केंद्र सरकार की लाख हाय तौबा के बावजूद इस साल भी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के तहत जॉब कार्ड पाने वाले आधे से ज्यादा लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा।
हालांकि प्रदेश सरकार ने नरेगा पर पूरे नियंत्रण के लिए सभी ब्लाकों को कंप्यूटर से जोड़े की पहल की है और हर ब्लाक को इस काम के लिए दो-दो कंप्यूटर दिए गए हैं। इन कंप्यूटरों में नरेगा का समूचा ब्यौरा होगा और इस समूची परियोजना के निजी क्षेत्र की मदद से पूरा किया जा सकेगा। पर खुद सरकार भी मानती है कि 98 लाख जॉब कार्डधारकों में से केवल 50 लाख लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश के ग्राम विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि सभी ब्लाकों में कंप्यूटर पर जाब कार्ड, काम का ब्यौरा और भुगतान की स्थिति एक माउस क्लिक करते ही जानी जा सकेगी। इस काम के पूरा होने में एक महीने का समय लगेगा और इसके बाद भुगतान न मिलने और जॉब कार्ड देने की धांधली तुरंत जांची जा सकेगी।
सिंह के अनुसार पिछले साल कुल 80 लाख जॉब कार्ड जारी किए गए थे जिसमें से 43 लाख लोग काम करने के लिए आए जबकि इस साल अभी तक 98 लाख परिवारों को जॉब कार्ड दे दिया गया है। हालांकि जॉब कार्ड पा चुके लोगों में इस साल अभी तक 18 लाख परिवारों को ही काम मिला है पर सरकार को आशा है कि सीजन खत्म होने तक करीब 50 लाख हाथों को रोजगार मिल सकेगा।
ग्राम विकास आयुक्त का कहना है कि बारिश के बाद ही ग्राम पंचायतों में काम शुरु होगा जो कि मई से लेकर जून मध्य तक चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि इस साल बारिश के मई के पहले सप्ताह में ही आ जाने से काम को बंद करना पड़ा उसका भी असर दिख रहा है।