महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक को धन शोधन के मामले की जांच के सिलसिले में आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और मुंबई अंडरवल्र्ड में उसके सहयोगियों की गतिविधियों से संबद्ध यह गिरफ्तारी हुई है। मलिक की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में गहमागहमी शुरू हो गई है। शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए इसे बदले की कार्रवाई बताया है।
राकांपा के नेता मलिक को ईडी ने बुधवार को सुबह पूछताछ के लिए अपने दफ्तर लेकर आई, करीब आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। इसके पहले उन्हें धन शोधन मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। ईडी के अधिकारी पुलिस सुरक्षा में मलिक को जब मेडिकल जांच के लिए ले जा रहे थे उस समय मलिक ने पत्रकारों से कहा कि हम लड़ेंगे और हम जीतेंगे। हम, सबको बेनकाब कर देंगे।
मलिक की गिरफ्तारी पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मलिक को परेशान किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ बात की थी। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि यह महाराष्ट्र सरकार के लिए एक चुनौती है, वे जांच के लिए स्वतंत्र हैं, गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं लेकिन आपको याद रखना चाहिए 2024 के बाद आपकी भी जांच होगी।
9 नवंबर, 2021 को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक के अंडरवल्र्ड से रिश्ते का सनसनीखेज खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम गैंग से जमीन खरीदीं। ये जमीन मुंबई में ब्लास्ट करने के आरोपियों की हैं। फडणवीस ने आरोप लगाया कि सरदार शाह वली खान और हसीना पारकर के करीबी सलीम पटेल के नवाब मलिक के साथ व्यावसायिक संबंध हैं।
