उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले छोटे दलों की सौदेबाजी का सिलसिला तेज हो गया है। सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी निषाद पार्टी ने जहां विधानसभा चुनावों में लडऩे के लिए 70 सीटों की मांग रख दी है वहीं पूर्व में सहयोगी रही सुहेलदेव राजभर भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को भी एक बार फिर से गठबंधन में आने के लिए मनाया जा रहा है।
बुधवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने राजधानी लखनऊ में कहा कि वह भाजपा के साथ हैं और आगे भी बने रहेंगे। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही तेवर भी दिखाए और कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में 70 सीटों पर लडऩा चाहती है। निषाद पार्टी का उत्तर प्रदेश और खासकर पूर्वी जिलों में मल्लाह, मछुआरा, केवट, बिंद सहित नदी के सहारे जीवनयापन करने वाली जातियों में प्रभाव है। संजय निषाद ने कहा कि उनकी पार्टी का प्रभाव उत्तर प्रदेश के 160 विधानसभा क्षेत्रों में है जबकि वह भाजपा से महज 70 सीटें मांग रहे हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन के बाद बुधवार को लखनऊ में संजय निषाद ने कहा कि 2022 के चुनाव में सरकार उसी की बनेगी जो निषाद पार्टी के साथ रहेगा। संजय निषाद ने सपा और बसपा पर निशाना भी साधा और कहा कि इन पार्टियों का दोहरा चरित्र है। उन्हें दूसरों पर सवाल उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि उनके शासनकाल में क्या-क्या हुआ। संजय निषाद ने कहा कि जब थानों पर दलितों के साथ अत्याचार हो रहा था तब दलित की बेटी बहन मायावती कहां थीं। उन्होंने कहा कि हम सरकार में आए तो संविदा की प्रथा समाप्त होगी। संजय निषाद ने कहा कि श्रृंगवेरपुर किला में निषाद राज की प्रतिमा लगाई जाएगी।
निषाद पार्टी अध्यक्ष ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि हर जिले में हर जाति के लिए कोचिंग सेंटर तैयार हो। उन्होंने मांग की कि गरीबों के लिए बैकलॉग की व्यवस्था की जाए और आर्थिक आधार पर बैकलॉग से पद भरे जाएं। साथ ही भाजपा ने जैसे अपने मुकदमें वापस किए, वैसे ही निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के मुकदमे वापस हो। निषाद बिरादरी के लिए आरक्षण की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि उनके समुदायों को तालाबों व नदियों के घाटों पर कब्जा दिया जाए।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने के बाद से मंत्रिमंडल व सरकार में प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे संजय निषाद की भाजपा शीर्ष नेताओं से तीन बार दिल्ली में मुलाकात हो चुकी है। आखिरी बार वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। तब उन्होंने प्रदेश की 70 सीटों पर चुनाव लडऩे का प्रस्ताव रखा था। संजय निषाद को योगी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है।
