आर्थिक मंदी की घुटन में जी रहे दिल्ली के सैकड़ों कारोबारियों को अब सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।
प्लास्टिक बैग के कारोबार पर प्रतिबंध लगने के तुरंत बाद दिल्ली सरकार की तरफ से 307 सड़कों को अधिसूचित करने से मना करने की चर्चा से व्यापारी वर्ग में अफरा-तफरी मच गयी है। सरकार के इस फैसले से इन सड़कों पर स्थित छोटी-बड़ी 50 हजार दुकानों में ताले लग सकते है।
इन सड़कों में लाजपत नगर की फिरोज गांधी रोड के साथ यमुना पार की कई जानी-मानी कारोबारी सड़कें शामिल हैं। इस मामले में थोक कारोबारियों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में दुकानें बंद होने से कारोबार भी घटेगा।
कारोबारियों का कहना है कि दिनोदिन इस बात की चर्चा गर्म हो रही है कि सरकार ने 307 सड़कों को मंजूरी देने से इनकार करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इन सड़कों पर पार्किंग के लिए उचित बंदोबस्त नहीं होने के कारण सरकार इसे अधिसूचित करने से मना कर रही है।
अगर ऐसा होता है कि इन सड़कों पर स्थित सभी दुकानें सील हो जाएंगी। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इस मामले में सरकार से तुरंत आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की है।
कारोबारियों ने बताया कि मास्टर प्लान 2021 की शर्तों के तहत दिल्ली नगर निगम ने इन सड़कों का सर्वे भी किया है। फिर सरकार इन सड़कों को अधिसूचित करने से कैसे मना कर सकती है।
दूसरी तरफ प्लास्टिक कारोबारी सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी यह भी दलील है कि अदालत ने कभी प्लास्टिक बैग को पूर्ण रूप से प्रतिबंध करने के लिए नहीं कहा है।