प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स (ग्रो) ने सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही (वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही) में एकीकृत शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की और यह 471.3 करोड़ रुपये रहा। हालांकि परिचालन राजस्व एक साल पहले के 1,125 करोड़ रुपये के मुकाबले 9.5 फीसदी घटकर 1,019 करोड़ रुपये रह गया। परिचालन लाभ 13 फीसदी घटकर 624 करोड़ रुपये रहा।
डेरिवेटिव के सख्त ढांचे ने ट्रेडिंग वॉल्यूम कम कर दिया है जिससे ग्रो की कमाई पर असर पड़ा है। फिर भी, प्लेटफॉर्म के सक्रिय यूजर्स की संख्या वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 27 फीसदी बढ़कर 1.48 करोड़ हो गई। कंपनी की आय में डेरिवेटिव ट्रेडिंग का योगदान 57 फीसदी रहा। इसके बाद नकद ट्रेडिंग (19 फीसदी) और फ्लोट आय (7 फीसदी) का स्थान था।
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अपने निवेशक प्रस्तुतीकरण में ग्रो ने कहा कि डेरिवेटिव राजस्व पर ट्रू-टू-लेबल सर्कुलर के कारण प्रति ऑर्डर कम राजस्व का असर पड़ा। जबकि नकद खंड में प्रति ऑर्डर राजस्व में उच्चतर औसत ऑर्डर मूल्यों और मूल्य वृद्धि के कारण सुधार हुआ।
कंपनी ने बताया कि उसका बिजनेस मॉडल एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म की तरह काम करता है जिसमें 90 फीसदी से ज्यादा लागत अप्रत्यक्ष प्रकृति की होती हैं। नतीजतन, बढ़ती हुई आय काफ़ी हद तक कंपनी के मुनाफे में जाती है। कंपनी ने कहा, जब भी हमारी राजस्व वृद्धि लागत से ज्यादा होती है तो हमारा लाभ बढ़ता है, जिससे मुनाफे में इजाफा होता है।
इस महीने की शुरुआत में शेयर बाजार में आगाज के बाद से यह कंपनी का पहला सार्वजनिक परिणाम था। ग्रो के शेयर करीब 1 फीसदी बढ़कर 158 रुपये पर पहुंच गए। इससे कंपनी का मूल्यांकन 97,500 करोड़ रुपये हो गया। पीक 15 समर्थित इस कंपनी के शेयर अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से 18 फीसदी नीचे आ गए हैं। लेकिन अपने आईपीओ मूल्य से अभी भी 58 फीसदी ऊपर हैं।