अप्रैल का महीना विदा होना वाला है और इसके साथ उत्तर भारत में गर्मियां तेज हो गई हैं। तेज गर्मी की वजह से घरों में कूलर, AC की जरूरतें आन पड़ी होंगी। आपमें से बहुत से लोग नया AC खरीदने के बारे में सोच रहे होंगे, लेकिन मन में ये भी विचार आ रहा होगा कि कहीं AC का बिल आपकी जेब में सुराख न कर दें। तो अब चिंता न करें क्योंकि AC खरीदने से पहले अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे, तो एक बेहतर प्रोडक्ट तो आप खरीद ही पाएंगे बल्कि ज्यादा बिल को लेकर भी चिंता नहीं करनी होगी।
कितने टन का लें AC?
आप AC की दुकान में जब जाएंगे, तो दुकानदार आपसे पूछेगा कि कितने टन का AC आपको चाहिए? 1, 1.5 या 2 टन। दरअसल, टन का मतलब है कि एक कमरे में 24 घंटे के अंदर ठंडक देने के लिए कितने टन बर्फ पिघलाने की जरूरत होगी, ये पिघलाने व बनाने का काम AC ही करता है। अपने कमरे के साइज के मुताबिक ही आपको सही टन वाले AC का चुनाव करना होता है। 130 वर्ग फीट से कम के साइज वाले कमरे के लिए 1 टन वाला AC पर्याप्त होता है। बहरहाल, अगर कमरा 185 वर्ग फीट का है, तो आपको 1.5 टन वाले AC की जरूरत होगी।
कैसा AC लें कि बिल कम लगे?
अक्सर लोग इस वजह से AC घर नहीं लाते ताकि उनका लाइट बिल ज्यादा न आए। ऐसे में जब आप AC खरीद रहे हों, तो इस बात को लेकर बेहद गंभीर रहें। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिसियंसी (BEE) ने इसी को लेकर AC की स्टार रेटिंग का मानकीकरण किया है। जिसके मुताबिक AC की जितनी रेटिंग हाई होगी उतना कम बिल लगेगा। इसी तरह से 5-स्टार AC में 1-स्टार के मुकाबले बिल कम आएगा।
कौन सी AC लें, स्पिलिट या विंडो?
विंडो AC सस्ती आती है और उसे इन्स्टॉल करना भी आसान होता है। लेकिन इसमें स्पिलिट के मुकाबले आवाज़ ज्यादा आती है। वहीं, स्पिलिट AC में हवा बेहतर तरीके से, हर कोने में पहुंचती है, दिखने में ज्यादा सुंदर होती है। साथ ही कूलिंग भी तेजी से होती है। इसके अलावा स्पिलिट AC में बिल कम आता है और लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए भी बेहतर रहती है। वैसे दोनों तरह की AC बड़ी वैराइटी और डिजाइन में उपलब्ध हैं।
हवा की क्वालिटी
चाहे आप कोई भी AC लें, लेकिन वह कमरे की हवा की क्वालिटी बेहतर करने वाली होनी चाहिए। कहने का मतलब है कि वही AC खरीदें जिसमें एयर फिल्टर दिया गया हो। इस तरह से अगर कमरे में बदबू आ रही होगी, तो फिल्टर के जरिए बाहर चली जाएगी। AC में अगर dehumidification यूनिट दी गई है, तो फिर और अच्छी बात है। इसकी मदद से मानसून सीजन में माहौल बढ़िया रहता है, क्योंकि यह नमी को खत्म कर देता है।
खास बातें
AC में ब्लोअर फैन होना बेहद जरूरी है। इसकी मदद से पूरे कमरे में हवा फैलती है। ब्लोअर फैन का जितना बड़ा साइज होगा, एयर फ्लो उतना तेज होगा। कंडेंसर क्वाइल एक और जरूरी चीज है। जो कमरे में कूलिंग को तेज करती हैं। AC ऐसा होना चाहिए जो कंडेंसर क्वाइल हीट के आदान प्रदान को सपोर्ट करे और उनमें ज़ंग धारे लगती हो। ज़ंग कम लगने को लेकर लोग अक्सर कॉपर कंडेंसर वाले AC लंना पसंद करते हैं। वैसे ज़ंग तो इन कंडेंसर में भी लगती है लेकिन एल्युमिनियम कंडेंसर के मुकाबले धीरे लगती है।
इन्सटॉलेशन और मेंटीनेंस
AC को ज्यादा समय तक चलाना है, तो उसे किसी अथॉराइज़्ड डीलर से ही इन्सॉल कराएं। स्पिलिट AC में कंप्रेसर यूनिट होती है जबकि विंडो AC में ये AC के साथ ही अटैच रहता है। इन्सॉलेशन की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। साथ ही एयर कंडीशनर को समय-समय पर साफ कराते रहना चाहिए। AC के फिल्टर और बाकी पार्ट की सर्विस समय-समय पर कैसे करानी है, इसको लेकर डीलर से पूछ लें।
Also read: गर्मी का पारा चढ़ते ही AC-फ्रिज की बढ़ने लगी मांग, कोल्ड ड्रिंक कंपनियों को मोटी कमाई की आस
इन चीजों के अलावा, आप ब्रांड की हिस्ट्री को भी जांच लें। कहने का मतलब है कि ब्रांड सर्विस देने में कैसा, वॉरंटी को कैसे लेता है, उस ब्रांड का ऐसी दूसरे लोगों ने खरीदा, वो उसका रिव्यू क्या दे रहे हैं, वगैरह-वगैरह। जिस AC को आप खरीद रहे हैं, अगर उसकी सर्विस बढ़िया नहीं है, तो आपके लिए किसी दूसरे ब्रांड को देखना बेहतर होगा।