Skip to content
  बुधवार 29 मार्च 2023
Trending
March 28, 2023हाथी दांत के लिए हाथियों का शिकार अनवरत जारी, भारत के नरम रुख को लेकर वन्यजीव प्रेमी नाराजMarch 28, 2023गेहूं निर्यात पर जारी रहेगा प्रतिबंध, बेमौसम बारिश के बाद भी रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद: FCIMarch 28, 2023ई-फार्मेसी नियम को जल्द लागू करने की मांग, मेडिकल स्टोर करते रहे हैं विरोधMarch 28, 2023ग्रीनको को 1,300 मेगावॉट हरित ऊर्जा की आपूर्ति करेगी एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जीMarch 28, 2023भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास की बातMarch 28, 2023ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करें बैंकMarch 28, 2023एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयरएशिया इंडिया के टिकट एक ही वेबसाइट से बुक होंगेMarch 28, 2023स्पेक्ट्रम आवंटन : दूर हो नीति का अभावMarch 28, 2023आरइन्फ्रा मामला : दिल्ली मेट्रो की संपत्ति जब्त करने की संभावना खत्म करने की दिशा में बढ़ी सरकारMarch 28, 2023वित्त वर्ष 2022-23 में एक्सपोर्ट के 760 अरब डॉलर के आंकड़े को पार करने की उम्मीद
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  आज का अखबार  लंबी है राजकोषीय मजबूती की राह
आज का अखबारलेख

लंबी है राजकोषीय मजबूती की राह

राजेश कुमार राजेश कुमार —February 28, 2023 11:34 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के लिए यह जरूरी है कि देश की राजकोषीय स्थिति की व्यापक समीक्षा करते हुए भविष्य की राह तलाश की जाए। बता रहे हैं राजेश कुमार

केंद्रीय बजट से संबंधित टिप्पणियां आमतौर पर इस बात पर केंद्रित रहती हैं कि आर्थिक और वित्तीय बाजारों पर इसका क्या संभावित असर होगा। चूंकि अर्थव्यवस्था एक ऐसे असाधारण झटके से उबरी ही है जिसने सार्वजनिक वित्त को तगड़ा झटका दिया तो ऐसे में मध्यम अवधि में सरकारी वित्त की संभावनाओं और उनके असर का आकलन करना महत्त्वपूर्ण है।

यह इसलिए भी अहम है कि सरकार ने निरंतर जारी वैश्विक अनिश्चितता के बीच मध्यम अवधि का राजकोषीय अनुमान सामने नहीं रखा। सरकार ने स्वयं को यह लक्ष्य दिया है कि 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को कम करके जीडीपी के 4.5 फीसदी तक के स्तर पर लाना है।

फिलहाल जो हालात हैं उनके मुताबिक तो सरकार के सामने चुनौतीपूर्ण राजकोषीय हालात हैं और उसे राजकोषीय जवाबदेही एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम के तय लक्ष्यों को हासिल करने में कई वर्ष का समय लग सकता है। पहले विचार करते हैं जीडीपी के 4.5 फीसदी के लक्ष्य के बारे में।

2023-24 के लिए लक्ष्य है राजकोषीय घाटे को कम करके जीडीपी के 5.9 फीसदी के स्तर पर लाना। इस वर्ष यह 6.4 फीसदी है यानी इसमें 0.5 फीसदी की कमी लानी होगी। अगले दो वर्षों का लक्ष्य है राजकोषीय घाटे में 1.4 फीसदी की कमी लाना यानी सालाना 0.7 फीसदी की कमी।

ऐसा करना आसान नहीं होगा। इसकी तीन वजह हैं। पहली वजह, वृद्धि में धीमापन आने की उम्मीद है। सरकार का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में 10.5 फीसदी की नॉमिनल वृद्धि दर हासिल होगी जो सही प्रतीत होता है। हालांकि कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि यह इससे कम हो सकती है। धीमी वृद्धि कर संग्रह को प्रभावित करती है और घाटे का प्रबंधन करना और मुश्किल हो जाता है। चूंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था के धीमी गति से विकसित होने की उम्मीद है इसलिए भारत में भी आने वाले वर्षों में वृद्धि प्रभावित होगी।

दूसरी बात, चुनावी वर्ष (2024-25) में राजकोषीय सुदृढ़ीकरण की गति तेज होना मुश्किल है। सुदृढ़ीकरण को लेकर प्रतिबद्धता के बावजूद सत्ताधारी दल को लोकसभा चुनाव के पहले अन्य राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले वादों का मुकाबला करना होगा। 2024-25 में तथा उसके बाद राजकोषीय स्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि चुनाव के नतीजे क्या रहते हैं।

तीसरी बात यह कि हालिया इतिहास भी अनुकूल नहीं है। 2004 में एफआरबीएम अधिनियम लागू होने के बाद से अब तक केंद्र सरकार केवल चार बार ही घाटे को 0.7 फीसदी या उससे अधिक कम कर सकी है। 2021-22 में भी ऐसा हुआ था जब सरकार ने घाटे में 2.46 फीसदी की कमी की थी, हालांकि ऐसा कोविड वर्ष के कारण उच्च आधार रहने की वजह से हुआ था।

ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार कभी भी लगातार दो सालों तक 0.7 फीसदी या उससे अधिक की कमी कर पाने में कामयाब नहीं हो सकी है। ऐसे में उचित यही है कि उच्च वृद्धि के दौर में सुदृढ़ीकरण हासिल किया जाए या उन वर्षों में ऐसा किया जाए जब सुधार हो रहा हो।

निश्चित तौर पर सरकार ने तेज राजकोषीय सुदृढ़ीकरण का लक्ष्य तय नहीं किया हो, आंशिक तौर पर इसलिए कि वह पूंजीगत व्यय पर जोर दे रही है। यह सही है कि भारत को बुनियादी ढांचे में भारी भरकम निवेश की आवश्यकता है लेकिन सरकार को कम से कम दो वजहों से राजकोषीय सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता देनी चाहिए। पहली, भारी कर्ज लेकर किया जाने वाला अधोसंरचना व्यय शायद वांछित असर न डाले। वह भी ऐसे समय पर जबकि अर्थव्यवस्था अपनी लगभग पूरी क्षमता से प्रदर्शन कर रही है।

दूसरी बात, उसे पूंजीगत व्यय में कमी करनी होगी ताकि आने वाले वर्षों में वांछित स्तर का सुदृढ़ीकरण हासिल किया जा सके। ऐसा इसलिए कि राजस्व व्यय को सीमित करने की अपनी सीमा है।

इतना ही नहीं 4.5 फीसदी के स्तर पर पहुंचने के बाद भी सरकार को सुदृढ़ीकरण की राह पर बने रहना होगा। ऐसा करना दो कारणों से जरूरी है। पहला, समग्र ऋण कम करने के लिए यह आवश्यक है कि उधारी में कमी की जाए। अनुमान था कि 2021-22 में यह जीडीपी के 90 फीसदी के बराबर रही।

हकीकत में केंद्र सरकार का कर्ज 2023-24 में भी आंशिक रूप से बढ़ने की उम्मीद है। अगर कर्ज कम हुआ तो सरकार को ब्याज लागत बचाने में मदद मिलेगी। फिलहाल केंद्र सरकार के कुल विशुद्ध कर राजस्व का 45 फीसदी ब्याज चुकाने में जा रहा है। अगर कम ब्याज चुकाना होगा तो सरकार विकास कार्यों पर अधिक व्यय कर सकेगी।

दूसरा, सरकारी उधारी के अधिक होने से निजी क्षेत्र बाहर हो जाता है। यह बात ध्यान देने लायक है कि आम धारणा के उलट एफआरबीएम अनियमों के अधीन राजकोषीय घाटा लक्ष्य प्रभावी तौर पर अर्थव्यवस्था की उपलब्ध बचत पर आधारित रहा।

छह फीसदी के संयुक्त राजकोषीय घाटे को केंद्र और राज्यों के बीच बराबरी से बंटने का अनुमान जीडीपी के 12 फीसदी के बराबर बचत अनुमान, आम परिवारों की 10 फीसदी बचत तथा जीडीपी के दो फीसदी तक के चालू खाते के घाटे के अनुमान पर केंद्रित था। उपलब्ध बचत को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में बराबर-बराबर बांटा गया।

उपलब्ध पारिवारिक बचत में गिरावट को देखते हुए एफआरबीएम समीक्षा समिति (2017) ने जीडीपी के 5 फीसदी के बराबर के संयुक्त राजकोषीय घाटे की बात कही जिसे केंद्र और राज्य के बीच बराबरी से बंटना था।

चूंकि निकट भविष्य में सरकार का घाटा काफी ऊंचा रहने की उम्मीद है इसलिए वह निजी क्षेत्र में विस्तार को रोकेगी और यह बात दीर्घावधि में वृद्धि की संभावनाओं पर असर डाल सकती है।

निजी क्षेत्र के निवेश में सुधार आयातित पूंजी पर निर्भर करेगा जो बाहरी संतुलन को प्रभावित करेगा और वित्तीय स्थिरता के जोखिम को बढ़ाएगा। ऐसे में राजकोषीय घाटे को समुचित दायरे में रखना जरूरी है। इस लक्ष्य को हासिल करने में सबसे बड़ी बाधा होगी 10-11 फीसदी पर ठहरा हुआ केंद्र का कर-जीडीपी अनुपात।

व्यय को निरंतर सीमित रखना वैसे भी कठिन है और यह भी वृद्धि को प्रभावित कर सकता है। चूंकि कुछ बड़े सुधार मसलन वस्तु एवं सेवा कर सुधार तथा कॉर्पोरेशन कर को तार्किक बनाना आदि पहले ही किए जा चुके हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कर-जीडीपी अनुपात में सुधार कैसे किया जाएगा। अब वक्त आ गया है कि हम देश की राजकोषीय स्थिति की व्यापक समीक्षा करें।

FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

ई-फार्मेसी नियम को जल्द लागू करने की मांग, मेडिकल स्टोर करते रहे हैं विरोध

March 28, 2023 11:33 PM IST
आज का अखबार

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास की बात

March 28, 2023 11:20 PM IST
आज का अखबार

ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करें बैंक

March 28, 2023 11:15 PM IST
आज का अखबार

स्पेक्ट्रम आवंटन : दूर हो नीति का अभाव

March 28, 2023 11:06 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

क्या नॉर्थ कोरिया कर रहा परमाणु बम से तबाही लाने की तैयारी! किम ने अधिकारियों से कह दी ये बात

March 28, 2023 3:41 PM IST
अन्य

उमेश पाल अपहरण मामला: अतीक अहमद समेत तीन अभियुक्त दोषी करार

March 28, 2023 2:09 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका को वित्त वर्ष 2024 के लिए H-1B वीजा की अधिकतम सीमा जितने आवेदन मिले

March 28, 2023 12:54 PM IST
अर्थव्यवस्था

PF Interest Rate Hike: खुशखबरी! अब PF में जमा रकम पर मिलेगा अधिक ब्याज, EPFO ने बढ़ाया इंटरेस्ट रेट

March 28, 2023 11:38 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

H-1B वीजा धारकों को नौकरी से हटाए जाने पर 60 दिन के भीतर देश छोड़ने की धारणा गलत: USCIS

March 28, 2023 10:18 AM IST
अन्य समाचार

आधार में पता बदलने की आसान प्रक्रिया साइबर धोखाधड़ी का प्रमुख कारण : पुलिस

March 28, 2023 10:10 AM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Share Market Today
  • H-1B Visa
  • Rahul Gandhi
  • Walt Disney
  • Coronavirus Update
  • Gold-Silver Price Today
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


हाथी दांत के लिए हाथियों का शिकार अनवरत जारी, भारत के नरम रुख को लेकर वन्यजीव प्रेमी नाराज

March 28, 2023 11:39 PM IST

गेहूं निर्यात पर जारी रहेगा प्रतिबंध, बेमौसम बारिश के बाद भी रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद: FCI

March 28, 2023 11:35 PM IST

ई-फार्मेसी नियम को जल्द लागू करने की मांग, मेडिकल स्टोर करते रहे हैं विरोध

March 28, 2023 11:33 PM IST

ग्रीनको को 1,300 मेगावॉट हरित ऊर्जा की आपूर्ति करेगी एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी

March 28, 2023 11:22 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास की बात

March 28, 2023 11:20 PM IST

Latest News


  • हाथी दांत के लिए हाथियों का शिकार अनवरत जारी, भारत के नरम रुख को लेकर वन्यजीव प्रेमी नाराज
    by नितिन कुमार
    March 28, 2023
  • गेहूं निर्यात पर जारी रहेगा प्रतिबंध, बेमौसम बारिश के बाद भी रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद: FCI
    by भाषा
    March 28, 2023
  • ई-फार्मेसी नियम को जल्द लागू करने की मांग, मेडिकल स्टोर करते रहे हैं विरोध
    by सोहिनी दास
    March 28, 2023
  • ग्रीनको को 1,300 मेगावॉट हरित ऊर्जा की आपूर्ति करेगी एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी
    by भाषा
    March 28, 2023
  • भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास की बात
    by टी सी ए श्रीनिवास-राघवन
    March 28, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57613.72 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57614
-400.07%
निफ्टी57614
-400%
सीएनएक्स 50014212
-510.36%
रुपया-डॉलर82.34
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
PNC Infratech282.556.46
SPARC179.106.10
Torrent Power510.954.79
CSB Bank245.004.32
Bank of India71.484.30
PNB Housing486.254.16
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
PNC Infratech282.006.37
SPARC178.906.17
Torrent Power511.354.96
Emami365.404.50
CSB Bank244.504.09
Manappuram Fin.118.803.76
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchShare Market TodayH-1B VisaRahul GandhiWalt DisneyCoronavirus UpdateGold-Silver Price TodayRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us