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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जारी की ITR-6 एक्सेल यूटिलिटी: कौन भर सकता है यह फॉर्म? जानें पूरी डिटेल

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-6 एक्सेल यूटिलिटी जारी कर दी है। इस बार इसमें कई बदलाव किए गए हैं, जिससे फाइलिंग प्रक्रिया और तेज व सुरक्षित हो जाएगी।

Published by
ऋषभ राज   
Last Updated- August 18, 2025 | 4:51 PM IST

ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2024-25 (AY 2025-26) के लिए ITR-6 फॉर्म का एक्सेल यूटिलिटी जारी कर दी है। यह यूटिलिटी कंपनियों के लिए है। इसकी मदद से कंपनियां इनकम टैक्स रिटर्न आसानी से फाइल कर सकती हैं। यह नया टूल ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध है और इसमें कई अपडेटेड फीचर्स शामिल हैं, जो कंपनियों के लिए रिटर्न भरने की प्रक्रिया को और आसान बनाते हैं। आइए जानते हैं कि यह फॉर्म कौन भर सकता है, यह किसके लिए है और इसे भरने के लिए क्या चाहिए।

ITR-6 फॉर्म कौन भर सकता है?

ITR-6 फॉर्म खास तौर पर उन कंपनियों के लिए है, जो कंपनी एक्ट, 2013 या उससे पहले के कंपनी एक्ट, 1956 के तहत रजिस्टर्ड हैं। इसमें प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, पब्लिक लिमिटेड कंपनियां और वन पर्सन कंपनियां (OPC) शामिल हैं। हालांकि, वे कंपनियां जो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 11 (धार्मिक या चैरिटेबल संस्थाएं) के तहत छूट का दावा करती हैं, वे इस फॉर्म को नहीं भर सकतीं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), फर्म, और LLP (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप) के लिए ITR-6 नहीं है। उनके लिए ITR-1, ITR-3 या ITR-5 जैसे फॉर्म उपलब्ध हैं।

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ITR-6 फॉर्म किसके लिए है?

यह फॉर्म उन कंपनियों के लिए बनाया गया है, जो भारत में रजिस्टर्ड हैं या विदेशी कंपनियां जो भारत में आय अर्जित करती हैं। साथ ही, पार्टनरशिप फर्म और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) जो सेक्शन 11 के तहत छूट का दावा नहीं करतीं, उन्हें भी ITR-6 फाइल करना होगा। इस फॉर्म को इलेक्ट्रॉनिक रूप से डिजिटल साइन के साथ जमा करना जरूरी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस यूटिलिटी को इस तरह डिजाइन किया है कि कंपनियां अपनी इनकम, बैलेंस शीट, मुनाफे या फिर घाटे की डिटेल, टैक्स पेमेंट और दूसरी जरूरी जानकारी आसानी से दर्ज कर सकें।

ITR-6 फाइल करने के लिए क्या चाहिए?

ITR-6 फॉर्म भरने के लिए कंपनियों को कुछ खास चीजों की जरूरत होगी। सबसे पहले, एक वैध और लाइसेंस प्राप्त माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल 2016 या उससे नया वर्जन, जिसमें मैक्रोज इनेबल हों। यह यूटिलिटी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल के ‘डाउनलोड’ सेक्शन से डाउनलोड की जा सकती है। फॉर्म में कंपनी की सामान्य जानकारी जैसे पैन, रजिस्ट्रेशन की तारीख, बैलेंस शीट, इनकम और खर्च का ब्योरा, कैपिटल गेन, डिडक्शन, और टैक्स पेमेंट (जैसे अग्रिम कर, TDS, TCS) की जानकारी देनी होगी। इस साल के लिए कुछ नए बदलाव भी शामिल किए गए हैं, जैसे कि 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के कैपिटल गेन को अलग-अलग दिखाना, शेयर बायबैक से हुए नुकसान को कैपिटल नुकसान के रूप में दर्ज करना और हाउसिंग लोन ब्याज पर छूट का दावा करने के लिए जरूरी जानकारी देना। इसके अलावा, क्रूज ऑपरेटरों और डायमंड व्यापारियों के लिए भी खास नियम जोड़े गए हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनियों से अपील की है कि वे नए यूटिलिटी का इस्तेमाल करें और समय पर रिटर्न फाइल करें ताकि किसी भी तरह की गलती या फाइन से बचा जा सके।

First Published : August 18, 2025 | 4:51 PM IST