Advance Tax Deadline: एडवांस टैक्स (advance tax) की चौथी और अंतिम किस्त की डेडलाइन 15 मार्च को खत्म हो चुकी है। अगर आप एक सैलरीड क्लास एम्पलाई (सैलरी पाने वाले कर्मचारी) हैं और आपने साल के दौरान सैलरी के अलावा कोई अतिरिक्त आमदनी (जैसे ब्याज, किराया या पूंजीगत लाभ) अर्जित की है लेकिन उस पर एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है, तो आपको लग सकता है कि अब इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234C के तहत ब्याज से बचना संभव नहीं है।
हालांकि, जिन कर्मचारियों की आय का मुख्य स्रोत सैलरी है, उनके मामले में आमतौर पर नियोक्ता द्वारा टीडीएस (TDS) काट लिया जाता है जो टैक्स देनदारी को काफी हद तक कवर कर देता है। लेकिन अगर सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से आय हुई है, तो ऐसे मामलों में एडवांस टैक्स का भुगतान जरूरी हो सकता है—अन्यथा सेक्शन 234C के तहत ब्याज देना पड़ सकता है।
इनकम टैक्स कैलकुलेट करें: इनकम टैक्स कैलकुलेटर
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अगर आपने 15 मार्च की एडवांस टैक्स डेडलाइन मिस कर दी है, तो भी आप 31 मार्च से पहले बकाया टैक्स चुका कर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234C के तहत लगने वाले ब्याज से बच सकते हैं।
सिंघानिया एंड कंपनी के पार्टनर अमित बंसल बताते हैं कि ब्याज से कैसे बचा जा सकता है:
अपनी कुल टैक्स देनदारी की गणना करें: सैलरी, ब्याज, किराया, पूंजीगत लाभ या किसी अन्य टैक्स योग्य आय को शामिल करते हुए अपनी कुल टैक्स देनदारी की गणना करें।
TDS कटौती की जांच करें: अपने नियोक्ता और बैंकों द्वारा काटे गए TDS की जांच करें (Form 26AS या AIS के जरिए जांचें)।
31 मार्च से पहले बकाया टैक्स चुका दें: अगर TDS एडजस्ट करने के बाद आपकी कुल टैक्स देनदारी 10,000 रुपये से ज्यादा है, तो सेक्शन 234C के तहत ब्याज से बचने के लिए 31 मार्च से पहले एडवांस टैक्स भर दें।
ऑनलाइन टैक्स भुगतान करें: ई-फाइलिंग पोर्टल या अधिकृत बैंकों के जरिए चालान 280 (Challan 280) के माध्यम से एडवांस टैक्स का भुगतान करें।
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अगर आप 31 मार्च तक एडवांस टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं या अतिरिक्त TDS कटौती की व्यवस्था नहीं करते हैं, तो टैक्स भुगतान में देरी के लिए आप पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234C के तहत ब्याज लग सकता है। इसके अलावा, यदि आपकी कुल टैक्स देनदारी का कम से कम 90% हिस्सा 31 मार्च तक नहीं चुकाया गया है, तो आप पर धारा 234B के तहत भी ब्याज लगेगा। यह ब्याज हर महीने 1% की दर से तब तक लगता है जब तक आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं कर देते। इसलिए, 31 मार्च वह अंतिम तारीख है जब आप इन दोनों प्रकार के ब्याज दंड से बच सकते हैं।
साइरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर (हेड – टैक्सेशन) एसआर पट्नायक ने कहा, “अगर आपने 15 मार्च की डेडलाइन मिस कर दी है, तो आपको जरूरी जानकारी देकर अपने नियोक्ता से सैलरी से अतिरिक्त टैक्स कटौती करने का अनुरोध करना चाहिए।”