनर्जी, जिंदल स्टील एंड पावर, रिलायंस एनर्जी और जेपी एसोसिएट्स सहित नौ बिजली कंपिनयों ने बोली दाखिल की थी। अरुण-3 की क्षमता 402 मेगावाट है।
कंपनी के प्रवक्ता ने यहां बताया कि एसजेवीएनएल और नेपाली सरकार के बीच सोमवार को इस सिलसिले में एक समझौते पर दस्तखत किए गए हैं। अधिकारी ने बताया कि करार के मुताबिक एसजेवीएनएल नेपाली सरकार को कुल उत्पादित बिजली का 21.9 प्रतिशत मुफ्त में देने के लिए तैयार हो गई है। इस परियोजना की लागत 4,400 करोड़ रुपये है।
एसजेवीएनएल ने हिमाचल प्रदेश में स्थित नाथपा-झाकरी परियोजना को तैयार किया है और अब इसका संचालन कर रही है। इसकी क्षमता 1,500 मेगावाट है और यह देश की सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना है। एसजेवीएलएल में केन्द्र सरकार की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि शेष हिस्सेदारी हिमाचल प्रदेश सरकार के पास है।
कॉस्मॉस हाईड्रो पावर लिमिटेड (सीएचपीएल) हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में 17 मेगावाट की चांजू – 2 पनबिजली परियोजना का विकास करेगी। इस परियोजना का विकास शिमला से 450 किलोमीटर दूर रावी की सहायक नदी चांजू पर किया जाएगा। इस सिलसिले में सीएचपीएल के निदेशक दीपक यादव और हिमाचल प्रदेश के प्रधान सचिव (बिजली) अजय मित्तल के बीच दस्तखत किए गए। सीएचपीएल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परियोजना 40 वर्षो के लिए बनाओ, रखो, चलाओ और सौंपो (बीओओटी) के आधार पर दी गई है। परियोजना की लागत करीब 100 करोड़ रुपये और उत्पादन क्षमता 8.5 करोड़ यूनिट है।
