उत्तर प्रदेश में छोटे उद्योगों के विकास की एक नई किरण दिखाई पड़ रही है। राज्य में बीमार पड़े छाटे और मझोले उद्योगों (एसएमई) के मार्केटिंग प्लेटफार्म को बेहतर बनाने के लिए भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) सामने आ रही है।
आईआईए अपनी वेबसाइट आईआईए ऑनलाइन डॉटकॉम के साथ उन उद्योगों को जोड़कर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की जुगत में है। आईआईए की वेबसाइट पर एसएमई उत्पादों से जुड़े सारे विवरण तो उपलब्ध कराए जाएंगे ही साथ ही उन उत्पादों के निर्माताओं व व्यापारियों के संपर्क संबंधी आवश्यक जानकारियां भी मुहैया कराई जाएगी।
लिहाजा इस वेबसाइट की मदद से इच्छुक व्यक्ति बिना अत्याधिक लागत के संभावित ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाने में सक्षम हो सकेंगे। उल्लेखनीय है कि आईआईए की वेबसाइट पर प्रतिदिन 5000 से भी अधिक लोग आते हैं। इस वेबसाइट पर 60 से भी अधिक निर्माता पहले से ही सूचिबध्द हो चुके हैं। सूबे में कम से कम 90 फीसदी लघु उद्योगों का अपना कोई वेबसाइट नहीं है इसलिए आईआईए की यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है।
जहां एक ओर राज्य के बीमार पड़े लघु उद्योग अपने आपको ऑनलाइन कर सकेंगे वहीं दूसरी ओर उन्हें व्यापार के बेहतर अवसर भी प्राप्त होंगे। आईआईए के कार्यकारी निदेशक डी एस वर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस बाबत संघ के सदस्यों से मामूली शुल्क के रूप में 250 रुपये चार्ज किया जाएगा जबकि गैर सदस्यों को नई वेबसाइट पर सूचीबध्द करने के लिए 1000 रुपये चार्ज किए जाएंगे।
वर्मा ने बताया, ‘कुछ महत्वपूर्ण उत्पादों जैसे कानपुर का घुड़सवारी संबंधी साज-सामान, मिर्जापुर और भदोही की कालीन, लखनऊ, बरेली और फरुख्खाबाद की जरी उत्पादों, फिरोजाबाद के शीशे से बनी वस्तुएं और मुरादाबाद की पीतल से बनी वस्तुओं को सूचीबध्द किया जाएगा।’