facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

Editorial: ट्रंप का फिल्मों पर टैरिफ एक अतार्किक प्रस्ताव

अमेरिकी राष्ट्रपति का विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ लागू करने का निर्णय, क्या इससे हॉलीवुड की वैश्विक शक्ति कमजोर होगी?

Last Updated- May 06, 2025 | 10:15 PM IST
U.S. President Donald Trump

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने वैश्विक वस्तु व्यापार को लेकर टैरिफ की जंग इस अनुमान के आधार पर शुरू की थी कि अधिकांश देशों के साथ भारी घाटे के चलते अमेरिका को नुकसान हो रहा है और संरक्षणवादी शुल्क निवेश और रोजगार को अमेरिका में वापस लाएंगे। अधिकांश अर्थशास्त्री यही कहते आए हैं कि इस मामले में उनके तर्क पूरी तरह गलत हैं।

परंतु अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा विदेश में बनी फिल्मों पर 100 फीसदी टैरिफ लागू करने का निर्णय पूरी तरह अतार्किक है और यह साबित करने के लिए किसी अकादमिक विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। शायद ट्रंप को लगता है कि अमेरिकी फिल्म उद्योग ‘नष्ट’ हो चुका है और उन्होंने अपने ‘हॉलीवुड के तीन विशेष दूतों’ में से एक जॉन वोइट (अन्य दो हैं मेल गिब्सन और सिल्वेस्टर स्टोन) के कहने पर यह कदम उठाया है ताकि दुनिया भर में सबसे चर्चित अमेरिकी फिल्म केंद्र में कारोबारी अवसरों को बढ़ाया जा सके।

पहली बात तो यह कि फिल्में सेवा क्षेत्र में आती हैं इसलिए इस कदम को सेवा क्षेत्र में टैरिफ के विस्तार का संकेत माना जा रहा है। ऐसा करने की वजह अभी स्पष्ट नहीं है। फिल्मों के क्षेत्र में अमेरिका निरंतर व्यापार अधिशेष की स्थिति में रहा है। ताजा आंकड़े वर्ष 2023 के उपलब्ध हैं और उनके मुताबिक उस वर्ष अमेरिका को फिल्मों के मामले में 15.3 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष हासिल था।

जिस तरह अमेरिका ने अपने प्रमुख कारोबारी साझेदारों के साथ वस्तु व्यापार की जंग शुरू की है, यह कदम भी जवाबी प्रतिबंधों की वजह बन सकता है और इस तरह हॉलीवुड को नुकसान पहुंचा सकता है। इस उद्योग को अपना अधिकांश बॉक्स ऑफिस राजस्व विदेश से मिलता है। वर्ष 2024 में 30 अरब डॉलर मूल्य की वैश्विक टिकट बिक्री का 70 फीसदी हिस्सा अमेरिका और कनाडा के बाहर से आया। ऐसा करके ट्रंप अमेरिका की सॉफ्ट पॉवर को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। ट्रंप की अन्य ब्लॉकबस्टर घोषणाओं की तरह इस बार भी जवाबों से ज्यादा सवाल सामने हैं। क्या यह नियम उन फिल्मों पर भी लागू होगा जिन्हें अमेरिकी फिल्म कंपनियों ने अमेरिका के बाहर दूसरे देशों में शूट किया है?

क्या यह नेटफ्लिक्स जैसी स्ट्रीमिंग सेवाओं पर भी लागू होगा जिसके शेयर सोमवार को अन्य फिल्म प्रोडक्शन हाउस के शेयरों की तरह ही टूट गए? इस मामले में दरों का आकलन किस प्रकार किया जाएगा? वैसे तो प्रशासन में किसी के पास इन बातों का कोई जवाब नहीं नजर आ रहा है लेकिन यह ट्रंप की पारंपरिक शैली के अनुरूप ही है जिसमें उन्होंने कहा कि वह उद्योग जगत के अधिकारियों से मिलकर देखेंगे कि उनको यह विचार पसंद आया या नहीं?

मेक हॉलीवुड ग्रेट अगेन की भावना ट्रंप की उन्हीं चिंताओं से उत्पन्न हुई है जो उन्होंने विनिर्माण को लेकर प्रकट की है: यानी उत्पादन संबंधित सेवाओं की नौकरियां जो विदेश में जा चुकी हैं। तथ्य यह है कि अमेरिकी फिल्मकार करीब एक दशक से अमेरिका से बाहर जा रहे हैं क्योंकि कैलिफोर्निया में फिल्म बनाना बहुत महंगा हो गया है। यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा किफायती फिल्म निर्माण केंद्र के रूप में उभरे हैं। अमेरिकी फिल्म उद्योग लंबे समय से यह मांग कर रहा है कि लागत कम करने के लिए फेडरल कर प्रोत्साहन दिए जाएं क्योंकि प्रतिस्पर्धी देशों में यह सुविधा उपलब्ध है।

इन बाधाओं के बावजूद अमेरिका फिल्म और टीवी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश बना हुआ है। भारतीय और चीनी उद्योग बड़े हो सकते हैं लेकिन उनके दर्शक मुख्य रूप से स्थानीय ही हैं। भारतीय फिल्मों के बॉक्स ऑफिस संग्रह में अमेरिका से होने वाली आय केवल 5-7 फीसदी ही है, जबकि अमेरिका में शीर्ष 10 कमाई वाली सभी फिल्में अमेरिकी हैं। दुनिया की 100 शीर्ष रेटिंग वाली फिल्मों में से करीब 90 हॉलीवुड की हैं। दूसरे शब्दों में हॉलीवुड पहले ही बहुत बड़ा है, उसे महान बनने के लिए किसी टैरिफ संरक्षण की आवश्यकता नहीं है।

First Published - May 6, 2025 | 10:15 PM IST

संबंधित पोस्ट