Skip to content
  शनिवार 25 मार्च 2023
Trending
March 25, 2023गौहाटी उच्च न्यायालय ने नौकरी घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश पॉल को दी जमानतMarch 25, 2023भारत में एक दिन में Covid-19 के 1590 नए मामले सामने आएMarch 25, 2023बैंक अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में ‘भविष्यत’ क्रेडिट कार्ड जारी करने पर सहमति जताई: अमित मित्राMarch 25, 2023कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 124 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कीMarch 25, 2023राहुल अयोग्यता मामला : कश्मीरी नेताओं ने केंद्र सरकार की आलोचना कीMarch 25, 2023भारतीय अमेरिकी गायकवाड़ फ्लोरिडा के विश्वविद्यालय के न्यासी मंडल में पुन: नियुक्त
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  कार्बनीकरण से मुक्ति से नफा और नुकसान
लेख

कार्बनीकरण से मुक्ति से नफा और नुकसान

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —November 16, 2021 11:06 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

भारतीय अर्थव्यवस्था को कार्बनीकरण से मुक्त करने की प्रक्रिया के चलते आने वाले दशक में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में भारी लाभ और हानि जैसी स्थितियां निर्मित होंगी। अतीत या भविष्य के तकनीकी बदलाव के अन्य तत्त्वों से तुलना की जाए तो इसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है। ये बदलाव वित्तीय निवेशकों तथा गैर वित्तीय कंपनियों की नेतृत्व टीमों की रणनीतिक सोच की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के सामने फिलहाल वैसे ही हालात हैं जैसे सन 1990 के दशक में दूरसंचार क्षेत्र के सामने थे। सार्वजनिक नीति की दुनिया में हमें कोयला खनन करने वालों और बिगड़ते भू स्तर में सुधार के बारे में विचार करना होगा।
किसी तय तारीख का जिक्र तो नहीं किया जा सकता है लेकिन एक दिन ऐसा आएगा जब देश में न केवल कोयला खनन बल्कि कच्चे तेल का अधिकांश उत्पादन और प्रसंस्करण भी बंद हो जाएगा। इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा तथा उसकी भंडारण क्षमताओं में भी जमकर इजाफा होगा। ये बड़े उद्योग हैं और इनका असर भी समूची अर्थव्यवस्था में महसूस किया जाएगा। इस आलेख को पढऩे वाले सभी पाठकों की बात करें तो हमारी आपकी दुनिया में अनेक ऐसे लोग और संस्थान हैं जो इस बदलाव से प्रभावित होने जा रहे हैं।
ऐसे तकनीकी बदलाव नए नहीं हैं। समय के आरंभ से ही ऐसा होता आ रहा है। हर दशक में हमने उत्पादन में बड़े ढांचागत बदलाव देखे और हर अवसर पर कुछ लोग लाभान्वित हुए तो कुछ को नुकसान हुआ। जब स्वेज नहर बन रही थी और बंदरगाहों का यातायात कलकत्ता से बंबई स्थानांतरित हो गया था तो यह कलकत्ता के लिए बहुत मुश्किल वक्त था। मशीनीकरण, स्वचालन तथा उपभोक्ताओं की पसंद में बदलाव आदि ने बार-बार ऐसे हजारों उद्योगों को बनाया और बिगाड़ा है जिनसे लाखों लोग जुड़े हुए थे। युद्ध के दौरान होने वाले उत्पादन ने 100 गुना तक वृद्धि हासिल की और फिर वे विलुप्त हो गए। एक सफल देश के लिए जरूरी बात यह है कि वह बदलाव की राह रोकने और उसे लेकर शिकायत करने के बजाय बड़े रुझानों के बारे में पहले से अनुमान लगाए और समुचित प्रतिक्रिया दे।
पेशेवर कर्जदाता और निवेशक ही कार्बन के गहन इस्तेमाल वाले बनाम कार्बन के परे भविष्य पर अटकल भरे दांव लगा रहे हैं। आशावादी नवीकरणीय ऊर्जा पर दांव लगा रहे हैं और ऐसे भी लोग होंगे जो कोल इंडिया के शेयर खरीद रहे हैं। भारत के कार्बनीकरण से मुुक्ति की धीमी या तेज गति के अनुसार ही इनका मुनाफा या हानि पैदा होगी। तकनीकी बदलावों के दौरान ऐसा होता ही है। उदाहरण के लिए जब आईटी की स्थिति में सुधार हुआ तो आशावादी आधुनिक बैंकों पर दांव लगा रहे थे जबकि पुरातनपंथी लोगों का दांव उन बैंकों पर था कर्मचारियों की तादाद बनाए रखना चाहते थे।
घटनाक्रम कैसे आगे बढ़ता है, इसी से तय होगा कि किसे फायदा होगा और किसे नुकसान। पेशेवर वित्तीय कारोबारियों का बचाव करना सार्वजनिक नीति के विचार का विषय नहीं है: यह हर पेशेवर का काम है कि वह वैश्विक स्तर पर कार्बनीकरण से मुक्ति की प्रक्रिया पर नजर रखे और इस बात पर विचार करे कि उनके मुताबिक भारत में चीजें किस प्रकार घटित होंगी। अच्छी बात यह है कि देश के वित्तीय बाजार के वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकरण के कारण पेशेवर पूंजी का बड़ा हिस्सा देश के बाहर का है। ऐसे में हम भारतीय ‘अंतरराष्ट्रीय साझा जोखिम’ के लाभार्थी हैं।
इस सफर में मील का एक अहम पत्थर वह दिन होगा जब कोई वितरण कंपनी किसी ताप बिजली घर को कानूनी पत्र भेजकर पीपीए को समयपूर्व समाप्त करने की बात कहे। यहां ताप बिजली घर को अनुबंध कानून का बचाव हासिल होगा और वितरण कंपनी को अनुबंध समाप्त करने के लिए धनराशि चुकानी होगी। ताप बिजली घर को यह योजना तैयार करनी होगी कि वह अपनी परिसंपत्तियों का नकदीकरण और कर्मचारियों की विदाई कैसे करेगा।
कई लोग जो जीवाश्म ईंधन की चरणबद्ध विदाई से नकारात्मक रूप से प्रभावित होंगे वे सरकारी सहायता की मांग करेंगे। ज्यादातर मामलों में सही उत्तर यही होगा कि इसे नकार दिया जाए। तकनीकी बदलाव सामान्य कारोबारी जोखिम का हिस्सा हैं और कारोबारी दुनिया और वित्तीय जगत ऐसे ही चलता है। इस विषय में पहले से पर्याप्त चेतावनी दी जाती रही है। देश के बिजली तंत्र में सरकारी स्वामित्व और केंद्रीय नियोजन के चरम को महसूस किया जा सकता है। देश के बिजली तंत्र की मौजूदा स्थिति तथा सन 1995 के सरकारी स्वामित्व वाले दूरसंचार क्षेत्र की स्थिति में समानता देखी जा सकती है।
सन 1995 में भारत सरकार के पास दूरसंचार सेवा प्रावधान के रूप में सार्थक परिसंपत्ति थी। हम जानते हैं कि उस वक्त सबसे अच्छी नीति यही थी कि इन संपत्तियों को समुचित मूल्य पर बेच दिया जाए और फिर निजी खरीदारों को आने वाले तकनीकी बदलाव से जूझने दिया जाए। निजी खरीदार को सभी उपकरण कबाड़ में बेचने पड़ते और श्रम शक्ति को सीमित करना पड़ता। एक छोटे हिस्से में निजीकरण किया गया और वीएसएनएल को बेच दिया गया। तत्कालीन दूरसंचार प्रतिष्ठान निजीकरण को रोकने में सक्षम नहीं था इसलिए देश की दूरसंचार परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में तेज गिरावट आई।
बिजली क्षेत्र में वैेसी ही स्थितियों की कल्पना की जा सकती है। आज हमारे देश में जीवाश्म ईंधन उद्योग में ऐसे उद्योग, वितरण, पारेषण और उत्पादन क्षमताएं हैं जिन्हें बेचा जा सकता है। एक बड़ा बदलाव आसन्न है जिसके आगमन के बाद ताप और गैस आधारित परिसंपत्तियां बंद होंगी और नवीकरणीय ऊर्जा की ओर रुख किया जाएगा। ग्रिड में तकनीकी बदलाव आएगा और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का विकेंद्रीकरण होगा। राज्य क्षमता की सीमाओं को देखते हुए भारतीय राज्य ढांचा इस बदलाव में वैसा ही प्रदर्शन करेगा जैसा उसने एमटीएनएल और बीएसएनएल के मामले में किया। निजी निवेशक स्वयं रुचि लेते हैं और वे सक्षम होते हैं। वे अपने कदम समुचित तरीके से उठाएंगे। बतौर निवेशक भारतीय राज्य उनकी बराबरी नहीं कर सकेगा। बिक्री में देरी से संपत्ति का मूल्य कम होगा। इस बीच भारतीय राज्य की प्रतिक्रिया देने में कमजोरी नागरिकों पर लाग थोपेगी।
एक क्षेत्र ऐसा है जहां सरकारी नकदी और प्रबंधन के जरिये ही कार्बनीकरण से मुक्ति की दिशा में बढ़ा जा सकता है और वह है कोयला खदानें। एक बार खदानें बंद हो जाने के बाद संबद्ध प्रबंधन ढांचे में अहम संसाधन लगाने होंगे ताकि खराब हुई जमीन को वनों एवं पारिस्थितिकी पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके। यह सार्वजनिक संसाधनों को लेकर एक समुचित दावा होगा।
(अजय शाह पुणे इंटरनैशनल सेंटर में शोधकर्ता और अक्षय जेटली नीतिगत सलाहकार हैं)

कार्बनीकरणकोयला खननतकनीकी बदलावनवीकरणीय ऊर्जाप्रसंस्करणमशीनीकरण
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

साप्ताहिक मंथन : पूंजी पर कर

March 24, 2023 9:53 PM IST
आज का अखबार

गति श​क्ति को असरदार बनाने में निजी क्षेत्र हो सकता है मददगार

March 24, 2023 9:30 PM IST
आज का अखबार

वैश्विक उठापटक के बीच भारत सुरक्षित स्थिति में

March 24, 2023 9:22 PM IST
आज का अखबार

संतुलन बनाने का प्रयास

March 23, 2023 11:36 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

World TB Day 2023: WHO ने टीबी के खात्मे के लिए सरकारी और सामाजिक स्तर पर सहयोग का आह्वान किया

March 24, 2023 4:54 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका ने फिर किया सीरिया में हवाई हमला, कम से कम चार ईरानी लड़ाकों की मौत: रिपोर्ट

March 24, 2023 4:21 PM IST
अन्य समाचार

Kitty O’Neil: 70 के दशक की खतरों से खेलने वाली स्टंट वुमेन को गूगल ने किया याद, बनाया स्पेशल डूडल

March 24, 2023 11:13 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

World Bank president नॉमिनी अजय बंगा दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए

March 24, 2023 10:08 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

अजय बंगा भारत में, मोदी से मिलेंगे

March 24, 2023 9:53 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

सीईपीए की समीक्षा करेंगे भारत और यूएई

March 24, 2023 9:28 AM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Share Market Today
  • Hindenburg | Jack Dorsey
  • DDMA | Mock Drill on Earthquake
  • Narendra Modi
  • Google Doodle
  • Corona Update
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


गौहाटी उच्च न्यायालय ने नौकरी घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश पॉल को दी जमानत

March 25, 2023 11:48 AM IST

भारत में एक दिन में Covid-19 के 1590 नए मामले सामने आए

March 25, 2023 11:26 AM IST

बैंक अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में ‘भविष्यत’ क्रेडिट कार्ड जारी करने पर सहमति जताई: अमित मित्रा

March 25, 2023 11:02 AM IST

कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 124 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

March 25, 2023 10:45 AM IST

राहुल अयोग्यता मामला : कश्मीरी नेताओं ने केंद्र सरकार की आलोचना की

March 25, 2023 9:19 AM IST

Latest News


  • गौहाटी उच्च न्यायालय ने नौकरी घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश पॉल को दी जमानत
    by भाषा
    March 25, 2023
  • भारत में एक दिन में Covid-19 के 1590 नए मामले सामने आए
    by भाषा
    March 25, 2023
  • बैंक अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल में ‘भविष्यत’ क्रेडिट कार्ड जारी करने पर सहमति जताई: अमित मित्रा
    by भाषा
    March 25, 2023
  • कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 124 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की
    by भाषा
    March 25, 2023
  • राहुल अयोग्यता मामला : कश्मीरी नेताओं ने केंद्र सरकार की आलोचना की
    by भाषा
    March 25, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57527.10 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57527
-3980.69%
निफ्टी57527
-3980%
सीएनएक्स 50014279
-1250.87%
रुपया-डॉलर82.24
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI97.8411.19
Cyient1001.556.36
Minda Corp210.854.93
Adani Green1030.004.84
GE Shipping Co623.903.94
Zydus Wellness1531.353.89
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI98.2012.04
Cyient1001.206.05
Adani Green1029.354.78
GE Shipping Co624.453.87
Adani Transmissi1124.553.70
Zydus Wellness1524.553.64
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchShare Market TodayHindenburg | Jack DorseyDDMA | Mock Drill on EarthquakeNarendra ModiGoogle DoodleCorona UpdateRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us