facebookmetapixel
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौताEditorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिएनियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगाबिहार: PM मोदी ने पेश की सुशासन की तस्वीर, लालटेन के माध्यम से विपक्षी राजद पर कसा तंज80 ही क्यों, 180 साल क्यों न जीएं, अधिकांश समस्याएं हमारे कम मानव जीवनकाल के कारण: दीपिंदर गोयलभारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर दिया जोरपीयूष पांडे: वह महान प्रतिभा जिसके लिए विज्ञापन का मतलब था जादूभारत पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीद बढ़ाएगा, इराक, सऊदी अरब और UAE से तेल मंगाकर होगी भरपाईBlackstone 6,196.51 करोड़ रुपये के निवेश से फेडरल बैंक में 9.99 फीसदी खरीदेगी हिस्सेदारीवित्त मंत्रालय 4 नवंबर को बुलाएगा उच्चस्तरीय बैठक, IIBX के माध्यम से सोने-चांदी में व्यापार बढ़ाने पर विचार

Rental income: अहमदाबाद बना किराए से कमाई का नंबर 1 शहर, 3.9% की सबसे ज्यादा रेंटल यील्ड!

अहमदाबाद ने भारत के रियल एस्टेट बाजार में बनाई खास जगह। बढ़ती मांग और किफायती प्रॉपर्टी कीमतों के चलते शहर में रेंटल यील्ड 3.9% तक पहुंची।

Last Updated- November 27, 2024 | 7:27 PM IST
Rental income- किराये से कमाई

अहमदाबाद का रेजिडेंशियल रियल एस्टेट मार्केट भारत में सबसे ज्यादा रेंटल यील्ड देने वाला बन गया है। मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शहर का रेंटल यील्ड 3.9% है। भारत के 13 बड़े शहरों में औसत रेंटल यील्ड 3.62% पर पहुंच गई है।

किराए में बड़ी बढ़ोतरी

तिमाही में अहमदाबाद में किराए में 7.9% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

शहर में 2BHK फ्लैट का औसत किराया:

शेला इलाके में ₹21,100 प्रति माह
साउथ बोपल में ₹23,200 प्रति माह

3BHK फ्लैट का किराया:

सैटेलाइट में ₹42,500
प्रह्लाद नगर में ₹40,000

प्रॉपर्टी की कीमतें और किराया

अहमदाबाद में प्रॉपर्टी की औसत कीमत ₹5,927 प्रति वर्ग फुट है। वहीं, औसत किराया पिछले साल की तुलना में 16.9% बढ़कर ₹19.35 प्रति वर्ग फुट हो गया है।

किराए के बाजार में अहमदाबाद सबसे आगे

अहमदाबाद का किराए का बाजार निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है। प्राइम लोकेशन जैसे सैटेलाइट और प्रह्लाद नगर में भारी मांग देखी गई है। शहर में किराए की मांग सालाना आधार पर 18.07% बढ़ी है, जबकि सप्लाई में 5.8% की कमी आई है।

अन्य शहरों का प्रदर्शन

चेन्नई: किराए में 21.3% की तिमाही वृद्धि।
हैदराबाद: रेंटल यील्ड Q2 2024 में 3.5% से बढ़कर Q3 2024 में 3.7% हो गई। औसत किराया ₹25.17 प्रति वर्ग फुट पहुंचा।
कोलकाता: रेंटल यील्ड 3.7% रही। किराए में 12.9% की सालाना वृद्धि।
दिल्ली: किराए में 8.8% की तिमाही वृद्धि।

रियल एस्टेट में निवेश का बढ़ता रुझान, अहमदाबाद और हैदराबाद बने पसंदीदा शहर

पिछले कई दशकों से घर खरीदार मुख्य रूप से व्यक्तिगत उपयोग या प्राथमिक निवास के लिए संपत्तियां खरीदते थे। लेकिन अब बदलते रियल एस्टेट बाजार में निवेश के लिए भी घर खरीदने का रुझान बढ़ रहा है। मैजिकब्रिक्स के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर प्रसून कुमार ने कहा, “बढ़ते किराए की आमदनी से प्रेरित होकर, अब कई खरीदार निवेश के लिए एक से ज्यादा प्रॉपर्टी खरीदने का सोच रहे हैं, यहां तक कि इसके लिए लोन लेने को भी तैयार हैं।”

किराए में उछाल

हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे और कोलकाता जैसे शहरों में किराए में तेज बढ़ोतरी हो रही है, जो बेंगलुरु और दिल्ली जैसे स्थापित हब से भी आगे निकल गए हैं।

हैदराबाद और कोलकाता: यहां बढ़ते रोजगार और किफायती जीवनशैली के कारण किराएदारों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

निवेशकों के लिए मौका

रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा बाजार निवेशकों के लिए किराए की आय और संपत्ति के मूल्य में वृद्धि का लाभ उठाने का सही समय है। प्रमुख शहरों में स्थिर मांग और मजबूत प्रदर्शन से लॉन्ग टर्म की संभावनाएं बढ़ी हैं।

हाउसिंग अफोर्डेबिलिटी रिपोर्ट

मैजिकब्रिक्स की प्रमुख रिपोर्ट “Housing Affordability in Major Indian Cities” में कई अहम आंकड़े सामने आए:

प्रॉपर्टी प्राइस-टू-एनुअल हाउसहोल्ड इनकम रेश्यो (P/I Ratio):

2020 में यह 6.6 था, जो 2024 में बढ़कर 7.5 हो गया है। यह वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य 5 के मानक से अधिक है।
सबसे किफायती शहर: चेन्नई (5), अहमदाबाद (5), कोलकाता (5)।
सबसे कम किफायती शहर: मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (14.3), दिल्ली (10.1)।

ईएमआई-टू-मंथली इनकम रेश्यो:

2020 में यह 46% था, जो 2024 में बढ़कर 61% हो गया है।

प्रमुख मेट्रो शहरों में ईएमआई का बोझ ज्यादा है:

मुंबई: 116%
दिल्ली: 82%
गुरुग्राम और हैदराबाद: 61%
किफायती शहर: अहमदाबाद (41%), चेन्नई (41%), कोलकाता (47%)।

नतीजा

रिपोर्ट के मुताबिक, हैदराबाद, अहमदाबाद और कोलकाता जैसे शहर किफायती निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। वहीं, मेट्रो शहरों में बढ़ती संपत्ति की कीमतें और ईएमआई का बोझ खरीदारों की पहुंच से बाहर जा रहा है। ऐसे में निवेशकों और घर खरीदारों को सही समय और जगह का चयन करना महत्वपूर्ण होगा।

First Published - November 27, 2024 | 7:25 PM IST

संबंधित पोस्ट