कोरोनावायरस महामारी के कारण महाराष्ट्र में सभी मंदिर बंद है और पिछले साल की तरह इस बार भी पारंपरिक दही हांडी कार्यक्रम के आयोजन पर रोक लगा दी गई है। मंदिर खोलने की अनुमति नहीं देने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने रोक के बावजूद इस बार दही हांडी का आयोजन करने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र में दही हांडी उत्सव मंगलवार को मनाया जाना है।
कृष्ण जन्माष्टमी पर मुंबई और आस पास के शहरों में आयोजित होने वाला गोविंदा उत्सव (दही हांडी) दुनियाभर में आकर्षक का केंद्र रहता है। जहां गोविंदा पथक मानव पिरामिड बनाकर ऊंचाइयों पर लटकाई गई मटकियों को फोड़ते हैं। बीते वर्ष की तरह इस बार भी कोरोना को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक दही हांडी आयोजन पर रोक लगा दी है। जिसके खिलाफ मनसे सेना ने आज ठाणे में प्रदर्शन कर सार्वजनिक दही हांडी का आयोजन करने का ऐलान किया। ठाणे शहर में मनसे द्वारा सार्वजनिक दही हांडी के आयोजन को लेकर हो रही तैयारी को पुलिस प्रशासन ने रोक दिया है।
पारंपरिक दही हांडी कार्यक्रम के लिए अनुमति की मांग को लेकर ठाणे में धरने पर बैठे मनसे के करीब 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और बाद में पुलिस ने उन्हे छोड़ दिया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, उन सभी को नोटिस जारी कर कहा गया कि निषेधाज्ञा लागू है और इसका उल्लंघन करने पर दंड भुगतने की चेतावनी दी गई है। मनसे नेता अमे खोपकर ने ट्वीट किया, ‘ठाणे में हिंदू त्योहार परंपरा और संस्कृति के साथ मनाए जाएंगे।’ मनसे के ठाणे-पालघर इकाई के प्रमुख अविनाश जाधव ने कहा कि वे पुलिस के प्रतिबंध के बावजूद त्योहार मनाएंगे।
महाराष्ट्र सरकार के मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं देने के विरोध में विपक्षी दल भाजपा ने राज्य के कई शहरों में प्रदर्शन किया। कोविड-19 प्रतिबंध के कारण राज्य में मंदिर बंद हैं। भाजपा के आध्यात्मिक आघाडी द्वारा पुणे, मुंबई, नाशिक, नागपुर, पंढरपुर, औरंगाबाद और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने घंटी और शंख बजाया। पुणे और औरंगाबाद में, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद मंदिरों में जबरन घुसने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुणे शहर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या महामारी की संभावित तीसरी लहर का डर शराब की दुकानों और अन्य दुकानों पर लागू नहीं होता है? क्या कोरोनावायरस तभी हमला करेगा जब मंदिर फिर से खुलेंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने मुंबई के प्रसिद्ध बाबुलनाथ मंदिर के पास प्रदर्शन का नेतृत्व किया। हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मंदिर के पास जाने से रोक दिया। मुनगंटीवार ने कहा कि महाराष्ट्र को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में मंदिर खुले हैं।
सत्तापक्ष के लोगों का कहना है कि लोगों की जान सबसे ज्यादा जरूरी है मंदिर खोलना जरूरी नहीं है। सरकार की स्थिति पर नजर है सब कुछ ठीक होने पर त्योहार भी मनाएं जाएंगे और मंदिर भी खुलेंगे लेकिन फिलहाल महामारी के नियम सबको मानने होंगे।