सरकार के हाउसिंग ऐंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (हडको) ने मंगलवार को बॉन्ड से धन जुटाने की योजना रद्द कर दी। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि निवेशकों ने कंपनी की पेशकश की इच्छा से अधिक दरों की मांग की, जिसके कारण हडको को यह फैसला करना पड़ा है।
हडको ने बॉन्ड जारी करके 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी, जिसमें 500 करोड़ रुपये बेस इश्यू और 2,500 करोड़ रुपये का ग्रीन शू ऑप्शन था। सूत्रों ने बताया कि यदि हडको ने पूरी राशि जुटा ली होती तो इस इश्यू के लिए कट ऑफ दर 6.88 प्रतिशत होती।
कैप्री ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक अजय मंगलुनिया ने कहा, ‘उन्हें (हडको को) प्रतिक्रिया पसंद नहीं आई। सरकारी बॉन्डों पर उच्च यील्ड के कारण निवेशक बेहतर स्प्रेड पर खरीदने को इच्छुक थे।’
राज्यों और केंद्र सरकार के बॉन्डों की आपूर्ति के दबाव और कई अनिश्तितताओं की वजह से घरेलू कॉर्पोरेट बॉन्ड बाजार इस समय देखो और इंतजार करो का रुख अपना रहा है। पिछले महीने में यील्ड मजबूत हुआ है, वहीं कॉर्पोरेट जगत उच्च कूपन दरों की पेशकश को लेकर सुस्त है।
कॉर्पोरेट बॉन्ड पर यील्ड में वृद्धि 10 साल के सरकारी प्रतिभूतियों में बढ़ते रुझान को दर्शाती है, जो अगस्त की शुरुआत में 6.3 प्रतिशत से बढ़कर मंगलवार तक 6.62 प्रतिशत हो गई है। 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों पर यील्ड में वृद्धि की वजह केंद्र सरकार द्वारा अतिरिक्त उधारी लेने की संभावना है।