Skip to content
  बुधवार 8 फ़रवरी 2023
Trending
February 7, 2023विवाद में फंसे 500 मामलों के समाधान की योजनाFebruary 7, 2023जोशीमठः आपदा को पहले मिल चुका था आमंत्रणFebruary 7, 2023अदाणी संकट से निवेशक धारणा प्रभावित हुई हैFebruary 7, 2023Budget 2023 : एग्रीकल्चर सेक्टर को समर्थनFebruary 7, 2023PLI की तर्ज पर ‘RLI’, फार्मा रिसर्च को मिलेगी मजबूतीFebruary 7, 2023आय से अ​धिक निवेश वालों पर सख्त नजर रखेगा स्टॉक एक्सचेंजFebruary 7, 2023लोकसभा चुनाव की चुनौतियों के लिए कांग्रेस की तैयारीFebruary 7, 2023लेंडिंग ऐप्स पर अचानक प्रतिबंध लगाने से फिनटेक कंपनियां सकते मेंFebruary 7, 2023G20 : वैश्वीकरण का गुरु बनकर राह दिखाए भारतFebruary 7, 2023कर्ज के पुनर्भुगतान से अदाणी ग्रुप के शेयरों को राहत, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद पहली बार चढ़ा शेयर
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  समझदारी भरा कदम
लेख

समझदारी भरा कदम

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —February 27, 2022 11:15 PM IST0
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया जो यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ लाया गया। भारत के अलावा चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने भी मतदान से दूरी बनाई। भारत का यह कदम समझदारी भरा है क्योंकि सीमित कूटनीतिक विकल्प के बीच यह अपने हितों को ध्यान में रखते हुए लिया जा सकने वाला सही निर्णय था। मतदान न करने को यूक्रेन में रूस के कदमों का समर्थन नहीं माना जा सकता लेकिन इस कदम ने भारत को यह अवसर प्रदान किया कि वह रूस एवं सोवियत संघ के साथ सात दशक पुराने अपने रिश्तों को कोई क्षति पहुंचाए बिना क्षेत्रीय संप्रभुता को लेकर अपने दीर्घकालिक कूटनीतिक रुख को बरकरार रख सके। हमारे सशस्त्र बलों के अधिकांश हथियार रूस में बने हैं इसलिए हम उनके रखरखाव, कलपुर्जों और नियमित तकनीक स्थानांतरण के लिए रूस पर निर्भर हैं। ऐसे में कड़ा आकलन करना जरूरी था। रूस भारत के चाय निर्यात का भी सबसे विश्वसनीय और बड़ा बाजार है। अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बढ़ी जटिलताओं के बीच इस बात का महत्त्व और बढ़ गया है। भारत, पाकिस्तान के साथ कश्मीर विवाद के मामले में सुरक्षा परिषद में समर्थन के लिए भी रूस पर निर्भर है और उसने 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच हुई रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुलाकात को जरूर चिंता की दृष्टि से देखा होगा। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र में भारत के वक्तव्य में कहा गया है, ‘यह दुख की बात है कि कूटनीति के रास्ते को त्याग दिया गया’, यह भाषा बताती है कि भारत रूस के कदम की कूटनीतिक आलोचना में काफी आगे बढ़ गया।
भारत द्वारा मतदान से अनुपस्थित रहने को पश्चिमी साझेदारों की जटिल प्रतिक्रिया के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए। रूस के सबसे बड़े बैंक और रूसी कुलीनों तथा उनके परिवारों पर सोसाइटी फॉर वल्र्डवाइड फाइनैंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) भुगतान प्रणाली में पूर्ण प्रतिबंध, 13 अहम रूसी वित्तीय संस्थानों पर नए ऋण तथा इक्विटी प्रतिबंध तथा अमेरिकी सैन्य वस्तुओं (उन समेत जिन्हें विदेशी कंपनियां बनाती हैं और जो अमेरिकी सॉफ्टवेयर का प्रयोग करती हैं) की खरीद को सीमित करना जैसे कदम निश्चित रूप से मुश्किल हालात पैदा करेंगे। इसके साथ ही रिश्तों की पारस्परिक निर्भरता को दर्शाते हुए रूस से यूरोप को होने वाली गैस आपूर्ति को बाधित नहीं किया गया है, यूक्रेन के रास्ते होने वाली आपूर्ति जरूर बाधित हो सकती है क्योंकि रविवार को पाइपलाइन तथा अन्य संबद्ध केंद्रों पर हमले किए गए। इसके अलावा जर्मनी ने रूस और जर्मनी के बीच की नॉर्ड 2 पाइपलाइन का प्रमाणन रोक दिया है जबकि यह यूरोप को गैस आपूर्ति के दौरान यूक्रेन को किनारे करने की रूस की नीति के लिए अहम है। हालांकि इसका यह अर्थ नहीं है कि इस परियोजना को त्याग दिया गया है। पाइपलाइन गत वर्ष पूरी हुई थी और उसे शुरू करने के पहले प्रमाणन की आवश्यकता थी। यानी अगर रूस और पश्चिमी देश किसी मान्य कूटनीतिक हल पर पहुंचते हैं तो इसे दोबारा शुरू किया जा सकता है। यूक्रेन संकट को लेकर भारत की यह प्रतिक्रिया अल्पकालिक संतुलनकारी कृत्य तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। व्यापक भूराजनीतिक क्षेत्र में उसका सामना अमेरिका और चीन से है। हालिया दशकों में भारत की सामरिक सोच अमेरिका के साथ अपना रक्षा गठजोड़ मजबूत करने का रही। यह कदम अमेरिका के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के दबदबे को संतुलित करने के विचार के अनुरूप है। यूरोप का संकट निकट भविष्य में समाप्त होता नहीं दिखता। इसका नतीजा अमेरिका के संसाधनों और उसके ध्यान में भटकाव के रूप में दिख सकता है। चीन हमारी उत्तरी सीमा पर बल प्रयोग कर रहा है, ऐसे में हमें इस संकट को लेकर भी तैयारी रखनी होगी।

कूटनीतिक विकल्पभारतमतदानयूक्रेनरूससंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

Budget 2023 : एग्रीकल्चर सेक्टर को समर्थन

February 7, 2023 11:10 PM IST0
आज का अखबार

लोकसभा चुनाव की चुनौतियों के लिए कांग्रेस की तैयारी

February 7, 2023 10:35 PM IST0
अर्थव्यवस्था

G20 : वैश्वीकरण का गुरु बनकर राह दिखाए भारत

February 7, 2023 10:26 PM IST0
लेख

एक और इजाफा

February 6, 2023 9:44 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Earthquake: भारत ने भूकंप प्रभावित Turkey के लिए राहत सामग्री की पहली खेप की रवाना

February 7, 2023 9:59 AM IST0
अन्य समाचार

मनरेगा के लिए बजट आवंटन घटाने से रोजगार पर नहीं पड़ेगा असर: CEA

February 6, 2023 5:44 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Turkey Earthquake: तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है भारत- प्रधानमंत्री मोदी

February 6, 2023 1:48 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Turkey Earthquake: तुर्की, सीरिया में भीषण भूकंप में करीब 1500 से अधिक लोगों की मौत

February 6, 2023 12:29 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Pervez Musharraf death: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को कराची में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक

February 6, 2023 10:33 AM IST0
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका ने मार गिराया ‘जासूसी गुब्बारा’ ! तिलमिलाया उठा चीन

February 6, 2023 12:28 AM IST0
  लेख  समझदारी भरा कदम
लेख

समझदारी भरा कदम

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —February 27, 2022 11:15 PM IST0
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया जो यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ लाया गया। भारत के अलावा चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने भी मतदान से दूरी बनाई। भारत का यह कदम समझदारी भरा है क्योंकि सीमित कूटनीतिक विकल्प के बीच यह अपने हितों को ध्यान में रखते हुए लिया जा सकने वाला सही निर्णय था। मतदान न करने को यूक्रेन में रूस के कदमों का समर्थन नहीं माना जा सकता लेकिन इस कदम ने भारत को यह अवसर प्रदान किया कि वह रूस एवं सोवियत संघ के साथ सात दशक पुराने अपने रिश्तों को कोई क्षति पहुंचाए बिना क्षेत्रीय संप्रभुता को लेकर अपने दीर्घकालिक कूटनीतिक रुख को बरकरार रख सके। हमारे सशस्त्र बलों के अधिकांश हथियार रूस में बने हैं इसलिए हम उनके रखरखाव, कलपुर्जों और नियमित तकनीक स्थानांतरण के लिए रूस पर निर्भर हैं। ऐसे में कड़ा आकलन करना जरूरी था। रूस भारत के चाय निर्यात का भी सबसे विश्वसनीय और बड़ा बाजार है। अमेरिका द्वारा ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बढ़ी जटिलताओं के बीच इस बात का महत्त्व और बढ़ गया है। भारत, पाकिस्तान के साथ कश्मीर विवाद के मामले में सुरक्षा परिषद में समर्थन के लिए भी रूस पर निर्भर है और उसने 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच हुई रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुलाकात को जरूर चिंता की दृष्टि से देखा होगा। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र में भारत के वक्तव्य में कहा गया है, ‘यह दुख की बात है कि कूटनीति के रास्ते को त्याग दिया गया’, यह भाषा बताती है कि भारत रूस के कदम की कूटनीतिक आलोचना में काफी आगे बढ़ गया।
भारत द्वारा मतदान से अनुपस्थित रहने को पश्चिमी साझेदारों की जटिल प्रतिक्रिया के संदर्भ में भी देखा जाना चाहिए। रूस के सबसे बड़े बैंक और रूसी कुलीनों तथा उनके परिवारों पर सोसाइटी फॉर वल्र्डवाइड फाइनैंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) भुगतान प्रणाली में पूर्ण प्रतिबंध, 13 अहम रूसी वित्तीय संस्थानों पर नए ऋण तथा इक्विटी प्रतिबंध तथा अमेरिकी सैन्य वस्तुओं (उन समेत जिन्हें विदेशी कंपनियां बनाती हैं और जो अमेरिकी सॉफ्टवेयर का प्रयोग करती हैं) की खरीद को सीमित करना जैसे कदम निश्चित रूप से मुश्किल हालात पैदा करेंगे। इसके साथ ही रिश्तों की पारस्परिक निर्भरता को दर्शाते हुए रूस से यूरोप को होने वाली गैस आपूर्ति को बाधित नहीं किया गया है, यूक्रेन के रास्ते होने वाली आपूर्ति जरूर बाधित हो सकती है क्योंकि रविवार को पाइपलाइन तथा अन्य संबद्ध केंद्रों पर हमले किए गए। इसके अलावा जर्मनी ने रूस और जर्मनी के बीच की नॉर्ड 2 पाइपलाइन का प्रमाणन रोक दिया है जबकि यह यूरोप को गैस आपूर्ति के दौरान यूक्रेन को किनारे करने की रूस की नीति के लिए अहम है। हालांकि इसका यह अर्थ नहीं है कि इस परियोजना को त्याग दिया गया है। पाइपलाइन गत वर्ष पूरी हुई थी और उसे शुरू करने के पहले प्रमाणन की आवश्यकता थी। यानी अगर रूस और पश्चिमी देश किसी मान्य कूटनीतिक हल पर पहुंचते हैं तो इसे दोबारा शुरू किया जा सकता है। यूक्रेन संकट को लेकर भारत की यह प्रतिक्रिया अल्पकालिक संतुलनकारी कृत्य तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। व्यापक भूराजनीतिक क्षेत्र में उसका सामना अमेरिका और चीन से है। हालिया दशकों में भारत की सामरिक सोच अमेरिका के साथ अपना रक्षा गठजोड़ मजबूत करने का रही। यह कदम अमेरिका के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के दबदबे को संतुलित करने के विचार के अनुरूप है। यूरोप का संकट निकट भविष्य में समाप्त होता नहीं दिखता। इसका नतीजा अमेरिका के संसाधनों और उसके ध्यान में भटकाव के रूप में दिख सकता है। चीन हमारी उत्तरी सीमा पर बल प्रयोग कर रहा है, ऐसे में हमें इस संकट को लेकर भी तैयारी रखनी होगी।

कूटनीतिक विकल्पभारतमतदानयूक्रेनरूससंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

Budget 2023 : एग्रीकल्चर सेक्टर को समर्थन

February 7, 2023 11:10 PM IST0
आज का अखबार

लोकसभा चुनाव की चुनौतियों के लिए कांग्रेस की तैयारी

February 7, 2023 10:35 PM IST0
अर्थव्यवस्था

G20 : वैश्वीकरण का गुरु बनकर राह दिखाए भारत

February 7, 2023 10:26 PM IST0
लेख

एक और इजाफा

February 6, 2023 9:44 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Earthquake: भारत ने भूकंप प्रभावित Turkey के लिए राहत सामग्री की पहली खेप की रवाना

February 7, 2023 9:59 AM IST0
अन्य समाचार

मनरेगा के लिए बजट आवंटन घटाने से रोजगार पर नहीं पड़ेगा असर: CEA

February 6, 2023 5:44 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Turkey Earthquake: तुर्की के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है भारत- प्रधानमंत्री मोदी

February 6, 2023 1:48 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Turkey Earthquake: तुर्की, सीरिया में भीषण भूकंप में करीब 1500 से अधिक लोगों की मौत

February 6, 2023 12:29 PM IST0
अंतरराष्ट्रीय

Pervez Musharraf death: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को कराची में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक

February 6, 2023 10:33 AM IST0
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका ने मार गिराया ‘जासूसी गुब्बारा’ ! तिलमिलाया उठा चीन

February 6, 2023 12:28 AM IST0

Trending Topics


  • Rupee vs Dollar
  • Stock Market Update
  • Adani vs Hindenburg
  • Earthquake in Turkey
  • Stocks To Watch
  • G20 Presidency
  • Old vs New Tax Regime
  • ONGC

सबकी नजर


विवाद में फंसे 500 मामलों के समाधान की योजना

February 7, 2023 11:34 PM IST

जोशीमठः आपदा को पहले मिल चुका था आमंत्रण

February 7, 2023 11:29 PM IST

अदाणी संकट से निवेशक धारणा प्रभावित हुई है

February 7, 2023 11:21 PM IST

PLI की तर्ज पर ‘RLI’, फार्मा रिसर्च को मिलेगी मजबूती

February 7, 2023 11:10 PM IST

Budget 2023 : एग्रीकल्चर सेक्टर को समर्थन

February 7, 2023 11:10 PM IST

Latest News


  • विवाद में फंसे 500 मामलों के समाधान की योजना
    by श्रीमी चौधरी
    February 7, 2023
  • जोशीमठः आपदा को पहले मिल चुका था आमंत्रण
    by सुनीता नारायण
    February 7, 2023
  • अदाणी संकट से निवेशक धारणा प्रभावित हुई है
    by पुनीत वाधवा
    February 7, 2023
  • PLI की तर्ज पर ‘RLI’, फार्मा रिसर्च को मिलेगी मजबूती
    by सोहिनी दास
    February 7, 2023
  • Budget 2023 : एग्रीकल्चर सेक्टर को समर्थन
    by बीएस संपादकीय
    February 7, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60286.04 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60286
-2210.37%
निफ्टी60286
-2210%
सीएनएक्स 50014902
-320.21%
रुपया-डॉलर82.49
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./