facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

ITR 2025: भारत का इकलौता राज्य जहां करोड़ों की कमाई पर भी नहीं लगता टैक्स

ITR 2025: सिक्किम को यह छूट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371(F) और आयकर अधिनियम की धारा 10(26AAA) के तहत मिली हुई है।

Last Updated- June 10, 2025 | 1:48 PM IST
income tax
Representative Image

अगर आपको यह जानकर हैरानी हो कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है जहां के लोग करोड़ों रुपये की कमाई करने के बावजूद इनकम टैक्स नहीं देते, तो यह पूरी तरह सच है। वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में भी यह छूट जारी है। देश में यह विशेष सुविधा सिर्फ सिक्किम राज्य के कुछ योग्य निवासियों को मिलती है।

आइए, जानते हैं सिक्किम के लोगों को क्यों नहीं देना पड़ता इनकम टैक्स?

सिक्किम देश का इकलौता राज्य है जहां योग्य नागरिकों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट मिली हुई है। चाहे नौकरी से कमाई हो या निवेश और वित्तीय संपत्ति से, अगर व्यक्ति इस छूट के दायरे में आता है तो उसे कोई टैक्स नहीं देना होता।

संवैधानिक आधार क्या है?

सिक्किम को यह छूट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371(F) और आयकर अधिनियम की धारा 10(26AAA) के तहत मिली हुई है। ये प्रावधान सिक्किम के मूल निवासियों को कानूनी तौर पर टैक्स से छूट देते हैं।

यह भी पढ़ें…Post Office Scheme: बच्चे की हायर एजुकेशन नहीं होगी टेंशन, इस स्कीम में रोज ₹70 से बनाएं लाखों का फंड

इतिहास में छिपी है वजह

सिक्किम वर्ष 1975 में भारत का हिस्सा बना था। उस समय जो समझौता हुआ था, उसके तहत सिक्किम को कुछ स्वायत्त अधिकार दिए गए थे। उसी समझौते की शर्तों के मुताबिक वहां के मूल निवासियों को टैक्स से छूट का प्रावधान आज भी जारी है।

कौन उठा सकता है इस टैक्स छूट का लाभ?

सिर्फ वे लोग जो ‘सिक्किम सब्जेक्ट्स रेगुलेशन 1961’ के तहत पंजीकृत हैं, इस छूट के पात्र होते हैं। यानी यह सुविधा केवल उन्हीं लोगों को मिलती है जो 1975 से पहले के मूल निवासी हैं।

बाकी राज्यों से कैसे अलग है सिक्किम?

भारत के बाकी हिस्सों में जहां एक निश्चित सीमा से ज्यादा कमाने वालों को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना जरूरी होता है, वहीं सिक्किम के योग्य नागरिकों को ITR भरने की भी जरूरत नहीं होती। यहां तक कि अगर उनकी सालाना कमाई करोड़ों में भी हो, तब भी उन पर इनकम टैक्स लागू नहीं होता।

देश में और कौन-सी इनकम टैक्स फ्री होती है?

हालांकि सिक्किम की स्थिति देश में अनोखी है, फिर भी कुछ खास मामलों में भारत में टैक्स फ्री इनकम की व्यवस्था है। जैसे:

  • कृषि से होने वाली आय पूरी तरह टैक्स फ्री है।
  • एनआरई (NRE) खाते में मिलने वाला ब्याज भी टैक्स फ्री होता है।
  • छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप भी टैक्स के दायरे से बाहर रहती है।

लेकिन ये छूटें सिर्फ विशेष आय के लिए होती हैं। जबकि सिक्किम में पात्र नागरिकों की पूरी आमदनी टैक्स फ्री होती है, जो इसे बाकी राज्यों से पूरी तरह अलग बनाती है।

First Published - June 10, 2025 | 1:48 PM IST

संबंधित पोस्ट