शेयर बाजार

सेबी बड़े सुधारों की तैयारी में: ब्रोकर और म्युचुअल फंड नियमों में बदलाव संभव, नकदी खंड में कारोबार बढ़ाने पर जोर

बाजार नियामक वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) श्रेणी में खरीद-फरोख्त में आई हालिया तेजी के बीच नकदी श्रेणी में बाजार गतिवि​धियों को रफ्तार देने के उपायों पर भी नजर रख रहा है

Published by
असित रंजन मिश्र   
विकास धूत   
Last Updated- November 21, 2025 | 10:47 PM IST

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ब्रोकरों और म्युचुअल फंडों को नियंत्रित करने वाले नियमों में पूरी तरह बदलाव करने पर विचार कर रहा है। ये नियम 1990 के दशक में बनाए गए थे। 17 दिसंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया जा सकता है। सेबी म्युचुअल फंडों के लिए ब्रोकरेज फीस की सीमा कम करने की अपनी योजना से भी पीछे हट सकता है क्योंकि इससे स्वतंत्र इ​क्विटी अनुसंधान पर बुरा असर पड़ने की आशंका है।

बाजार नियामक वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) श्रेणी में खरीद-फरोख्त में आई हालिया तेजी के बीच नकदी श्रेणी में बाजार गतिवि​धियों को रफ्तार देने के उपायों पर भी नजर रख रहा है। इसका उद्देश्य नकदी श्रेणी में शॉर्ट सेलिंग गतिवि​धियों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा सार्वजनिक फर्मों के लिए सूचीबद्धता एवं खुलासा प्रावधानों की भी समीक्षा की जा रही है ताकि प्रवर्तकों को परिभा​षित करने अथवा उनकी पहचान करने में अस्पष्टताओं को दूर किया जा सके।

Also Read: राजस्व में गिरावट के बावजूद ग्रो का तिमाही लाभ 12% बढ़ा, सक्रिय यूजर्स में दिखी मजबूत बढ़त

इस मामले से अवगत एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि ऐसा खास तौर पर नए जमाने की उन कंपनियों के लिए किया जा रहा है ताकि यह सुनि​श्चित हो सके कि फर्म का नियंत्रण खोने के बाद भी प्रवर्तक उससे चिपके न रहें।

म्युचुअल फंड द्वारा नकदी बाजार में लेनदेन के लिए दी जाने वाली ब्रोकरेज फीस की सीमा को 12 आधार अंक से घटाकर 2 आधार अंक करने संबंधी सेबी की योजना के बारे में अधिकारी ने कहा कि बाजार नियामक को शुरू में लगा था कि कम लागत से निवेशकों को फायदा होगा।

First Published : November 21, 2025 | 10:40 PM IST