जगतपुर जिला प्रशासन ने पॉस्को स्टील संयंत्र के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों की विस्तृत परियोजना सर्वे रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा अधिकृत नोडल अधिकारी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में धिनकिया गांव सहित आठ गांवों को शामिल किया गया है। हालांकि सर्वेक्षण की टीम स्वयं धिनकिया में जाने का साहस नहीं जुटा पाई। बीते दिनों इस परियोजना को लेकर धिनकिया में काफी विरोध देखने को मिला था।
सर्वे रिपोर्ट में जमीन, अन्य अचल संपत्तियों और विस्थापित परिवारों की संभावित संख्या के बारे में आंकड़े दिए गए हैं। यह आंकड़े राज्य सरकार के राजस्व रिकार्ड पर आधारित हैं। रिपोर्ट में कुल 1001 दिहाड़ी मजदूरों की पहचान भी की गई है। इनमें से 109 लोग धिनकिया गावं से हैं। इन लोगों को परियोजना में काम दिलाने की कोशिश की जाएगी।
इस बीच गोविंदपुर, नुआगांव, गादाकुगंज, पोलांग और बयानलकांडा सहित 7 गांवों में सामाजिक आर्थिक सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। धिनकिया गांव में स्थानीय लोगों के भारी विरोध के कारण सर्वे नहीं किया जा सका है।
कुजंग के तहसीलदार देबाशीष सिंह ने बताया कि हालांकि विरोध के चलते सर्वे दल धिनकिया गांव में नहीं जा पाया लेकिन विस्थापित होने वाले परिवारों और दिहाड़ी मजदूरों की संख्या के अलावा अचल संपत्ति का ब्यौरा सर्वे रिपोर्ट में शामिल किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि परियोजना से आठ गांवों के 803 परिवार विस्थापित होंगे। इनमें से 333 परिवारों को 2006 की पुनर्वास नीति के मुताबिक विस्तारित परिवार माना गया है। इन 803 परिवारों में से 131 परिवार धिनकिया से हैं।
इसके अलावा परियोजना क्षेत्र में 394.39 एकड़ क्षेत्र में फैले 1961 पान के खेत भी आते हैं। इनमें से 85 एकड़ खेत धिनकिया में हैं। पान के खेतों में काम करने वाले 1001 से अधिक दिहाड़ी मजदूरों की पहचान भी की गई है। इनमें से 190 श्रमिक धिनकिया से हैं। उन्हें प्रस्तावित परियोजना में काम या अन्य दिलाने की कोशिश की जाएगी।
सर्वे में पाया गया है कि परियोजना के दायरे में कुल 1.05 लाख पेड़ आते हैं। इनमें 71,357 पेड़ काजू के हैं जबकि नारियल के 4,087 पेड़, आम के 4,382 पेड़ और कटहल के 2,374 पेड़ हैं। जिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया है कि परियोजना की सर्वे रिपोर्ट नोडल अधिकारी प्रियवृत पटनायक को मूल्यांकन के लिए सौंप दी गई है।
