Skip to content
  शुक्रवार 31 मार्च 2023
Trending
March 30, 202351 फीसदी महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां : GOQii surveyMarch 30, 2023संयुक्त विपक्षी मोर्चाः विभाजन की दरारें ठीक करने की दरकारMarch 30, 2023दही को कहा दही, साउथ इंडिया बोला.. नहींMarch 30, 2023बाजारों के उतार-चढ़ाव के बीच 10 दिग्गज कंपनियां, जहां हो सकती है भारी आयMarch 30, 2023हरियाली की दीवारMarch 30, 2023ग्रामीण भारत में उपभोक्ता धारणाओं में वृद्धिMarch 30, 2023निरंतर बदलती दुनिया में आईएमएफ की भूमिकाMarch 30, 2023एक दिन में 40 फीसदी मामले बढ़े, क्या आ रही कोविड की एक और लहर?March 30, 2023मौजूदा बचत और निवेश दर 8 प्रतिशत GDP ग्रोथ के लिए पर्याप्त नहीं: India RatingsMarch 30, 2023सरकार ने तय किया लक्ष्य, अक्टूबर 2024 तक 1,000 शहर होंगे कचरा मुक्त
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  नीतिगत दरों के क्षेत्र में अभी बनी रहेगी यथास्थिति
लेख

नीतिगत दरों के क्षेत्र में अभी बनी रहेगी यथास्थिति

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —December 6, 2021 11:41 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

यदि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) इस सप्ताह नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय करती है तो इसके लिए कोविड-19 वायरस के नए रूप ओमीक्रोन को दोष दिया जा सकता है। एक पखवाड़े पहले तक सबको यकीन था कि एमपीसी की इस सप्ताह होने वाली बैठक में रिवर्स रीपो दर में इजाफा किया जाएगा। चर्चा का विषय यह था कि यह इजाफा कितना होगा: क्या 40 आधार अंक इजाफे के साथ इसे 3.75 फीसदी किया जाएगा ताकि रीपो और रिवर्स रीपो दर के अंतर को कम किया जा सके? या फिर इसे दिसंबर और फरवरी 2022 में दो चरणों में बढ़ाया जाएगा और फिर अगले वित्त वर्ष में रीपो दर में इजाफा किया जाएगा?
रीपो दर वह दर है जिस पर आरबीआई व्यवस्था में नकदी डालता है और रिवर्स रीपो दर वह है जिसके माध्यम से वह नकदी निकालता है। रीपो दर नीतिगत दर है लेकिन नकदी अधिशेष की स्थिति में रिवर्स रीपो दर भी नीतिगत दर बन जाती है। रिवर्स रीपो दर में कोई भी बदलाव एमपीसी के दायरे में नहीं आता। अप्रैल 2020 से आरबीआई ने कम से कम 100 उपाय अपनाए जिनमें एमपीसी की बैठक से परे रिवर्स रीपो दर में कटौती भी शामिल रही।
दुनिया इस समय कोविड-19 वायरस के नए रूप से जूझ रही है ऐसे में आरबीआई शायद दरों में इजाफा न कर सके। आर्थिक सुधार के लिए सहयोगात्मक रहते हुए भी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बार-बार कहा है कि सामान्यीकरण की प्रक्रिया चरणबद्ध होगी और उसके आकलन के साथ अंजाम दिया जाएगा। यह सच है कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है लेकिन किसी को नहीं पता कि ओमीक्रोन कितना गंभीर है। मेरा मानना है कि दास सतर्कता बरतेंगे और फिलहाल दरों को नहीं बदलेंगे। इसका अर्थ यह हुआ कि नीतिगत दरें अपरिवर्तित रहेंगी और रुख भी समायोजन वाला रहेगा।
आरबीआई पहले ही अतिरिक्त शिथिल मौद्रिक नीति को समेटना शुरू कर चुका है। यह प्रक्रिया अगस्त में आरंभ हुई जब केंद्रीय बैंक ने 14 दिन के वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) नीलामी का आकार दो गुना कर दिया। इसका आकार दो लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर चार लाख करोड़ रुपये किया गया। अक्टूबर में इसे फिर से बढ़ाना शुरू किया गया और दिसंबर में एमपीसी की बैठक के पहले तक इसे तीन गुना बढ़ाकर छह लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। वीआरआरआर नीलामी ने  व्यवस्था से अतिरिक्त नकदी निकाली और आरबीआई ने अक्टूबर में अपना द्वितीयक बाजार का सरकारी प्रतिभूति अधिग्रहण कार्यक्रम (जी-सैप) समाप्त कर दिया। यह क्वांटिटेटिव ईजिंग का भारतीय स्वरूप था। अप्रैल और सितंबर के बीच यानी चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आरबीआई ने जी सैप के जरिये 2.37 लाख करोड़ रुपये डाले और गत वित्त वर्ष में मुक्त बाजार गतिविधियों की मदद से 3.1 लाख करोड़ रुपये डाले।
रिवर्स रीपो दर भले ही 3.35 फीसदी है लेकिन आरबीआई औसतन 3.85 फीसदी की दर से नकदी निकाल रहा है। यही वजह है कि आरबीआई के पास फरवरी तक प्रतीक्षा करने का अवसर है ताकि दरों में इजाफे को औपचारिक रूप दिया जा सके। एमपीसी की अक्टूबर में आयोजित बैठक से अब तक क्या बदला है?
दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने दरों में इजाफा शुरू कर दिया है और जिन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया है उन्होंने अपना रुख आक्रामक किया है। ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका, पोलैंड और न्यूजीलैंड समेत कम से कम 10 केंद्रीय बैंकों ने दरें बढ़ाई हैं।
नवंबर के मध्य में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 120 अरब डॉलर के मासिक परिसंपत्ति खरीद कार्यक्रम 15 अरब डॉलर की कमी की। दिसंबर के मध्य में यह इसमें इतनी ही कमी और करेगा। ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक ने भी महामारी के दौरान शुरू विस्तारवादी रुख को कम किया।
ऐसे में इस सप्ताह आयोजित होने वाली एमपीसी बैठक में रिवर्स रीपो दर में इजाफे की आशा थी। कोविड-19 में ताजा इजाफे के बाद हालात बदल गए हैं। इस बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने तेज वृद्धि हासिल की और जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 8.4 फीसदी की अप्रत्याशित गति से विकसित हुई। यह लगातार चौथी तिमाही है जब सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। इससे पहले वर्ष 2021की दो शुरुआती तिमाहियों में गिरावट देखने को मिली थी। जीडीपी के ताजा आंकड़े बताते हैं कि निजी खपत में भी सुधार हुआ है लेकिन सेवा क्षेत्र की वृद्धि पिछड़ी रही। इस बीच वायरस के नए रूप के सामने आने के बाद यात्रा और गतिविधियों पर प्रतिबंध सेवा क्षेत्र को प्रभावित करते रहेंगे।
खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर के 4.35 फीसदी से बढ़कर अक्टूबर में 4.48 फीसदी हो गई। यह आरबीआई के दायरे में है लेकिन खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय हैं। पेट्रोल और डीजल पर केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क और राज्यों द्वारा मूल्यवद्र्धित कर में कमी करने से कुछ राहत मिलेगी लेकिन ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी का प्रभाव फिलहाल तो महसूस हो रहा है। मूल मुद्रास्फीति जिसका संबंध गैर खाद्य और गैर तेल वस्तुओं से है, वह नवंबर में बढ़कर 5.8 फीसदी हो गई। अगस्त और सितंबर में वह 5.6 फीसदी पर स्थिर थी। ओमीक्रोन के आगमन के बाद कच्चे तेल की कीमतों में कमी का मुद्रास्फीति पर सकारात्मक असर होना चाहिए लेकिन हमें नहीं पता कि इसका लाभ उपभोक्ताओं को कब और कैसे मिलेगा? कुल मिलाकर आरबीआई के लिए मुद्रास्फीति को अस्थायी करार देना मुश्किल होगा। अक्टूबर की नीति में आरबीआई ने वर्ष के मुद्रास्फीतिक अनुमान को 5.7 फीसदी से कम करके 5.3 फीसदी कर दिया था लेकिन कई लोग इस अनुमान को जोखिम भरा मानते हैं। इसके बावजूद फिलहाल तो यही लग रहा है कि आरबीआई मौजूदा दरों के साथ यथास्थिति बरकरार रखेगा और महामारी की उभरती तस्वीर पर भी निगाह जमाए रखेगा। यदि तीसरी लहर नहीं आती है तो फरवरी में दरों में इजाफा तय है।
(लेखक बिज़नेस स्टैंडर्ड के सलाहकार संपादक, लेखक एवं जन स्मॉल फाइनैंस बैंक के वरिष्ठ परामर्शदाता हैं)

आरबीआईएमपीसीनीतिगत दरमौद्रिक नीति समितियथास्थिति
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

हरियाली की दीवार

March 30, 2023 11:08 PM IST
आज का अखबार

ग्रामीण भारत में उपभोक्ता धारणाओं में वृद्धि

March 30, 2023 10:56 PM IST
आज का अखबार

निरंतर बदलती दुनिया में आईएमएफ की भूमिका

March 30, 2023 10:45 PM IST
आज का अखबार

नियमन पर नजर

March 30, 2023 12:07 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

मोदी ‘सरनेम’ विवाद : ललित मोदी ने राहुल गांधी पर ब्रिटेन में मुकदमा चलाने की धमकी दी

March 30, 2023 4:02 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

Philippines में नौका में आग लगने से 31 लोगों की मौत, 7 अन्य लापता

March 30, 2023 3:21 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

भारत की NTPC और श्रीलंका की CEB ने मिलाया हाथ, मिलकर बनाएंगे सोलर पावर प्लांट

March 30, 2023 1:44 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

H-1B visa धारकों के जीवनसाथी अमेरिका में कर सकते हैं नौकरी : यूएस कोर्ट का आदेश

March 30, 2023 10:20 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

विदेशी तेल कंपनियों को लाइसेंस देने के बावजूद श्रीलंका की मदद जारी रखेगा भारत

March 29, 2023 11:59 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

क्रेडिट सुइस डील के साथ Ermotti की UBS में होगी वापसी, संभालेंगे CEO का पद

March 29, 2023 3:35 PM IST

Trending Topics


  • Happy Ram Navami 2023
  • Stock Market Today
  • Karvy | SEBI
  • Karnataka Election Schedule 2023
  • COVID-19 Update
  • H-1B visa
  • Air India
  • Adani Group

सबकी नजर


51 फीसदी महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां : GOQii survey

March 30, 2023 11:44 PM IST

संयुक्त विपक्षी मोर्चाः विभाजन की दरारें ठीक करने की दरकार

March 30, 2023 11:43 PM IST

दही को कहा दही, साउथ इंडिया बोला.. नहीं

March 30, 2023 11:42 PM IST

बाजारों के उतार-चढ़ाव के बीच 10 दिग्गज कंपनियां, जहां हो सकती है भारी आय

March 30, 2023 11:41 PM IST

हरियाली की दीवार

March 30, 2023 11:08 PM IST

Latest News


  • 51 फीसदी महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां : GOQii survey
    by बीएस संवाददाता
    March 30, 2023
  • संयुक्त विपक्षी मोर्चाः विभाजन की दरारें ठीक करने की दरकार
    by आशिष तिवारी
    March 30, 2023
  • दही को कहा दही, साउथ इंडिया बोला.. नहीं
    by शाइन जेकब
    March 30, 2023
  • बाजारों के उतार-चढ़ाव के बीच 10 दिग्गज कंपनियां, जहां हो सकती है भारी आय
    by कृष्ण कांत
    March 30, 2023
  • हरियाली की दीवार
    by बीएस संपादकीय
    March 30, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57960.09 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57960
3460.6%
निफ्टी57960
3460%
सीएनएक्स 50014346
1340.94%
रुपया-डॉलर82.23
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Suzlon Energy7.9512.29
NBCC34.8411.92
Cochin Shipyard459.3010.36
Macrotech Devel.865.809.98
UCO Bank24.558.92
Adani Enterp.1741.658.75
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
NBCC35.2513.34
Suzlon Energy7.9512.77
Macrotech Devel.866.509.98
Cochin Shipyard459.009.95
UCO Bank24.558.87
Adani Enterp.1740.408.72
आगे पढ़े  

# TRENDING

Happy Ram Navami 2023Stock Market TodayKarvy | SEBIKarnataka Election Schedule 2023COVID-19 UpdateH-1B visaAir IndiaAdani Group
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us