प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद उसी ही दिन 1 करोड़ घरों को सोलर पैनल देने का ऐलान आखिरकार 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट 2024-25 में व्यापक रूप ले ही लिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि अब भारत के 1 करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट तक बिजली फ्री में मिलेगी और इससे उन परिवारों का 15,000 से 18,000 रुपये हर साल खर्च होने से बच जाएगा। अब आप सोच रहे होंगे कि सरकार ने छत पर सोलर पैनल लगाने का वादा तो कर दिया है, लेकिन कैसे इतना पैसा आपका बच जाएगा।
दिलचस्प बात यह है कि सरकार की इस योजना से न सिर्फ आपके छत पर सोलर रूफटॉप या दूसरी भाषा में कहें तो सोलर पैनल लग जाएगा, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ने वाला है। तो आइये एक-एक कर जानते हैं कैसे आप बचा सकेंगे पैसा और क्या होने वाला है फायदा-
कैसे बचेगा 15,000 से 18,000 रुपये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार 1 करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाने जा रही है। यह सोलर रूफटॉप प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना (Pradhan Mantri Suryodaya Yojana) के तहत लगाए जाएंगे, जिसका ऐलान 22 फरवरी को पीएम मोदी ने किया था। अब बात आती है 300 यूनिट फ्री बिजली की।
सरकार का कहना है कि वे लोग, जो अपने घरों में Pradhan Mantri Suryodaya Yojana के तहत सोलर रूफटॉप लगवाएंगे, उनके घरों में 300 यूनिट के लिए बिजली बिल को सरकार माफ कर देगी यानी फ्री कर देगी।
सोलर इंडस्ट्री का मानना है कि अगर 10 किलोवॉट वाला सोलर पैनल एक घर में लगाया जाता है तो उससे तकरीबन 300 यूनिट बिजली उत्पन्न की जा सकती है। इससे तो उन परिवारों का पैसा बचेगा ही, साथ ही साथ 300 यूनिट बिजली सरकार फ्री में दे देगी। इस लिहाज से अब तक आपको 600 यूनिट बिजली फ्री में मिल चुकी है।
अगर आप 600 यूनिट से भी ज्यादा बिजली की खपत करते हैं, तो भी आपके लिए एक बेहतरीन उपाय है। संभव है कि आपके सोलर पैनल से उत्पन्न हुई बिजली की खपत पूरी तरह से न हो पाए और वह बच जाए। ऐसे में सोलर एनर्जी को ग्रिड में डाला जा सकता है। यह आपके लिए बिजली सेविंग की तरह काम करेगी। क्योंकि जो बिजली आपने ग्रिड में डाली है, उसके बदले बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (डिस्कॉम) से पैसा मांग सकते हैं। इसका मतलब यह है कि सोलर एनर्जी को बचाकर ग्रिड में डालकर भी आप पैसा कमा सकते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो आप हर महीने मौके का फायदा उठाते हुए 15 हजार रुपये से लेकर 18 हजार रुपये बचाने लेंगे।
आपके छतों पर सोलर पैनल को बनाने के लिए कंपनियों में या तो विस्तार होगा या नई कंपनियों की स्थापना होगी। दोनों की परिस्थितियों में कई स्तर के नए कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। जहां एक तरफ नई कंपनियों
इसके अलावा, हर घर में सोलर लगाने, मेंटिनेंस करने जैसी चीजों के लिए स्किल्ड वर्कर्स की जरूरत पड़ेगी। इन सब से रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सरकार की इस पहल के बाद पर्यावरण को भी फायदा होने वाला है। क्योंकि, बिजली उत्पादन कम होने से कोयले की खपत कम हो जाएगी, जिसका सीधा असर पर्यावरण और सरकारी खजाने पर देखने को मिल सकता है।
इसके अलावा भी घरों में कई ऐसी चीजों का उपयोग किया जाता है, जिसमें जीवाश्म ईंधन का प्रयोग किया जाता है, उनकी भी बचत हो सकती है।
जाहिर है कि बिजली बिल कम लगने से लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करेंगे, जिससे देश में पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधनों का उपयोग तो कम हो जाएगा, जिसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है। इलेक्ट्रिक रिक्शा चलाने वाले लोगों को भी बिजली बिल भरने से राहत मिल सकती है।
इसका एक फायदा अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है, क्योंकि पेट्रोल-डीलत का आयात घटेगा तो सरकार के खजाने से सब्सिडी के तौर पर दिया जाने वाला खर्च कम हो जाएगा।
भारत के गांवों में मौसम या अन्य कई कारणों से ट्रांसफार्मर खराब हो जाते हैं और बिजली सप्लाई कई दिनों तक के लिए रुक जाती है। ऐसे में अगर सोलर रूफटॉप लग जाता है तो घरों को 24 घंटे बिजली मिलने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाएगी।
सोलर पैनल को लेकर केंद्र सरकार पहले से ही एक नेशनल रूफटॉप स्कीम (National Rooftop Scheme) चला रही है, जिसके तहत लागत का 40 फीसदी हिस्सा सरकार के हिस्से से सब्सिडी के चौर पर दिया जाता है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में स्थापित सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 73 गीगावॉट से ज्यादा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को संसद सदस्यों को अपने संयुक्त संबोधन में कहा कि 10 वर्षों में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता 81 गीगावॉट से बढ़कर 188 गीगावॉट हो गई है।