यूरोपियन कमीशन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा दर्जनों देशों पर भारी शुल्क लगाने के एक दिन से भी कम समय में अस्थायी रूप से इसे कम करने के बाद कमीशन ने अमेरिकी शुल्क के खिलाफ अपने पहले जवाबी उपायों को रोकने का फैसला किया है।
व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार केविन हैसेट ने कहा कि ट्रंप प्रशासन शुल्क समझौतों पर एक दर्जन से अधिक देशों के प्रस्तावों पर विचार कर रहा है और उनमें से कुछ के साथ समझौते पर पहुंचने के करीब है।
हैसेट ने व्हाइट हाउस में यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘यूएसटीआर ने सूचित किया है कि करीब 15 देशों ने हमें पेशकश की है, जिनका हम अध्ययन कर रहे हैं और इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या वह राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त है।’
हैसेट ने कहा कि यूएसटीआर की व्यापार नीति के प्रमुख व्हाइट हाउस में बैठक करेंगे, जिसमें अलग-अलग वार्ताओं को प्राथमिकता देने पर चर्चा की जाएगी।
यूरोपियन यूनियन अमेरिकी आयात पर करीब 21 अरब यूरो (23.25 अरब डॉलर) का जवाबी शुल्क लगाने वाला था। ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के जबाव में इस कर पर विचार किया जा रहा है। ईयू अभी भी आकलन कर रहा है कि कार पर शुल्क तथा व्यापक रूप से लागू 10 प्रतिशत करों का किस प्रकार जवाब दिया जाए।
वॉन डेर लेयेन ने एक्स पर कहा, ‘हम बातचीत का एक मौका देना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यूरोपियन यूनियन ने जवाबी उपायों को अंतिम रूप दे दिया है। इन्हें हमारे सदस्य देशों से मजबूत समर्थन मिला है। हम उन्हें 90 दिनों के लिए स्थगित रखेंगे।’भारी भरकम नए शुल्कों को रोकने के ट्रंप के बुधवार के फैसले से अनिश्तितता से घिरे बाजारों और चिंतित वैश्विक दिग्गजों को राहत मिली है, हालांकि उन्होंने चीन के साथ व्यापार युद्ध जारी रखा है।
नया शुल्क प्रभाव में आने के 24 घंटे के भीतर ही उन्होंने यह बदलाव किया है। कोविड 19 के बाद बाजार में सबसे बड़ी उथल पुथल के बाद ऐसा हुआ है। इससे बाजार को राहत मिली है। विश्व की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था चीन पर ट्रंप ने दबाव बरकरार रखा है, जिसकी अमेरिका के आयात में दूसरी बड़ी हिस्सेदारी है। बुधवार से चीन से आयात पर शुल्क 104 प्रतिशत से बढ़कर 125 प्रतिशत हो गया है।
ट्रंप ने वैश्विक शिपिंग उद्योग पर चीन की पकड़ घटाने और अमेरिकी शिपबिल्डिंग को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किया है। चीन ने अमेरिका से मिल रही धमकियों और ब्लैकमेल करने वाली कार्रवाइयों को खारिज किया है। वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ही योंगकियान ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि यदि अमेरिका अपनी बात पर अड़ा रहा तो चीन ‘अंत तक इस पर कायम रहेगा’। उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए चीन के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे।