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G20 शिखर सम्मेलन में भारत-ब्राजील की राह पर दक्षिण अफ्रीका, बोले PM मोदी: एजेंडा आगे बढ़ा

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बहिष्कार के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा: अफ्रीकी देश ने जी20 एजेंडे को आगे बढ़ाया

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- November 21, 2025 | 10:11 PM IST

जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली से शुक्रवार की सुबह जोहान्सबर्ग रवाना होते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने पिछले विशेष रूप से 2023 में नई दिल्ली और 2024 में रियो डी जनेरियो में आयोजित शिखर सम्मेलनों के एजेंडे को आगे बढ़ाया है। इस वर्ष जी20 का विषय ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ है। प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण अफ्रीका के जी20 एजेंडे की आलोचना की है और इसमें भाग लेने के लिए जूनियर अधिकारियों को भेजा है। यहां तक कि ट्रंप खुद इसका बहिष्कार कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी सप्ताहांत में शिखर सम्मेलन के सभी तीन पूर्ण सत्रों को संबोधित करेंगे। नई दिल्ली में दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले जारी अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि वह शिखर सम्मेलन में भारत के दृष्टिकोण को वसुधैव कुटुम्बकम तथा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ के अनुरूप प्रस्तुत करेंगे। मोदी ने कहा, ‘यह विशेष शिखर सम्मेलन है, क्योंकि यह पहली बार अफ्रीका में आयोजित हो रहा है।’

उन्होंने कहा कि अफ्रीकी संघ 2023 में नई दिल्ली में भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में इसका स्थायी सदस्य बना था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भागीदार देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने और जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर आयोजित होने वाले 6वें आईबीएसए (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं। मोदी दक्षिण अफ्रीका में भारतीय प्रवासियों के साथ भी बातचीत करेंगे, यहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी वर्ष 2016 में द्विपक्षीय यात्रा के अलावा 2018 और 2023 में दो ब्रिक्स शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका गए थे। यह उनकी चौथी आधिकारिक यात्रा है। विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा, ‘यह अफ्रीकी धरती पर होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है। इस संदर्भ में सम्मेलन के दौरान अफ्रीका के विकास संबंधी मुद्दों के साथ-साथ विकासशील देशों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।’

भारत ने शिखर सम्मेलन के एजेंडे को महत्त्वपूर्ण बताया है, क्योंकि यह जी20 में हमारी प्राथमिकताओं की निरंतरता सुनिश्चित करता है। अधिकारी ने कहा कि इनमें सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के काम में तेजी लाना, वैश्विक प्रशासनिक संस्थानों में सुधार, पर्यावरणीय और जलवायु चुनौतियों से निपटना, तकनीकी स्थिरता, डिजिटलीकरण की खाई को पाटना, ऊर्जा परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियां, समकालीन वैश्विक चुनौतियों से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समन्वय और सहयोग के महत्त्व को रेखांकित करना जैसे मुद्दे शामिल हैं।

एकजुटता, समानता और स्थिरता की थीम के तहत दक्षिण अफ्रीका ने इस वर्ष अपनी जी20 अध्यक्षता के लिए आपदा से निपटने के तंत्र को मजबूत करना,  गरीब देशों के लिए ऋण स्थिरता सुनिश्चित करना, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन के लिए धन जुटाना और समावेशी एवं सतत विकास के लिए दुर्लभ खनिजों का उपयोग करना जैसी चार बड़ी प्राथमिकएं तय की हैं। 

जोहान्सबर्ग सम्मेलन 20 देशों की जी20 अध्यक्षता के पहले चक्र को पूरा करेगा। अधिकारी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका द्वारा पहचानी गई प्राथमिकताएं भारत की जी20 अध्यक्षता और ब्राजील की प्राथमिकताओं से मेल खाती हैं, जो विकासशील देशों के लिए महत्त्वपूर्ण मामलों के दृष्टिकोण से जी20 की चर्चाओं में निरंतरता सुनिश्चित करती हैं।

अधिकारी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 सम्मेलन में आपदा जोखिम कम करने वाला कार्य समूह स्थापित किया था, दक्षिण अफ्रीका ने इससे संबंधित महत्त्वपूर्ण कार्य को आगे बढ़ाया है। इसी तरह खाद्य सुरक्षा पर कार्य बल के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता ने इस महत्त्वपूर्ण चुनौती पर भी बातचीत को गति दी है।

अगले साल होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका करेगा। इसे देखते हुए  दक्षिण अफ्रीका को घोषणा जारी नहीं करने की चेतावनी दी है। विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वह यह अनुमान नहीं लगाना चाहेंगे कि नेताओं की घोषणा में क्या शामिल होगा, लेकिन भारत और अन्य गरीब देशों के दृष्टिकोण से प्रासंगिक सभी महत्त्वपूर्ण मामलों को हमारे नेतृत्व द्वारा उजागर किया जाएगा।’

विकासशील देशों की धरती पर लगातार होने वाला यह समूह का चौथा शिखर सम्मेलन है। इससे पहले यह ब्राजील (2024), भारत (2023) और इंडोनेशिया (2022) की अध्यक्षता में संपन्न हो चुका है। जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके, अमेरिका, यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ शामिल हैं।

First Published : November 21, 2025 | 10:10 PM IST