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ITR Filing 2025: आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समयसीमा बढ़ सकती है। गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को पत्र लिखकर डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है। संगठन का कहना है कि इस बार ITR फॉर्म और यूटिलिटीज काफी देर से जारी हुईं, जिसकी वजह से टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया।
बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स के लिए सरकार ने ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी थी। लेकिन GCCI का मानना है कि यह राहत पर्याप्त नहीं है, क्योंकि जरूरी फॉर्म्स अगस्त तक उपलब्ध ही नहीं थे।
GCCI ने कहा है कि यूटिलिटी में बार-बार हुए बदलाव और कई इलाकों में धीमे इंटरनेट कनेक्शन ने टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स के लिए और मुश्किलें खड़ी कर दीं। इसी कारण संगठन ने ITR फाइलिंग और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (30 सितंबर) दोनों की तारीख आगे बढ़ाने की अपील की है।
GCCI ने कहा है कि आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की समयसीमा को लेकर करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनलों पर अतिरिक्त दबाव बन गया है। दरअसल, आईटीआर-5 यूटिलिटी, जो फर्मों, एलएलपी, ट्रस्ट, एओपी, बीओआई और अन्य कई श्रेणियों के लिए लागू होती है, 8 अगस्त 2025 को जारी की गई है। ऐसे में नॉन-ऑडिट केस के लिए फाइलिंग की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 होने के कारण तैयारी और फाइलिंग के लिए बहुत ही सीमित समय बचा है।
GCCI ने कहा कि इतने कम समय में टैक्स प्रोफेशनलों को वित्तीय डाटा जुटाने, गणना की सटीकता सुनिश्चित करने और समय पर रिटर्न दाखिल करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
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करदाता और टैक्स प्रोफेशनल्स को आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लगातार तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें प्रमुख समस्याएं शामिल हैं:
रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट अपलोड में दिक्कतें: उपयोगकर्ताओं को आईटीआर, फॉर्म 3CD और अन्य फॉर्म अपलोड करते समय बार-बार एरर या सिस्टम फेल्योर का सामना करना पड़ रहा है।
फॉर्म 26AS, AIS और TIS में गड़बड़ी: इन दस्तावेजों में समय पर अपडेट न होना और डेटा का मेल न खाना बड़ी समस्या है। कई बार एक ही समय पर डाउनलोड किए गए AIS और TIS में अंतर देखने को मिला है।
पोर्टल की धीमी गति और टाइमआउट: डेडलाइन नजदीक आते ही पोर्टल पर ट्रैफिक बढ़ जाता है, जिससे पेज स्लो होना, लॉग-इन न होना और सेशन टाइमआउट जैसी दिक्कतें सामने आती हैं।
यूटिलिटी की संगतता की समस्या: कई बार जारी की गई यूटिलिटी सिस्टम के अपडेटेड वर्जन पर काम नहीं करती। ऐसे में बार-बार नए अपडेटेड वर्जन आने तक करदाताओं को इंतजार करना पड़ता है।
इन समस्याओं के चलते न केवल फाइलिंग की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, बल्कि टैक्स प्रोफेशनलों के लिए कई क्लाइंट्स के काम को समय पर निपटाना भी बेहद चुनौतीपूर्ण बन गया है।
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ITR-1 से ITR-4 : मई से जुलाई 2025 के बीच
ITR-5 : 8 अगस्त 2025
ITR-6 एक्सेल यूटिलिटी : 15 अगस्त 2025
ITR-7 : अब तक जारी नहीं
ऑडिट फॉर्म 3CA-3CD और 3CB-3CD : 29 जुलाई 2025
15 सितंबर 2025 : बिना ऑडिट वाले टैक्सपेयर्स के लिए
30 सितंबर 2025 : टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की आखिरी तारीख
31 अक्टूबर 2025 : कंपनियों, पार्टनरशिप फर्म्स और ऑडिट वाले मामलों के लिए ITR की डेडलाइन
30 नवंबर 2025 : इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन या खास डोमेस्टिक डीलिंग वाले मामलों के लिए