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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ITAT में CA और वकील को अब समान पात्रता मानदंड

न्यायालय ने कहा कि अगर किसी सीए के पास दस वर्षों का पेशेवर अनुभव है तो वह उक्त पद के लिए पात्र माना जाएगा

Published by
भाविनी मिश्रा   
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- November 21, 2025 | 10:34 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि आयकर अपील पंचाट (आईटीएटी) में लेखाकार सदस्यों के रूप में नियुक्ति के लिए सनदी लेखाकारों (चार्टर्ड अकाउंटेंट) को अधिवक्ताओं के बराबर ही तवज्जो दी जानी चाहिए। न्यायालय ने कहा कि अगर किसी सीए के पास दस वर्षों का पेशेवर अनुभव है तो वह उक्त पद के लिए पात्र माना जाएगा।

न्यायालय ने तकनीकी सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए सीए के पास न्यूनतम 25 वर्षों के अनुभव की अनिवार्यता को असंवैधानिक बताया और इसे खारिज कर दिया। शीर्ष न्यायालय ने यह भी कहा कि मद्रास विधिज्ञ परिषद और भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने तर्क दिया था कि 25 वर्षों की शर्त मनमाने ढंग से तय की गई थी। उन्होंने कहा कि पीठ याचियों की ओर से पेश की गई दलीलों से पूरी तरह ‘पूरी तरह से सहमत’ है।

पीठ ने कहा कि वह पूर्व में अधिवक्ताओं के लिए भी 25 वर्षों के अनुभव की आवश्यकता को असंवैधानिक घोषित कर चुका है इसलिए उसे आईटीएटी सदस्यता के लिए सीए के मामले में भी यह शर्त असंवैधानिक लगी।

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मौजूदा कानून के तहत एक वकील दस साल के पेशेवर अनुभव के साथ आईटीएटी के न्यायिक सदस्य के रूप में सेवा करने के लिए पात्र हो जाता है। न्यायालय ने केंद्र को न्यायाधिकरण नियुक्तियों पर एक नया कानून तैयार करते वक्त इन निष्कर्षों को ध्यान में रखने का निर्देश दिया।

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन के पीठ ने 20 नवंबर के अपने आदेश में कहा,‘कानून बनाते समय सरकार यह भी ध्यान में रखेगी कि सीए के लिए 25 वर्षों के अनुभव की अनिवार्यता अमान्य और असंवैधानिक घोषित कर दी गई है।’

इस आदेश को अब बुधवार के व्यापक फैसले में शामिल किया गया है जिसने न्यायाधिकरण सुधार अधिनियम, 2021 के तहत न्यायाधिकरण सदस्यों के लिए 50 साल की न्यूनतम आयु सीमा और चार साल के कार्यकाल को खारिज कर दिया।

 न्यायालय ने माना कि केंद्र ने पहले ही असंवैधानिक घोषित प्रावधानों को केवल थोड़े बदले हुए रूप में प्रभावी बनाए रखने की कोशिश की थी।  द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के अध्यक्ष सीए चरणजीत सिंह नंदा ने न्यायालय के फैसले किया और कहा कि इसने सीए पेशे को ‘उचित मान्यता’ दी है।

First Published : November 21, 2025 | 10:23 PM IST